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उठते नहीं दोनों हाथ, पैरों में पैन फंसा लिखे पेपर, रिजल्ट देख टीचर बोले- बेटा तुमने टॉप कर दिया
नई दिल्ली. पंखों से कुछ नहीं होता होसलों से ही सपनों की उड़ान होती है। ये बात एक मासूम बच्चे ने ऐसी साबित कर दी कि हर दूसरा शख्स हैरान है। इस बच्चे को यूं तो हमेशा दूसरों की दुत्कार ही मिलती रही। वो अपाहिज है, दिव्यांग है, लाचार है अरे लूला-लंगड़ा है। कोई हंसता को कोई सहारा दे देता। पर इसी बच्चे ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपनी कमियों को भी तमाचा मारा है। 5वीं कक्षा में टॉप करने वाले इस बच्चों के जुनून की दास्तां दुनिया के हर स्टूडेंट के लिए एक मिसाल है। आपमें भी पढ़ाई के लिए ऐसा ही जुनून होना चाहिए।
| Published : Jan 11 2020, 04:24 PM IST
उठते नहीं दोनों हाथ, पैरों में पैन फंसा लिखे पेपर, रिजल्ट देख टीचर बोले- बेटा तुमने टॉप कर दिया
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5वीं कक्षा में टॉप करने वाले इस बच्चों के जुनून की दास्तां दुनिया के हर स्टूडेंट के लिए एक मिसाल है। आपमें भी पढ़ाई के लिए ऐसा ही जुनून होना चाहिए।
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ये बच्चा लुधियाना के 5वीं कक्षा का छात्र है। नाम है कमलजीत सिंह। कमलजीत दिव्यांग हैं। उनके जन्म से ही दोनों हाथ काम नहीं करते हैं। उन्हें हमेशा अपने दिव्यांग होने के कारण हंसी का पात्र समझा गया लेकिन 5वीं के रिजल्ट ने उन्हें अन्य छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत बना दिया।
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एक जन्मजात बीमारी के कारण कमलजीत के हाथ काम नहीं करते हैं। पर कमलजीत को पढ़ना था। इसलिए उसने गांव के स्कूल में एडमिशन ले लिया। टीचर बच्चे हैरान थे वो कैसे पढ़ेगा-लिखेगा, किताबें कॉपी कैसे उठाएगा? हाथ काम नहीं करते एग्जाम में कौन लिखेगा?
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पर कमलजीत को पढ़ाई के लिए खास जुनून था। वो पैरों से लिखने लगा और बराबरक क्लास लेता था। पैरों की उंगलियों में पेंसिल और पेन फंसाकर लिखते-लिखते कमलजीत ने पांचवी के बोर्ड एग्जाम दे दिए। फिर जब साल 2018 अप्रेल में पांचवी के रिजल्ट आया तो स्कूल के टीचर हैरान थे। दूसरी तरफ कमलजीत परेशान था कि वो ठीक से एग्जाम न दे पाने के कारण शायद आगे नहीं पढ़ पाएगा।
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पर हुआ कुछ उल्टा पर सही, कमलजीत को स्कूल के टीचर ने बधाई दी और कहा- बेटा पैरों से लिखकर ही तुमने तो टॉप कर लिया। कमलजीत की खुशी का ठिकाना नहीं। मीडिया ने भी कमलजीत के जज्बे को सलाम किया और उनकी कहानी दुनिया को सुनाई।
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मीडिया के सामने कमलजीत ने एक इंटरव्यू में कहा- 'कोई भी व्यक्ति चाहें कितनी भी तकलीफ में हो, उसे अपना विश्वास नहीं छोड़ना चाहिए। जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए बल्कि हमेशा ही, हर परिस्थिति में अपना प्रयास जारी रखना चाहिए।' इतने छोटे बच्चे के मुंह से सफलता के मंत्र सुन सभी हैरान रह गए थे।