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जब सैफ के पापा ने छोड़ा कैच तो शर्मिला को उनके पिता से जमकर पड़ी डांट, बोले- तुमने उसे रात भर क्यों जगाया?
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इसी लाइव सेशन के दौरान शर्मिला ने अपने पति टाइगर पटौदी से जुड़ा एक और मजेदार वाकया शेयर किया। उन्होंने बताया कि टाइगर से वो एक पार्टी के दौरान मिली थीं और तब वो सभी से ब्रिटिश एक्सेंट में बात कर रहे थे।
शर्मिला ने आगे कहा कि टाइगर उनके लिए खूबसूरत कविताएं लिखा करते थे लेकिन एक बार जब उन्होंने ये कविताएं अपने को-स्टार फिरोज खान को दिखाईं तो उन्हें मालूम चला कि ये कविताएं तो असल में गालिब की लिखी हुई थीं।
शर्मिला टैगोर और भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान मंसूर अली खान पटौदी की पहली मुलाकात 1965 में दिल्ली में हुई थी। सैफ अली खान के पिता उस समय भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे। सैफ के माता-पिता की मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड की वजह से हुई थी।
उस समय शर्मिला को पटौदी के नवाब के बारे में सब पता था, लेकिन टाइगर पटौदी, शर्मिला के करियर के बारे में कम ही जानते थे। सैफ अली खान के पिता मंसूर अली खान पटौदी ने शर्मिला टैगोर की कोई भी फिल्म नहीं देखी थी। फिर भी, वह पहली ही मुलाकात में शर्मिला टैगोर को दिल दे बैठे थे।
हालांकि, एक-दूसरे को समझने में दोनों ने 4 साल लगा दिए जिसके बाद मंसूर ने पेरिस में शर्मिला के सामने शादी का प्रपोजल रखा था। यहां शर्मिला ने एक बार में ही शादी के लिए हामी भर दी। 1969 में दोनों ने शादी की थी लेकिन ये कम ही लोग जानते हैं कि शर्मिला ने शादी करने के लिए मंसूर के सामने एक शर्त रखी थी।
प्रपोजल में हामी भरते ही शर्मिला ने मंसूर के सामने शर्त रखी कि वो उनसे तब ही शादी करेंगी जब वो अपने मैच में एक साथ तीन छक्के यानि सिक्सर का हैट्रिक लगाएंगे। मंसूर ने अगले ही मैच में पूरे देश के सामने सिक्सर लगाकर अपना प्यार साबित किया और 27 दिसम्बर 1969 में दोनों की शादी हो गई।
एक इंटरव्यू में, शर्मिला और टाइगर की बेटी सोहा अली खान ने खुलासा किया था कि मम्मी को इम्प्रेस करने के लिए पापा ने घर में 7 रेफ्रिजरेटर भेजे थे। सोहा के मुताबिक, अब्बा अम्मा एक फिल्म पार्टी में मिले थे। अब्बा को अम्मा बहुत पसंद थीं। अब्बा ने कोशिश की थी अम्मा को इम्प्रेस करने की लेकिन अम्मा ने उन्हें उस टाइम भाव भी नहीं दिया था।
फिर उस समय अब्बा ने अम्मा के घर पर एक-दो नहीं बल्कि 7 रेफ्रिजरेटर भेजे थे, सिर्फ इसलिए की अब्बा को कुछ तो रिएक्शन मिले। इसके बाद अम्मा ने अब्बा को कॉल किया और कहा- क्या आप पागल हो गए हैं। ये क्या हो रहा है? इस घटना के बाद अब्बा ने उन्हें डिनर पर ले जाने की मंजूरी मांगी और दोनों की प्रेम कहानी आगे बढ़ी।
कहा जाता है कि क्रिकेट के मैदान में नवाब पटौदी शर्मिला का स्वागत छक्के से किया करते थे। शर्मिला स्टेडियम में जहां भी बैठती थीं, वो उसी दिशा में छक्का मारा करते थे।
शर्मिला टैगोर बंगाली हिंदू परिवार से थीं, जबकि मंसूर अली खान नवाबों के परिवार से। दोनों परिवार एक-दूजे से अलग थे, लेकिन फिर भी दोनों लवर्स एक दूसरे परिवारों को मनाने में तैयार हो गए और 27 दिसंबर 1969 को दोनों ने शादी कर ली।