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अंडरवर्ल्ड की इस धमकी के आगे झुकने को तैयार नहीं थे गुलशन कुमार, कैसेट किंग ने यूं दिया था मुंहतोड़ जवाब
मुंबई। टी-सीरिज के फाउंडर गुलशन कुमार (Gulshan Kumar)अगर जिंदा होते तो 65 साल के हो गए होते। 5 मई, 1956 को नई दिल्ली में जन्मे गुलशन कुमार की 24 साल पहले 1997 में अंधेरी के जीतेश्वर महादेव मंदिर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कहते हैं कि गुलशन ने अंडरवर्ल्ड की जबरन वसूली की मांग के सामने झुकने से इंकार कर दिया था, जिसकी वजह से उनकी हत्या कर दी गई थी। बताया जाता है कि अबु सलेम ने गुलशन कुमार से जब हर महीने 5 लाख रुपए देने के लिए कहा तो गुलशन कुमार ने इससे इनकार करते हुए कहा था कि इतने रुपए देकर वो वैष्णो देवी में भंडारा कराएंगे। बता दें कि गुलशन कुमार की मौत के बाद अब उनके बेटे भूषण कुमार टी-सीरिज को चला रहे हैं।
/ Updated: May 05 2021, 09:15 AM IST
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कभी पिता के साथ जूस बेचते थे गुलशन कुमार :
गुलशन कुमार दुआ का जन्म एक पंजाबी परिवार में 1956 में दिल्ली में हुआ था। गुलशन ने दिल्ली के देशबंधु कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की थी। दिल्ली के दरिया गंज इलाके में उनके पिता चंद्रभान की एक जूस की दुकान थी, जहां गुलशन उनके साथ काम करते थे। गुलशन कुमार जूस की दुकान पर अपने पिता का हाथ बंटाते थे और यहीं से बिजनेस में उनका इंटरेस्ट जगा।
ऐसे खड़ी की करोड़ों की कंपनी :
जूस की दुकान में काम करते-करते गुलशन ऊब गए थे। ऐसे में एक दिन उनके पिता ने एक दुकान और खरीद ली, जिसमें सस्ती कैसेट्स और गाने रिकॉर्ड कर बेचे जाते थे। यहीं से आगे चलकर उन्होंने नोएडा में अपनी कंपनी खोली और म्यूजिक इंडस्ट्री में बड़ा नाम बन गए।
सस्ते दामों में कैसेट बेचते थे गुलशन कुमार :
गुलशन कुमार ने अपने ऑडियो कैसेट के बिजनेस को 'सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड' का नाम दिया, जिसे टी-सीरीज के नाम से जाना जाता है। गुलशन कुमार ऑरिजिनल गानों को दूसरी आवाजों में रिकॉर्ड कर कम दामों में कैसेट बेचा करते थे। जहां अन्य कंपनियों की कैसेट 28 रुपए में मिलती थी, गुलशन कुमार उसे 15 से 18 रुपए में बेचा करते थे।
खुद भी भक्ति गाने रिकॉर्ड करते थे गुलशन कुमार :
इस दौरान उन्होंने भक्ति गानों को भी रिकॉर्ड करना शुरू किया और वो खुद भी ये गाने गाया करते थे। 70 के दशक में गुलशन कुमार के कैसेट्स की डिमांड बढ़ती गई और वो म्यूजिक इंडस्ट्री के सफल बिजनेसमैन में शुमार हो गए।
बेवफा सनम को किया डायरेक्ट :
ऑडियो कैसेट्स में सफलता के बाद गुलशन कुमार ने फिल्म इंडस्ट्री की ओर कदम रखा और मुंबई चले आए। मुंबई आने के बाद गुलशन की किस्मत बदल गई। उन्होंने तकरीबन 15 से ज्यादा फिल्में प्रोड्यूस कीं, जिनमें एक फिल्म 'बेवफा सनम' को उन्होंने डायरेक्ट भी किया।
फिल्में और सीरियल भी किए प्रोड्यूस :
वे म्यूजिक और बॉलीवुड फिल्मों के अलावा हिंदू पौराणिक कथाओं से संबंधित फिल्मों और सीरियल्स को भी प्रोड्यूस करने लगे। गुलशन कुमार की पहली प्रोड्यूस की गई फिल्म 1989 में आई 'लाल दुपट्टा मलमल का' थी। लेकिन उन्हें असल पहचान साल 1990 में आई फिल्म 'आशिकी' से मिली।
24 से ज्यादा देशों में फैली है टी-सीरिज :
24 साल पहले जब गुलशन कुमार की हत्या हुई तो उससे पहले ही वो म्यूजिक की दुनिया के इंटरनेशनल ब्रान्ड बन चुके थे। रिपोर्ट्स की मानें तो टी-सीरीज का बिजनेस 24 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है।
गुलशन कुमार के नाम पर वैष्णोदेवी में भंडारा :
फिल्म इंडस्ट्री में सफल होने के बाद गुलशन कुमार ने अपनी कमाई का एक हिस्सा सोशल काम में खर्च किया। धर्म में उनकी काफी रुचि थी और वे वैष्णो देवी के भक्त थे। उन्होंने वैष्णो देवी आने वाले भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन शुरू कराया था, जो आज भी चलता है। भंडारा श्री माता वैष्णो देवी मंदिर में आने वाले भक्तों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराता है।
गुलशन कुमार के बेटे भूषण कुमार, बहू दिव्या खोसला और पोता।