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'ब्रह्मास्त्र' की ताकत हैं ये 5 अस्त्र, शाहरुख-नागार्जुन के कैमियो समेत इन वजहों से जरूर देखें फिल्म
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फ्रेश कॉन्सेप्ट के जरिए हमारी संस्कृति का बखान
सभी जानते हैं कि फिल्म का कॉन्सेप्ट भारतीय संस्कृति से जुड़ा हुआ है। कहानी देवों के अस्त्र और ब्रह्मास्त्र की है। एक तरह से देखा जाए तो यह सनातन संस्कृतियों और परंपराओं से भागती युवा पीढ़ी को वापस उसकी संस्कृति के तरफ लाने की एक अच्छी कोशिश है। फिल्म में हीरो दो बार अपने वरिष्ठ और गुरू के चरण स्पर्श करता नजर आता है। इस तरह के दृश्य फिल्म को परिवार के साथ देखने लायक बनाते हैं। वैसे भी फिल्म में छोटे से किसिंग सीन के अलावा कुछ भी ऐसा नहीं हैं जो परिवार के साथ देखने गए दर्शकों को आपत्तिजनक लगे।
प्यार की ताकत दर्शाते रणबीर-आलिया
फिल्म की कहानी कहती है कि ब्रह्मास्त्र कोई अस्त्र नहीं बल्कि प्यार की ताकत है। कहानी का कॉन्सेप्ट ही कुछ ऐसा है कि इसके मुताबिक हीरो की सबसे बड़ी ताकत उसकी पॉवर्स नहीं बल्कि उसका प्यार है। रणबीर-आलिया की केमेस्ट्री कहीं-कहीं कमजोर है परफिल्म की ताकत भी यही है।
कमाल के सीन मुमकिन बनाते वीएफएक्स
फिल्म के वीएफएक्स सीन इसकी असली ताकत हैं। ये सीन आपको किसी हॉलीवुड फिल्म के बराबर का एक्सपीरियंस देते हैं। लगभग हर सीन में वीएफएक्स का भारी इस्तेमाल किया गया है और कहीं पर भी ऐसा नहीं लगता कि कोई सीन फेक है।
हॉलीवुड लेवल के जबरदस्त एक्शन सीक्वेंस
फिल्म के पहले सीन से ही एक्शन की शुरुआत हो जाती है जो क्लाइमैक्स तक चलता है। कुछ सीन जैसे नागार्जुन और शाहरुख खान के फाइट सीन अच्छे बन पड़े हैं। एक्शन क्लीन हैं और काफी हद तक नई तरह के सीन कोरियोग्राफ किए गए हैं।
शाहरुख और नागार्जुन के कैमियो रोल
शाहरुख खान और नागार्जुन के एक्सटेंडेट कैमियो इस फिल्म के सबसे एक्साइटिंग पैकेज हैं। जिसमें से एक तो फिल्म की शुरुआत में ही नजर आता है। दोनों ही कलाकार जितनी भी देर स्क्रीन पर नजर आते हैं आपकी नजर नहीं हटती।
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