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कभी शादियों में 2-2 रुपए इकट्ठा करने के लिए नाचता था ये एक्टर, ऐसे बना गांव का लड़का बॉलीवुड स्टार
मुंबई. नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) 47 साल के हो गए हैं। 19 मई, 1974 को उत्तर प्रदेश के एक छोटे-से कस्बे बुढ़ाना में जन्मे नवाज की गिनती आज इंडस्ट्री में नामी स्टार्स में की जाती है। स्क्रीन पर हर तरह का रोल बखूबी निभाने वाले नवाज को यहां तक पहुंचने में काफी मेहनत करनी पड़ी। करीबन 15 साल के संघर्ष के बाद वे बॉलीवुड में अपनी पहचान बना पाए। आपको बता दें कि नवाज की जिंदगी में एक दौर ऐसा भी आया था जब वे महज 2-2 रुपए इकट्ठा करने के लिए शादियों में नाचा करते थे। यह बात उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में बताई थी।

नवाज़ुद्दीन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बचपन में वो शादियों में अपने दोस्तों के साथ नाचते थे क्योंकि शादियों में लोग बरातियों पर पैसा लुटाते थे। इसी वजह से वो अपने आस पास की सभी शादियों में जाया करते थे। डांस करके दिन के अंत में लगभग 2 से 3 रुपए कमा लेते थे, जो उस दौर में बहुत हुआ करते थे।
नवाज कितने मंझे हुए आर्टिस्ट है यह तो उनकी फिल्मों को देखकर जाना जा सकता है। लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए वॉचमैन की नौकरी तक की है। वे वॉचमैन थे लेकिन उन्हें एक्टिंग का शौक हमेशा से ही था। इसी एक्टिंग के कीड़े की वजह से उन्होंने नौकरी छोड़कर मुंबई आने का फैसला लिया। एक बार वो मुंबई आ गए, धीरे-धीरे उनकी किस्मत ने साथ देना शुरू कर दिया।
उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था- जब मैं किसी से कहता था कि मैं एक्टर बनना चाहता हूं तो वह मेरी शक्ल और मेरी कद काठी देखा करते थे। ये सोच कर शायद कि मैं कैसे सोच सकता हूं कि मैं एक्टर बन सकता हूं। लेकिन मैं पूरी तरह आश्वस्त था कि मैं एक्टर बन सकता हूं क्योंकि मेरा मानना हैं एक एक्टर की शक्ल नहीं एक्टिंग देखी जाती है। लिहाजा फिल्मों में काम करने का सपना लेकर मैं मुंबई आ गया।
उन्होंने बताया था- फिल्मों में काम करना मेरा सपना था और अपने इस सपने के सच करने के लिए मैंने काफी पापड़ बेले है। मैं एक गरीब परिवार से हूं इसलिए घर का खर्च चलाना भी हमारे लिए आसान नहीं था। शुरुआत के दिनों में मैंने वॉचमैन तक की नौकरी की है। उसके बाद एक दवाई की दुकान में कैमिस्ट की नौकरी करने चला आया लेकिन कहीं ना कहीं एक्टर बनने की चाह मेरा पीछा नहीं छोड़ रही थी।
उन्होंने बताया था- मेरे पास एक्टर जैसी पर्सनैलिटी भी नहीं थी फिर भी एक्टर बनने की जिद थी और वह मैंने अपनी मेहनत से पूरी की और फाइनली मैंने दर्शकों के दिलों मे अपनी जगह बना ली।
नवाज का करियर 1999 में फिल्म सरफरोश से शुरू हुआ था। इस शुरुआत के बारे में किसी को खबर तक नहीं हुई। 2012 तक नवाज ने कई छोटी-बड़ी फिल्मों में रोल किए, मगर उन्हें कोई खास पहचान नहीं मिली। फिल्म की कास्टिंग से बाहर उनके नाम का कोई शोर नहीं था। फिर अनुराग कश्यप ने उन्हें फैजल बनाकर गैंग्स ऑफ वासेपुर में पेश किया और नवाज का सितारा चमक गया।
नवाजुद्दीन अपने हर रोल में जान डाल देते हैं। अपने किरदार को लेकर बंद कमरों में कई घंटे प्रैक्टिस करते हैं। रील लाइफ की तरह रियल लाइफ में भी नवाज उस किरदार को जीने लगते है। फिल्म की शूटिंग पूरी होने पर वे अपने गांव चले जाते हैं। नवाज ऐसा हर फिल्मों के साथ करते हैं।
एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था- मैं अपने गांव लौट जाता हूं और वहां जाकर अपने खेतों की देखभाल करता हूं और कुछ दिन खेती करते हुए बिताता हूं। ऐसा करके उनके मन को शांति मिलती है और फिर वो नए किरदार की तैयारी में डूब जाते हैं।
उन्होंने बताया था- ब्लैक फ्राइडे (2007), गैंग ऑफ वासेपुर (2012) और कहानी (2012) के जरिए लोगों ने मुझे पहचानना शुरू कर दिया। उसके बाद सलमान खान की किक (2014) से मेरे करियर को बड़ी किक मिली और आज मैं स्टार की लिस्ट में आ गया हूं।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी अपने 9 भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। नवाज की फैमिली में पत्नी अंजलि उर्फ आलिया के अलावा दो बच्चे हैं। हालांकि, 2020 में आलिया से नवाज का तलाक हो चुका है। उनकी बेटी का नाम शोरा और बेटे का यानी है। बता दें कि बेटे का जन्म नवाज के 41वें बर्थडे पर 2015 में जबलपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में हुआ था।