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सुशांत की बहन को याद आए भाई के साथ गुजारे बचपन के दिन, पुराने चैट शेयर करते हुए लिखी ये बात
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व्हाट्सएप चैट में श्वेता सुशांत से पूछ रही हैं- कैसा है मेरा बाबू? लव यू, मेरे पास आना है बेबी यहां पे? रानी दी और आप आ जाओ यहां। जवाब में सुशांत ने कहा था- बहुत मन करता है दी।
इसके बाद श्वेता भाई सुशांत से कहती हैं, तो आ जाओ न बेबी। 1 महीने के लिए। यहां मजे करेंगे। अच्छा लगेगा तुम्हें। मैं अपने दोस्तों को भी बताऊंगी कि तुम यहां आए हो। श्वेता आगे कहती हैं कि वे और सुशांत साथ में अच्छा टाइम स्पेंड करेंगे। वॉक पर और लॉन्ग ड्राइव पर जाएंगे।
श्वेता ने अपनी शादी की एक तस्वीर भी शेयर की है, जिसमें सुशांत भी बहन के साथ फोटो में नजर आ रहे हैं। श्वेता ने ये भी बताया कि कितनी मन्नतों के बाद सुशांत का जन्म हुआ था।
श्वेता ने अपनी पोस्ट में लिखा, मम्मी-पापा हमेशा से एक बेटा चाहते थे। उन्होंने मन्नत मांगी थी और दो साल तक मां भगवती की पूजा करते रहे। व्रत रखे, मेडिटेशन किया, पूजा, हवन किया, हर धार्मिक जगहों पर गए। वे चाहते थे उनके दूसरा बच्चा बेटा ही हो।
श्वेता ने आगे लिखा, लेकिन तब दिवाली के दिन मैं पैदा हो गई। मां ने मुझे लकी माना और कभी कभी मुझे लक्ष्मीजी कहती थीं। इसके बाद भी उन्होंने अपनी साधना जारी रखी। फिर 1 साल बाद मेरे भाई ने जन्म लिया।
श्वेता ने अपनी पोस्ट में लिखा, हमने स्कूल में पहला साल अच्छे से बिताया। मैं और सुशांत एक ही बिल्डिंग में अलग-अलग क्लासेज में पढ़ा करते थे। इसके बाद जब मैं यूकेजी में गई तो हमारी बिल्डिंग अलग-अलग हो गई। एक दिन लंच ब्रेक खत्म होने के बाद मैंने देखा कि भाई मेरी क्लास में है। तब हम दोनों 4-5 साल के थे।
जब मैंने सुशांत से अपनी क्लास में आने की वजह पूछी तो उसने कहा था कि वे अकेला महसूस कर रहा था और मेरे साथ रहना चाहता था। मैंने क्लासटीचर से कहा कि मेरे भाई की तबीयत ठीक नहीं, इसलिए वे उसे यहीं बैठने दें। इस पर टीचर मान गईं। दो पीरियड्स के बाद सुशांत अपनी क्लास में चला गया था।
श्वेता ने अपनी पोस्ट में ये भी बताया कि 2007 में उनकी शादी के दिन सुशांत उनके गले लगकर खूब रोया था। हालांकि शादी के बाद मुझे यूएसए जाना था इसलिए अब हम और साथ नहीं रह सकते थे।
बाद में हम दोनों अपनी-अपनी लाइफ में बिजी हो गए। भाई ने बॉलीवुड में एंट्री ली और अपनी उपलब्धियों से हम सबको गौरवान्वित करता रहा। लेकिन मैं हमेशा उसके लिए बहुत प्रोटेक्टिव रही। मैं हमेशा उसे अमेरिका आने के लिए कहती थी ताकि हम शोर-शराबे से दूर अपने बचपन को एक बार फिर जी सकें।
श्वेता ने लिखा, काश! में सुशांत को सभी चीजों से बचा सकती। काश मैं सुबह उठकर भाई को देख पाती ताकि मुझे महसूस होता कि ये सब एक बुरे सपने के अलावा कुछ नहीं है।