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गरीब बच्चों को पढ़ाने वाले इस सरकारी स्कूल टीचर को मिलेगा 10 लाख का ईनाम, जीता अमेरिका का ये प्राइज
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अनुवाद की किताबें और QR से भी जोड़ा
रंजीत सिंह दिसाले (31) 2009 में जब सोलापुर जिले के परितेवाडी गांव में जिला परिषद प्राथमिक विद्यालय में आये थे, जब यह एक जीर्ण-शीर्ण इमारत थी। उन्होंने वहां बदलाव लाने का फैसला किया और यह सुनिश्चित किया कि छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तकें स्थानीय भाषा में उपलब्ध हों। दिसाले ने न केवल पाठ्यपुस्तकों को छात्रों की मातृभाषा में अनुवाद किया बल्कि उनमें क्यूआर कोड भी जोड़ा ताकि छात्रों की पहुंच श्रव्य कविताओं, वीडियो व्याख्यान, कहानियों तक हो।
लड़कियों की 100 प्रतिशत उपस्थिति
दिसाले के इस प्रयास का यह प्रभाव हुआ कि गांव में अब कम आयु में विवाह नहीं होते और विद्यालय में लड़कियों की सौ प्रतिशत उपस्थिति है। शिक्षा प्रचारक, अभिनेत्री-लेखक सोहा अली खान ने कहा, ‘‘यह अविश्वसनीय उपलब्धि है जिसे दुनिया भर से 12,000 से अधिक नामांकनों एवं आवेदनों में से चुना गया है। रंजीत, आपने वास्तव में लड़कियों और उनके परिवारों को स्कूल में रहने के महत्व के बारे में सिखाया है।’’
शिक्षक के सहयोग से एक बेहतर भविष्य का मार्ग
शिक्षा प्रचारक ने कहा, ‘‘वैश्विक शिक्षक पुरस्कार, जो यूनेस्को के साथ साझेदारी करता है, दुनिया के हर कोने में आप जैसे प्रेरक शिक्षकों पर प्रकाश डालता है। दुनिया आज अपनी सबसे बड़ी चुनौतियों में से कुछ का सामना कर रही है, लेकिन शिक्षक के सहयोग से एक बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा।’’
वेब लिंक को पढ़ा जा सकता है
मानव संसाधप विकास मंत्रालय ने 2018 में घोषणा की थी कि राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (एनसीईआरटी) की पाठ्यपुस्तकों में क्यूआर कोड होगा। क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड मशीन से पठनीय काले और सफेद चौकोर से बना विशेष प्रकार का कोड होता है। स्मार्टफोन के कैमरे द्वारा इसमें स्टोर किए गए वेब लिंक या अन्य सूचना को पढ़ा जा सकता है।
पाठ्य पुस्तकों का अनुवाद किया
अभिनेता, लेखक और स्टीफन फ्राई ने कहा, ‘‘यह पता चलने के बाद कि पाठ्यक्रम आपके छात्रों की प्राथमिक भाषा कन्नड़ में नहीं है आपने स्वयं भाषा सीखने का फैसला किया। आपने पाठ्य पुस्तकों का अनुवाद किया और उसमें क्यूआर कोड डाला जिससे कि छात्रों की श्रव्य कविताओं, वीडियो व्याख्यानों तक पहुंच मिल सके।’’
लोगों के लिए प्रेरणा होगी दिसाले की कहानी
उन्होंने कहा, ‘‘अब आपके स्कूल को जिले में सर्वश्रेष्ठ स्कूल का दर्जा प्रदान किया गया है जिसकी 100 प्रतिशत उपस्थिति है। बधाई रंजीत, और आपने जो कुछ किया है उसके लिए धन्यवाद।’’ यूनेस्को में शिक्षा के लिए सहायक महानिदेशक स्टीफनिया गियानिनी को उम्मीद है कि दिसाले की कहानी शिक्षण पेशे में प्रवेश करने वालों को प्रेरित करेगी और हर दिन पूरे भारत और दुनिया भर में अविश्वसनीय काम करने वाले शिक्षकों को सामने लाएगी।
ये शिक्षक भी हैं शामिल
दिसाले के अलावा इस सूची में नाइजीरियाई शिक्षक ओलासुनकनमी ओपिफा, ब्रिटिश शिक्षक जेमी फ्रॉस्ट, इतालवी शिक्षक कार्लो मेज़ोन, दक्षिण अफ्रीकी शिक्षक मोखुदू सिंथिया मचाबा, अमेरिकी शिक्षक एल जुएलके और दक्षिण कोरियाई शिक्षक यूं जियॉंग-ह्यून शामिल हैं।