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Success Story: कांस्टेबल के जुड़वा बेटों ने एकसाथ अफसर बन रचा इतिहास, छोटा भाई बना SDM, बड़ा नायब तहसीलदार
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दोस्तों, 17 फरवरी को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस-19 के फाइनल रिजल्ट घोषित हुए थे। परिणाम में मथुरा पुलिस कांस्टेबल के जुड़वा बेटों ने कामयाबी पाई। दोनों बेटों के नाम रोहित (Rohit Yadav) और मोहित यादव (Mohit Yadav) हैं। यूपीपीसीएस परीक्षा में दोनों भाइयों में एक डिप्टी कलेक्टर तो दूसरा नायब तहसीलदार के पद पर चयनित हुआ। दोनों जुड़वा भाई साथ-साथ पले-बढ़े हैं। पढ़ाई-लिखाई भी साथ ही हुई है। दोनों की काफी आदतें एकजैसी हैं। हैरानी की बात ये है कि, अब सरकारी नौकरी की सपना भी साथ ही पूरा हो गया है।
कॉन्सेटबल अशोक यादव का परिवार आगरा ट्रांस यमुना कॉलोनी में रह रहा है। इनके दोनों बेटे शुरू से ही टैलेंटेड रहे। कामयाबी में वे अपने पिता से भी एक कदम आगे निकल गए। अफसर बेटों ने पिता का नाम रोशन कर दिया क्योंकि जिला फिरोजाबाद में यह पहला मामला है।
20 अप्रेल 1996 को जन्मे मोहित और रोहित की उम्र में पांच मिनट का फासला है। दोनों की अधिकांश आदतें एक जैसी हैं। बचपन से ही दोनों भाई पढ़ाई में काफी होशियार थे।
पिता ने बताया, उत्तराखंड अलग से नया राज्य बनने से पहले उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा हुआ करता था। ऐसे में अशोक कुमार की देहरादून में पोस्टिंग थी। तब रोहित व मोहित बच्चे थे। दोनों की प्रारम्भिक पढ़ाई देहरादून के स्कूल से हुई। फिर इन्होंने से बीटेक है। इनकी माता कमलेश भी स्नातक पढ़ी लिखी हैं।
दोनों बेटे पढ़ाई में अच्छे थे तो बीटेक के बाद करियर के लिए उन्होंने सिविल सेवा को चुना। इसके लिए दोनों भाइयों ने दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर तैयारी की थी। पहली बार में उन्हें स्टेट सिविल परीक्षा में कामयाबी नहीं मिली थी। अब दूसरे प्रयास में सफलता मिल गई। एक बेटे को 30वीं और दूसरे को 36वीं रैंक हासिल हुई। इके बाद से उनके घर पर और मथुरा पुलिस थाने में बधाई देने वालों का तांता लगा गया।
बता दें कि रोहित और मोहित एक बार यूपीएससी की परीक्षा भी दे चुके हैं, जिसमें एक भाई मुख्य परीक्षा तो दूसरा साक्षात्कार तक पहुंच पाया था। उनकी आगे भी इसे पार करने की योजना है। IAS अधिकारी बनकर वो समाज सेवा में जान चाहते हैं।