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जब रामायण के 1 सीन को शूट करने में तीन कलाकारों की जान पर बन आई थी, जानें क्या था वो वाकया?
मुंबई। कोरोना (Corona) महामारी की दूसरी लहर थमने का नाम नहीं ले रही है। अब भी देशभर में रोजाना साढ़े 3 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं। हालांकि, इन सबके बीच थोड़ी राहत की खबर ये है कि कुछ राज्यों में कोरोना के मामले कम हुए हैं। बता दें कि पिछले साल लॉकडाउन के वक्त लोगों ने टीवी पर रामायण (Ramayan) देखकर अपना मनोरंजन किया था। कुछ महीनों पहले सीरियल में सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया ने शूटिंग के दौरान घटी एक दिलचस्प घटना शेयर की थी।
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दरअसल, दीपिका ने वनवास के दौरान का एक सीन शेयर किया था, जिसमें राम, सीता और लक्ष्मण एक पेड़ के नीचे बैठे नजर आ रहे हैं। इस दौरान लक्ष्मण जहां अपने धनुष को ठीक कर रहे हैं, वहीं राम सूर्य नमस्कार करते नजर आ रहे हैं।
दीपिका के मुताबिक, इस सीन के दौरान हम लोग शूटिंग में बिजी थे और अपने डायलॉग याद कर रहे थे। तभी अचानक हमारे कैमरामैन अजीत नाइक वहां आए और बोले कि इस जगह को खाली कर दो और पेड़ के नीचे खड़े मत रहो।
अजीत नाइक की ये बात सुनकर हम लोग हैरान रह गए और सोच में पड़ गए कि आखिर ऐसा क्या हो गया, जो ये फौरन इस जगह को खाली करने के लिए कह रहे हैं। ये देख रामानंद सागर जी भी चौंक गए कि आखिर क्या हो गया है।
तभी हमारे कैमरामैन अजीत ने पेड़ पर लटके एक मोटे सांप की तरफ इशारा किया। इसके बाद तो हम सभी अपनी जान बचाने के लिए वहां से फौरन भागे थे। इससे पहले सुनील लहरी ने लंका में अशोक वाटिका की शूटिंग के दौरान का किस्सा शेयर किया था।
सुनील लहरी ने बताया था कि हनुमान जी जब अशोक वाटिका के उस हिस्से में जाते हैं, जहां फल लगे हुए हैं तो वो किस तरह फल तोड़ रहे हैं और साथ ही पेड़ों को उखाड़ रहे हैं। सुनील के मुताबिक, उस सीक्वेंस के लिए स्पेशली अलग-अलग फ्रूट्स के पेड़ मंगाए गए थे। क्योंकि एक ही मिट्टी में केला, अमरूद और सेब नहीं हो सकता। इसलिए असली पेड़ मंगाकर उन पर फल लगाए गए थे और उन्हें हनुमान जी तोड़-तोड़कर खाते हैं।
बता दें कि इससे पहले सुनील लहरी ने उस दौरान का किस्सा भी बताया था, जब हनुमान जी का सीक्वेंस ज्यादा शूट होना था। इस दौरान विजुअल इफेक्ट्स की वजह से शूटिंग में ज्यादा वक्त लग रहा था तो मैं खाली समय का फायदा उठाकर रामलीला देखने दिल्ली आ गया। इस दौरान भीड़ मुझसे मिलने और ऑटोग्राफ लेने के लिए टूट पड़ी थी और मेरा कुर्ता भी फट गया था।
वहीं, सुनील लहरी के मुताबिक, वनवास के दौरान पर्णकुटी के बाहर जब मैं लक्ष्मण रेखा खींच रहा था तो खींचते-खींचते मैं पीछे की ओर आ रहा था। इस दौरान मुझे मालूम नहीं था कि पीछे कोई आर्टिफिशियल पेड़ लगा हुआ है। ऐसे में मैं पीछे जाकर उससे टकरा गया और इसके बाद वो पेड़ भी गिर गया और मैं भी गिर गया था।