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हिम्मत जुटाकर संजय दत्त के पापा ने होने वाली पत्नी से कही थी ये बात फिर घबराकर लिया था ये फैसला
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फिल्म तमन्ना (1942) से करियर की शुरुआत करने वाली नरगिस ने अपने करियर में अंदाज, बाबुल, बरसात, आवारा, आह, श्री 420, चोरी-चोरी, मदर इंडिया, काला बाजार और यादें जैसी कई यादगार फिल्में दी हैं। राज कपूर और नरगिस सिर्फ रील लाइफ के ही रोमांटिक कपल नहीं थे, बल्कि ऑफ स्क्रीन भी दोनों के बीच काफी क्लोज रिलेशनशिप थी। चूंकि राज कपूर पहले से ही शादीशुदा थे, इसलिए उन्होंने पत्नी कृष्णा कपूर को तलाक देने से इनकार कर दिया। इस तरह दोनों का रिश्ता आगे नहीं बढ़ पाया।
सुनील दत्त के साथ नरगिस की लव स्टोरी बहुत ही दिलचस्प है। दोनों ने 1957 में आई फिल्म मदर इंडिया में मां-बेटे का रोल किया था। बाद में असल जिंदगी में में वो पति-पत्नी बने। खास बात यह है कि नरगिस सुनील को मदर इंडिया में उनके ऑनस्क्रीन नाम (बिरजू) से ही पुकारती थीं।
सुनील ने इंटरव्यू में बताया था, "एक दिन नरगिस मेरे यहां आईं और जब जाने लगीं तो मैंने कहा- 'चलिए मैं आपको घर छोड़ देता हूं।' इसके बाद हम फिएट कार से नेपियन सी रोड होते हुए बालकेश्वर रोड पहुंचे। फिर मैंने काफी हिम्मत जुटाते हुए उनसे कहा- 'मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं।' वो बोलीं- 'हां बिरजू बताओ।' मैंने उनसे सीधे कहा- 'क्या आप मुझसे शादी करेंगी?' इसके बाद कार में सुई पटक सन्नाटा हो गया। थोड़ी देर बाद उनका घर आ गया और वो बिना जवाब दिए चली गईं। इसके बाद मैं सोचने लगा कि अगर नरगिस जी ने न कहा तो मैं फिल्म इंडस्ट्री छोड़कर अपने गांव चला जाऊंगा और खेती करूंगा।"
सुनील दत्त ने बताया था- "कुछ समय बाद एक रोज मैं घर पहुंचा तो मेरी बहन मुस्करा रही थी। मैंने उससे पूछा क्या हुआ, तो पंजाबी में बोली- 'पाजी, आपने मुझसे क्यों छुपाया।' मैंने कहा- 'क्यों, क्या छुपाया मैंने तुमसे?' इस पर वो बोली- 'नरगिस जी मान गई हैं।' मैंने कहा- 'क्या मान गई हैं।' वो बोली- अब आप चुप ही रहो, जो आपने कहा था वो मान गई हैं।" 11 मार्च 1958 को नरगिस और सुनील दत्त की शादी हुई।
नरगिस इंडियन सिनेमा की ऐसी पहली एक्ट्रेस थी, जिन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वहीं, फिल्म 'मदर इंडिया' में बेमिसाल अदाकारी के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस के फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया। जबकि फिल्म 'रात और दिन' के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड मिला। बता दें कि नरगिस बेटे संजय की डेब्यू फिल्म देखने से पहले ही दुनिया को अलविदा कह गई थी। संजय दत्त की फिल्म रॉकी की रिलीज के 4 दिन पहले ही नरगिस की मौत हो गई थी। फिल्म के प्रीमियर के दौरान पूरा हॉल भर था लेकिन सिर्फ नरगिस के नाम की एक कुर्सी खाली थी।
बॉलीवुड में नरगिस-राज कपूर की लव स्टोरी सबसे फेमस मानी जाती है। शादीशुदा होने के बाद भी राज कपूर, नरगिस से मोहब्बत करते थे। दोनों की मुलाकात 1946 में हुई थी। पहली ही मुलाकात में राज कपूर, नरगिस के दीवाने को गए थे। नरगिस से मुलाकात के बाद राज कपूर सीधे इंदर राज आनंद के घर गए थे और उनसे कहा था कि वे किसी भी तरह फिल्म 'आग' में नरगिस का रोल भी जोड़ दें क्योंकि वे उनके साथ काम करना चाहते हैं। और हुआ भी ऐसा ही।
1948 में आई फिल्म 'आग' में नरगिस और राज कपूर ने पहली बार स्क्रीन शेयर की थी। इस फिल्म के बाद दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगी थी। राज कपूर ने नरगिस के साथ फिल्म 'बरसात', 'अंदाज', 'आवारा', 'बेवफा', 'अनहोनी', 'आह', 'श्री420', 'चोरी-चोरी' जैसी फिल्मों में काम किया। 'बरसात', 'आवारा' जैसी फिल्मों को इंटरनेशनल लेवल पर सराहना मिली। राज कपूर ने ये फैसला लिया कि नरगिस किसी दूसरे प्रोड्यूसर के साथ काम नहीं करेगी। राज कपूर के प्यार में पागल नरगिस ने भी ऐसा ही किया और कई बड़े प्रोड्यूसर के साथ काम करने से मना कर दिया।
रिपोर्ट्स की मानें तो एक दिन नरगिस ने राज कपूर के साथ बाहर जाने का प्लान बनाया। वे अपने घर पर उनका इंतजार करने लगी। काफी वक्त बाद भी जब राज कपूर नहीं आए तो वे उनके घर पहुंच गई। कपूर मेंशन में पार्टी चल रही थी। लेकिन पार्टी में राज कपूर नहीं थे। पता चला कि राज अपने कमरे में है। वे भी वहां चली गई। कमरे के दरवाजे पर पहुंचकर उन्होंने देखा कि राज अपनी वाइफ को नेकलेस पहना रहे हैं। दरअसल, उस दिन राज की वाइफ कृष्णा का जन्मदिन था। उस वक्त नरगिस ने फैसला किया कि यदि राज उनसे शादी नहीं करते हैं तो वे सारे रिश्ते खत्म कर देंगी।