- Home
- Career
- Education
- Success Story: डॉक्टर से डिप्टी कलेक्टर बनीं पूनम गौतम, 5 साल की बेटी को पालते हुए की PCS की तैयारी
Success Story: डॉक्टर से डिप्टी कलेक्टर बनीं पूनम गौतम, 5 साल की बेटी को पालते हुए की PCS की तैयारी
- FB
- TW
- Linkdin
स्त्री रोग विशेषज्ञ पूनम गौतम लखनऊ में रहती हैं। घर, परिवार और ऑफिस की जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए पूनम ने यूपीपीसीएस 2019 में बड़ी कामयाबी हासिल की है। पूनम को पीसीएस 2019 में तीसरी रैंक मिली है। उन्हें यह सफलता तीसरे प्रयास में मिली है। पति शोनेंद्र कुमार भी डॉक्टर हैं। सिविल सेवा में आने का उनका लक्ष्य बेटियों को सम्मान दिलाना है।
इंदिरा नगर की रहने वाली पूनम ने महिलाओं में टॉप किया है। वह SDM के लिए चयनित हुई हैं। पूनम ने कानपुर देहात से 12वीं की पढ़ाई करने के बाद 2011 में एमबीबीएस की पढ़ाई मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज से पूरी की। इसके बाद साल 2015 में केजीएमयू से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। वह स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। (Demo Pic)
सिविल सेवा में जाने का क्यों बनाया मन?
पूनम कहती हैं जेंडर इक्वलिटी के लिए उन्होंने सिविल सेवा में आना चुना। पूनम बताती हैं कि कई बार लोग बेटी के पैदा होने गमगीन और उदास हो जाते थे और बेटे के होने पर खुश होते मिठाइयां बांटते थे। लड़कियों को बोझ समझने का लोगों का रवैया उन्हें परेशान करता था।
यहीं से उन्होंने सिविल सेवा की तरफ जाने का मन बना लिया। सिविल सेवा में आकर वह बेटे और बेटियों के बीच के भेदभाव को मिटाने काम करना चाहती हैं। उनके इस इरादे को उनकी सास ने भी सपोर्ट किया।
5 साल की बेटी को पालते हुए की तैयारी
पूनम 5 साल की बेटी की मां हैं और घरेलू जिम्मेदारियां भी उनके सिर पर थीं। क्लिनिक संभालने से लेकर बेटी पर ध्यान देने तक सभी काम उन्होंने बखूबी निभाए। पूनम का PCS पास करने का संघर्ष रहा लेकिन समाज सेवा के लिए वो अपने इस सपने को पूरा करने के लिए जुटी रहीं।
सफलता पाने के लिए पूनम ने ऐसे की मेहनत
पूनम बताती हैं कि वे मरीजों को देखने के बाद रोजाना छह से आठ घंटे की पढ़ाई करती थीं। तैयारी के लिए आप्शनल पेपर मेडिकल साइंस लिया था। मेडिकल का बैक ग्राउंड था, इसलिए पढ़ाई आसान रही। वह रात में भी पढ़ती थीं। तीसरे प्रयास में ही पीसीएस टॉप कर पूनम ने तीसरी रैंक हासिल की। सफलता का श्रेय वह परिवार के सदस्यों को देती हैं।
सफलता का मंत्र:
सिविल सेवा की तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों को सफलता का मंत्र देते हुए पूनम कहती हैं कि लक्ष्य साध कर पढ़ाई करेंगे तो निश्चित कामयाबी मिलेगी।