डिस्टेंस एजुकेशन में करना चाहते हैं MBA, भूलकर भी मत किजिएगा ये 3 गलती
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दरअसल, आज हर युवा चाहता है कि उसके जेब में पैसे हों। कुछ के लिए यह जरूरत है और कुछ का शौक। ऐसे में कम उम्र में ही जॉब्स के ऑप्शन देखते हैं। पढ़ाई के दौरान या ग्रेजुएश पूरा होने के बाद कोई फुल टाइम तो कुछ पार्ट टाइम जॉब करने लगते हैं। ऐसे में पढ़ाई चाहते हुए भी बीच में छूट जाती है।
हालांकि, बहुत से इंस्टीट्यूट अब ऐसे हैं, जो डिस्टेंस लर्निंग यानी दूरस्थ शिक्षा के जरिए डिस्टेंस एमबीए कोर्स कराते हैं। इसके अलावा, स्टूडेंट्स रेगुलर बेसिस पर कोर्स करने के बजाय इग्नू या राजर्षि टंडन समेत कई और ओपन लर्निंग या फिर बड़ी यूनिवर्सिटीज के डिस्टेंस लर्निंग की ओर रूख कर रहे हैं।
ओपन लर्निंग या डिस्टेंस लर्निंग ऐसा ऑप्शन है, जिसमें छात्र को कॉलेज जाने की जरूरत नहीं होती। वे घर बैठकर ही अपनी पढ़ाई कर सकते हैं। ऐसे में पार्ट टाइम या फुल टाइम जॉब करते हुए भी स्टूडेंट्स अपनी मैनेजमेंट कोर्स पढ़ने की इच्छा को पूरा कर सकते हैं।
डिस्टेंस लर्निंग के जरिए मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन उन स्टूडेंट्स के लिए बेहतर ऑप्शन है, जो किसी भी वजह से फुल टाइम डिग्री के लिए रेगुलर बेसिस पर कॉलेज या इंस्टीट्यूट में जाकर पढ़ाई नहीं कर सकते।
ऐसे स्टूडेंट घर पर ही समय निकालकर पढ़ाई करना चाहते हैं। यह कोर्स उन छात्रों के लिए बेहतर विकल्प है, जो अपनी नौकरी के साथ मास्टर ऑफ बिजनेस की डिग्री भी लेना चाहते हैं। ऐसे में वे नौकरी करते हुए अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं।
इसके अलावा, यह उन छात्रों के लिए भी अच्छा विकल्प हो सकता है, जो कॉरपोरेट या सरकारी एजेंसियों में मास्टर ऑफ बिजनेस डिग्री वाली नौकरी करना चाहते हैं। इसके लिए किसी तरह की उम्र सीमा का नियम भी नहीं है।
डिस्टेंस लर्निंग के जरिए एमबीए यानी मास्टर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स में एडमिशन लेने के लिए छात्र को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से कम से कम 40 से 50 प्रतिशत अंक के साथ पास होना जरूरी है।
वहीं, संस्थानों की ओर से ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति यानी एससी और अनुसूचित जनजाति यानी एसटी तथा दूसरी रिजर्व श्रेणियों के लिए इसमें पांच से दस प्रतिशत तक अंक की छूट दी जाती है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय यानी इग्नू जैसी कुछ और ओपन यूनिवर्सिटी से भी छात्र डिस्टेंस प्रोग्राम में एमबीए कोर्स में प्रवेश ले सकता है। हालांकि, इसके लिए छात्र को ओपनमैट एंट्रेंस एग्जाम यानी OPENMAT Entrance Exam पास करना आवश्यक है।
वैसे छात्रों को यह जरूर ध्यान रखना चाहिए जिस इंस्टीट्यूट में एडमिशन ले रहे हैं, वह दूरस्थ शिक्षा परिषद यानी डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल और यूजीसी से संबद्ध है या नहीं। आगे पढ़ाई में दिक्कत नहीं हो, इसके लिए सभी सब्जेक्ट अपनी रूचि के हिसाब से चुने और तीसरी जरूरी बात ये कि पढ़ाई के लिए रोज कुछ समय जरूरी तय करें और उस दौरान पूरी गंभीरता से पढ़ें।