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आनंद@50 : 1 फिल्म के 8 लाख लेने वाले राजेश खन्ना सिर्फ इतने पैसों में काम करने हो गए थे तैयार
मुंबई। सुपरस्टार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) और अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की यादगार मूवी 'आनंद' (Anand) को रिलीज हुए 50 साल हो चुके हैं। यह फिल्म 12 मार्च 1971 को रिलीज हुई थी। जिस वक्त यह फिल्म बनी थी, उस वक्त राजेश खन्ना बॉलीवुड के सुपरस्टार थे, जबकि अमिताभ बच्चन इंडस्ट्री में स्ट्रगल कर अपने पैर जमाने की कोशिश में जी-जान से जुटे हुए थे। फिल्म में लीड रोल में राजेश खन्ना थे, जबकि सपोर्टिंग एक्टर के तौर पर अमिताभ थे। फिल्म से जुड़े ऐसे कई मजेदार किस्से हैं, जिनके बारे में लोगों को कम ही पता है। आनंद से जुड़ा एक ऐसा ही मजेदार किस्सा कुछ दिनों पहले धर्मेन्द्र ने कपिल शर्मा के कॉमेडी शो में सुनाया था। बातों-बातों में धर्मेन्द्र ने बताया था कि 1971 में आई मशहूर फिल्म 'आनंद' राजेश खन्ना से पहले उन्हें ऑफर हुई थी।
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बता दें कि फिल्म आनंद के डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी थे। धर्मेन्द्र के मुताबिक, ऋषि दा किसी भी फिल्म की आउटलाइन सुना देते थे और हमें पता चल जाता था कि इसमें क्या होगा। इसी तरह, उन्होंने मुझे एक कहानी सुनाई थी बेंगलुरू से फ्लाइट में आते हुए फिल्म 'आनंद' की। ऋषि दा ने कहा था कि ये करेंगे, वो करेंगे। बाद में पता लगा कि फिल्म उन्होंने राजेश खन्ना के साथ शुरू कर दी।
इसके बाद जब धर्मेन्द्र को ये बात पता चली तो वो बेहद नाराज हुए। उनके मुताबिक, मैं तो टिकाता हूं ना। पीने के बाद मैंने फिर सारी रात ऋषि दा को सोने नहीं दिया। मैं इधर से फोन लगाता तो उधर से ऋषि दा कहते सो जा धरम। मैं उनसे पूछता कि जो कहानी मुझे सुनाई थी ऋषि दा कित्थे गई? मैं रातभर उन्हें फोन करके कहता रहा मेरी फिल्म उसे क्यों दी? दूसरी ओर ऋषि दा मुझसे मिन्नतें करते रहे कि धरम सो जा।
बता दें कि राजेश खन्ना उन दिनों एक फिल्म के लिए 8 लाख रुपए फीस लेते थे। जब उन्हें पता चला कि कई बड़े एक्टर्स के हाथों से ये फिल्म छूटी है तो वे फौरन ऋषिकेश दा के पास पहुंचे और उनसे कहा कि मैं फिल्म करने के लिए तैयार हूं।
इसके बाद ऋषिकेश मुखर्जी ने राजेश खन्ना से कहा- अगर आपको मेरे साथ काम करना है तो मेरी तीन शर्तें माननी होंगी। पहली ये कि टाइम पर आना होगा। दूसरी, मुझे ज्यादा डेट्स देनी होंगी और तीसरी शर्त ये कि 1 लाख रुपए की फीस में काम करना होगा। राजेश खन्ना ने बिना कुछ कहे उनकी सभी शर्तें मान ली थीं।
फिल्म ‘आनंद’ में ऋषिकेश मुखर्जी पहले किशोर कुमार को कास्ट करने वाले थे पर उन्हीं दिनों किशोर कुमार का एक बंगाली प्रोड्यूसर से विवाद हो गया और उन्होंने गार्ड को ऑर्डर दिए कि कोई बंगाली मुझसे मिलने आए तो उसे भगा देना। एक दिन ऋषिकेश मुखर्जी उनके घर पहुंचे लेकिन गार्ड ने उन्हें जाने नहीं दिया। इसके बाद ऋषिकेश मुखर्जी ने भी किशोर कुमार के साथ फिल्म बनाने का इरादा ही छोड़ दिया।
ऋषिकेश मुखर्जी इस फिल्म में पहले राज कपूर के भाई शशि कपूर को 'आनंद' के किरदार के लिए चाहते थे। लेकिन, किसी वजह से शशि कपूर ने फिल्म के लिए मना कर दिया। इसके बाद ऋषिकेश ने राज कपूर को आनंद बनाने का सोचा लेकिन उस समय राज कपूर बीमारी से ठीक ही हुए थे और ऋषिकेश नहीं चाहते थे कि वो फिल्म में राज कपूर को मरते हुए दिखाएं। इसके बाद यह रोल राजेश खन्ना तक पहुंचा।
फिल्म के मशहूर गाने 'जिन्दगी कैसी ये पहेली...' को पहले टाइटल के बैकग्राउंड के लिए इस्तेमाल किया जाना था। लेकिन जब राजेश खन्ना ने यह गाना सुना तो उन्हें लगा कि इतने खूबसूरत गाने को बैकग्राउंड में डालकर खराब नहीं करना चाहिए। इसके बाद उन्होंने ऋषिकेश दा से कहकर इस गाने के लिए खास सिचुएशन तैयार करवाई थी।
'आनंद' फिल्म में राजेश खन्ना अमिताभ को 'बाबूमोशाय' कह कर बुलाते थे। बता दें कि बाबूमोशाय का मतलब 'जेंटलमैन' है और राज कपूर रियल लाइफ में ऋषिकेश मुखर्जी को यही कहकर बुलाते थे। ऋषिकेश दा ने फिर यही शब्द राजेश खन्ना को बताया और बाद में इसे फिल्म में इस्तेमाल किया गया।
बता दें कि 1971 में रिलीज हुई फिल्म 'आनंद' में राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन मुख्य रोल में थे। इनके अलावा सुमिता सान्याल ने भी काम किया है। फिल्म बॉक्स ऑफिस में उस दौर में 1.7 करोड़ रुपए कमाने में कामयाब रही थी। 'आनंद' को ऋषिकेश दा ने सिर्फ 28 दिनों में शूट कर लिया था।