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स्टाइल में दमदार हैं छत्तीसगढ़ की ये महिला IAS, कभी हाथ में पिस्टल, कभी बाइक लेकर आती हैं नजर, देखिए Photos
करियर डेस्क : कभी 10वीं के बाद ही घरवालों ने कह दिया था कि आगे की पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाने देंगे लेकिन मां के हौसले ने वो ताकत दी कि आज बेटी IAS अफसर है। बात छत्तीसगढ़ की महिला आईएएस अफसर नम्रता जैन (Namrata Jain) की...जो कभी हाथ में पिस्टल लेकर तो कभी बाइक की सवारी करती नजर आती हैं। उनकी स्टाइल उन्हें सबसे खास अफसरों में से एक बनाती है लेकिन उनका यह तक का सफर इतना भी आसान नहीं रहा है। वह नक्सल प्रभावित इलाके से ताल्लुक रखती हैं और एक बार नहीं बल्कि दो-दो पास यूपीएससी की परीक्षा क्रैक की हैं। पहली बार वह IPS बनीं और दूसरी बार IAS. जानिए नम्रता जैन के सफलता के इस सफर को और कितना कठिन रहा है उनका संघर्ष..
| Published : Aug 11 2022, 06:50 PM IST
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नम्रता जैन छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के उस जिले से आती हैं तो नक्सलवाद की जड़ें काफी गहरी हैं। वह दंतेवाड़ा (Dantewada) के कारली की रहने वाली हैं। यहां से निकलकर उनका आईएएस बनना आसान नहीं था लेकिन अपने कठिन मेहनत के दम पर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया।
नम्रता जैन की स्कूलिंग कारली के ही निर्मल निकेतन स्कूल से हुई। जैसे-तैसे 10वीं तक पढ़ाई की लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए घर वालों ने साफ मना कर दिया क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी कहीं बाहर जाए। घर वालों को बहुत समाझाया लेकिन वे नहीं माने। आखिरकार मां का साथ मिला और आगे की 5 साल की पढ़ाई भिलाई (Bhilai)और उसके बाद तीन साल तक दिल्ली (Delhi) में हुई।
नम्रता भिलाई के इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग पूरी की और फिर एक कंपनी में जॉब मिल गई। लेकिन उनके मन में आईएएस अफसर बनने का ख्वाब चल रहा था। उन्होंने जॉब ऑफर को ठुकराया और दिल्ली का रूख कर लिया। यहां उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और उन्हें सबसे ज्यादा साथ मिला तो उनके चाचा और मामा का।
नम्रता की तैयारी चल ही रही थी कि 6 महीन के अंदर ही उनके दो चाचा की हार्ट अटैक से मौत हो गई। चाचा से उनका काफी लगाव था और चाचा ही उन्हें सिविल सर्विसेज के लिए प्रोत्साहित करते थे तो नम्रता काफी हद तक टूट गई लेकिन उनका हौसला टूटने नहीं पाया और वे चाचा के सपने को पूरा करने तैयारी में जुट गईं।
पहली बार साल 2015 में नम्रता यूपीएससी की परीक्षा में बैठी लेकिन सफलता उनके हाथ नहीं लगी। अगले साल 2016 में उन्होंने 99वीं रैंक हासिल की लेकिन आईएएस नहीं बन पाईं। वह मध्यप्रदेश कैडर की IPS अफसर बनीं। हालांकि उनकी नजर उनके लक्ष्य आईएएस बनने पर ही टिकी रही।
हैदराबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी में ट्रेनिंग के दौरान उनकी तैयारी चलती रही। साल 2017 में वे परीक्षा में अपीयर ही नहीं हुईं और पूरे लगन से तैयारी में जुटी रहीं। आखिरकार उनकी मेहनत परिणाम में बदल गई और वे ऑल इंडिया टॉपर बन सामने आईं। उनकी यूपीएससी में 12वां रैंक आई और आईएएस बनने का सपना पूरा हुआ। नम्रता नक्सलवाद का सफाया कर गांव-गांव विकास पहुंचाना चाहती हैं।
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