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इस शख्स जैसा सोचना नामुमकीन, महज 500 रुपए से खड़ा कर दिया 62 हजार करोड़ का साम्राज्य
मुंबई: धीरूभाई अंबानी को अबतक का सबसे जीनियस बिजनेसमैन माना जाता है। इंडियन कॉरपोरेट वर्ल्ड में अक्सर यह बात कही जाती है कि अगर बिजनेस करना है तो धीरूभाई से सीखें। अंबानी ने इतने कम समय में जितनी बड़ी सफलता अर्जित की वह किसी सामान्य व्यक्ति के आसान नहीं है। उनका तेज दिमाग जब भी किसी बिजनेस के बारे में सोचता था तो उसमें सफलता की पूरी गारंटी होती थी। 28 दिसंबर को धीरूभाई अंबानी का 87वां जन्मदिन है इस मौके पर जानिए उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें।
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धीरूभाई अंबानी गुजरात के छोटे से गांव चोरवाड़ के रहने वाले थे। उनका जन्म 28 दिसंबर 1933 को सौराष्ट्र के जूनागढ़ जिले में हुआ था। उनका पूरा नाम धीरजलाल हीराचंद अंबानी था। उनके पिता स्कूल में शिक्षक थे। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिसके बाद उन्होंने हाईस्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद ही छोटे-मोटे काम शुरू कर दिए। लेकिन इससे परिवार का काम नहीं चल पाता था।
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जब उनकी उम्र 17 साल थी पैसे कमाने के लिए वो साल 1949 में अपने भाई रमणिकलाल के पास यमन चले गए। जहां उन्हें एक पेट्रोल पंप पर 300 रुपये प्रति माह सैलरी की नौकरी मिल गई। कंपनी का नाम था 'ए. बेस्सी एंड कंपनी'। कंपनी ने धीरूभाई के काम को देखते हुए उन्हें फिलिंग स्टेशन में मैनेजर बना दिया गया।
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कुछ साल यहां नौकरी करने के बाद धीरूभाई साल 1954 में देश वापस चले आए। यमन में रहते हुए ही धीरूभाई ने बड़ा आदमी बनने का सपना देखा था। इसलिए घर लौटने के बाद 500 रुपये लेकर मुंबई के लिए रवाना हो गए।
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धीरूभाई अंबानी बाजार के बारे में बखूबी जानने लगे थे और उन्हें समझ में आ गया था कि भारत में पोलिस्टर की मांग सबसे ज्यादा है और विदेशों में भारतीय मसालों की। जिसके बाद बिजनेस का आइडिया उन्हें यहीं से आया। उन्होंने दिमाग लगाया और एक कंपनी रिलायंस कॉमर्स कॉरपोरेशन की शुरुआत की, जिसने भारत के मसाले विदेशों में और विदेश का पोलिस्टर भारत में बेचने की शुरुआत कर दी।
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अपने ऑफिस के लिए धीरूभाई ने 350 वर्ग फुट का कमरा, एक मेज, तीन कुर्सी, दो सहयोगी और एक टेलिफोन के साथ की थी। वह दुनिया के सबसे सफलतम लोगों में से एक धीरूभाई अंबानी की दिनचर्या तय भी होती थी। वह कभी भी 10 घंटे से ज्यादा काम नहीं करते थे।
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धीरूभाई अंबानी हर रोज 10 घंटे काम करते थे। उनके मुताबिक'' जो भी यह कहता है कि वह 12 से 16 घंटे काम करता है। वह या तो झूठा है या फिर काम करने में काफी धीमा।''
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धीरूभाई अंबानी को पार्टी करना बिल्कुल पसंद नहीं था। वह हर शाम अपने परिवार के साथ बिताते थे। उन्हें ज्यादा ट्रैवल करना भी पसंद नहीं था। विदेश यात्राओं का काम ज्यादातर वह अपनी कंपनी के अधिकारियों पर टाल देते थे। वह तब ही ट्रैवल करते, जब ऐसा करना उनके लिए अनिवार्य हो जाता।
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बच्चे संभाल रहे विरासत - धीरूभाई की मौत के बाद उनके दोनों बेटों ने कारोबार को आपस में बांट लिया। - मौजूदा समय में उनके बड़े बेटे मुकेश अंबानी देश के सबसे रईस व्यक्ति हैं। - उनके छोटे बेटे अनिल अंबानी भी देश के टॉप रईस लोगों में शुमार किए गए हैं।
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