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'बागवान' से 'कभी खुशी कभी गम' तक, इन 8 फिल्मों को देख सकते हैं पूरे परिवार के साथ
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अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी और सलमान खान स्टारर फिल्म 'बागबान' में मां-बाप के महत्व को बखूबी बताया और दिखाया गया है इसमें दिखाया गया है कि किस तरह अपने बेटे शुरू में बुजुर्ग मां-बाप को नकार देते हैं पर गोद लिया हुआ बेटा (सलमान खान) उनकी चिंता करता है और उन्हें मिलवाता है। बाद में पैसे के खातिर बेटे साथ आना चाहते हैं। पर, पिता (अमिताभ) मना कर देते हैं।
अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, जया बच्चन और काजोल स्टारर फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' परिवार के मेल को दिखाता है। परिवार की एक जुटता को होना दिखाता है। शाहरुख फिल्म में छोटे घर की लड़की (काजोल) से प्यार करते हैं और उससे शादी कर लेते हैं। इसकी वजह से पापा (अमिताभ बच्चन) उनसे नाराज हो जाते हैं। लेकिन परिवार को मिलाने का काम ऋतिक रोशन करते हैं, जो कि फिल्म में वो शाहरुख के छोटे भाई होते हैं।
फिल्म 'हम साथ-साथ हैं' इस खास मौके पर यह फिल्म भी जरूर देखिए। एक मां का प्यार क्या होता है। भाइयों का आपस में प्यार क्या होता है? किसी भी एक के नहीं होने से परिवार कैसे अधूरा और दुखी रहता है। यह इस फिल्म में आप देख सकते हैं और एक खुशहाल परिवार किस तरह रहे सीख सकते हैं।
सलमान खान और माधुरी दीक्षित स्टारर फिल्म 'हम आपके हैं कौन' भी पूरी तरह से परिवार को महत्व देने वाली फिल्म है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे हर तरह के रिश्तों को महत्व दिया जाता है। ऐसे समय में जबकि ससुराल को लेकर अक्सर निगेटिव खबरें आती हैं, इस फिल्म में आप देख सकते हैं कि एक बहू को कितना प्यार-सम्मान मिलता है।
राजेश खन्ना की फिल्म 'बावर्ची' भी इस बात का उदाहरण है किस तरह से एक परिवार के लोग एक-दूसरे का सहयोग करके ही खुश रह सकते हैं। यह फिल्म भी एक संयुक्त फैमिली के महत्व को रेखांकित करती है। ऐसे में आज के इस माहौल में इस फिल्म का महत्व और बढ़ जाता है।
अजय देवगन की फिल्म 'दृश्यम' यह बताती है कि परिवार पर जब आंच आए तो एक पिता किस हद तक गुजर सकता है। वह भी उस स्थिति में जब सिस्टम भी आपके खिलाफ हो। बड़ी बेटी के साथ छेड़छाड़ के दौरान गोवा पुलिस की मुखिया (तब्बू) के बेटे की अजय देवगन के घर में उनकी पत्नी के हाथों हत्या हो जाती है। इसके बाद परिवार डर जाता है। पर, अजय हिम्मत नहीं हारते और वह जानते हैं कि अगर वह हार गए तो परिवार बिखर जाएगा।
इरफान खान, दीपिका पादुकोण और अमिताभ बच्चन स्टारर फिल्म 'पीकू' की बेहद ही प्यारी कहानी है। एक बुजुर्ग पिता और बेटी का प्यार समझना है तो इस फिल्म को देखिए। एक पिता जो चिड़चिड़ा है, जिसे कब्ज की शिकायत है, इन सारी तकलीफों के साथ अपने पिता के लिए हर वक्त चिंता करने वाली बेटी। बुजुर्ग पिता जो कोलकाता जाने की जिद कर रहा है और ना चाहते हुए भी एक बेटी पिता को अकेले नहीं छोड़ती सफर पर।
वरुण धवन और अनुष्का शर्मा की फिल्म 'सुई धागा' बताती है कि अगर परिवार साथ है तो आप किसी भी मुश्किल परिस्थिति को जीत सकते हैं। अपने पति को नौकरी पर बार-बार अपमानित होते देख अनुष्का निर्णय लेती हैं कि वह खुद का कुछ शुरू करेगी। इसमें वे धोखा भी खाते हैं पर अंत में चूंकि पूरा परिवार साथ है, सबका संबल है इसलिए उनकी जीत होती है। यह जीत परिवार की जीत है।