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कर्ज के फेर में जेल जाते-जाते बचे थे अनिल, मुकेश अंबानी ने लाख मिन्नतों के बाद दिए थे करोड़ों रुपये
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पिछले साल का ये मामला स्वीडन की टेलिकॉम इक्विपमेंट कंपनी एरिक्सन से जुड़ा था। दरअसल, एरिक्सन का अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) पर करीब 580 करोड़ रुपये का कर्ज था। इस मामले में एरिक्सन के साथ अनिल अंबानी ने 18 महीने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। कर्ज न चुकाने की स्थिति में दिग्गज कारोबारी को जेल जाना पड़ता।
मगर तब बड़े भाई मुकेश अंबानी की वजह से अनिल एरिक्सन के करीब 460 करोड़ रुपये चुकाने में कामयाब हुए थे। मुकेश अंबानी ने करीब 460 करोड़ रुपये देकर अनिल को जेल जाने से बचाया था। बाद में अनिल अंबानी ने बड़े भाई मुकेश और भाभी नीता अंबानी को धन्यवाद भी दिया था।
अब सालभर पुराने इस मामले में ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जेल जाने से बचने के लिए अनिल ने बड़े भाई से 460 करोड़ की रकम मांगी थी। और इसके लिए उन्हें मिन्नतें करनी पड़ी। अंबानी भाइयों के बीच कई राउंड की बैठक भी हुई थी।
छोटे भाई अनिल की मिन्नतों के बाद मुकेश भारी भरकम रकम देने को राजी हुए थे।
हालांकि भाई जेल जाने से बचाने के लिए आर्थिक मदद देने को मुकेश अंबानी पहले राजी नहीं हो रहे थे। बंद कमरे में दोनों भाइयों के बीच इस समझौते की मध्यस्थ उनकी मां कोकिला बेन थीं। लेकिन मुकेश अंबानी ने ये मदद यूं ही नहीं की थी। रिपोर्ट की मानें तो इसके लिए अनिल ने बड़े भाई को 99 साल की लीज पर मुंबई के दो ऑफिस सरेंडर किए थे।
अभी तक ये माना जा रहा था कि मुकेश अंबानी ने भाई होने के नाते एरिक्सन मामले में अनिल को पैसे देकर बचाया था। अब इस रिपोर्ट से एक दूसरी ही कहानी सामने आ रही है कि ये भाई-भाई के बीच एक "समझौता" था।
फिलहाल अनिल अंबानी चीनी बैंकों के कर्ज के मामले में कानूनी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। हाल ही में ही ब्रिटेन की एक अदालत ने उन्हें चीन के तीन बैंकों को 71.7 करोड़ डॉलर (करीब 5500 करोड़ रुपए) के भुगतान की समय सीमा दी है।
यह मामला चीन के तीन बैंकों इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना (आईसीबीसी) की मुंबई शाखा, चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ चाइना से जुड़ा है। देखना होगा कि अनिल अंबानी कैसे इस मुश्किल से बाहर निकलते हैं।