MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Career
  • Education
  • पिता की आखिरी ख्वाहिश पूरी करने मैकेनिक की बेटी बनी IAS अफसर, गरीबों के कल्याण में झोंक दी जिंदगी

पिता की आखिरी ख्वाहिश पूरी करने मैकेनिक की बेटी बनी IAS अफसर, गरीबों के कल्याण में झोंक दी जिंदगी

कर्नाटक.  सिविल सर्विस में जाने के लिए लोग कई तरह के सपने देखते हैं। कोई अफसर बनना चाहता है, तो कोई सरकारी नौकरी के लिए ससिविल सर्विस को ही बेहतरीन मानता है। पर क्या आपने सोचा है कि मैग्जीन में एक अफसर की फोटो देख कोई ये सोच ली मुझे भी अपनी फोटो चाहिए। जी हां 2018 बैच की अफसर टी. शुभ मंगला ने अपने बचपन में एक मैग्जीन में आईएएस अफसर की फोटो देख सोच लिया था कि, एक दिन मेरी फोटो भी यहां छपेगी। इसलिए उन्होंने सिविल सर्विस में जाने की सोची। उदयपुर जिले के कोटड़ा में उप जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत टी शुभ मंगला अफसर जीजी बन यहां आदिवासी लोगों की जिंदगी सुधार रही हैं। IAS सक्सेज स्टोरी में आज हम आपको मंगला के संघर्ष और अफसर बनने की कहानी सुना रहे हैं.... 

3 Min read
Asianet News Hindi
Published : Mar 01 2020, 11:00 AM IST| Updated : Mar 02 2020, 09:52 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
17
टी शुभ मंगला कर्नाटक की रहने वाली हैं। उनके पिता एक मैकेनिक थे। उनका एक बड़ा परिवार था जिसकी जिम्मेदारी उनके पिता के कंधों पर थी। मंगला के पिता 10वीं के बाद ही पैसे कमाने लगे और एक मैकेनिक के तौर पर काम करने लगे। मंगला और उनके भाई ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की। वो अपने परिवार में पहली पीढ़ी थी जो इतनी पढ़ी-लिखी थी।
27
मंगला एक होनहार स्टूडेंट रही हैं उन्होंने कई बार क्लास में टॉप किया है। इसके बाद उन्होंने डॉक्टर बनने की सोची और एमबीबीएस की पढ़ाई करने लगीं। निबंध लेखन से लेकर किसी भी एक्टिविटी में वो टॉप करतीं और उनके फोटो मैग्जीन में छपने लगे। इतना ही उन्होंने एमबीबीएस में भी टॉप किया और कई गोल्ड मेडल अपने नाम किए।
37
एमबीबीएस पूरा करने के बाद वो, त्वचा रोग विशेज्ञ बनीं साथ ही उन्होंने स्त्री रोग विशेषज्ञ में भी डिग्री हासिल की। डॉक्टर बनने के बाद मंगला के दिमाग से सिविल सर्विस निकल चुका था। फिर उन्होंने अपने डॉक्टरी वाले कार्यकाल में उन्होंने में गरीबी को जूझते देखा। ऐसे में वो फिर से सिविल सेवा के बारे में सोचने लगीं। उन्होंने डॉक्टरी के काम के साथ पढ़ाई जारी रखी।
47
उन्होंने स्त्री रोग पर एक किताब भी लिखी। इस दौरान 2013 में उनकी शादी हो गई। उनके पति वेंक्टेंश इनकम टैक्श में डिप्टी कमिश्नर हैं। इसके बाद ही उनके पिता को कैंसर हो गया। डॉक्टरों ने कहा कि, उनके पिता मुश्किल से पांच से छह महीने ही जिंदा रहेंगे। ऐसे में उन्होंने सोचा कि सिविल सर्विस करना चाहिए। पिता ने भी बेटी को अफसर बनने की बात कही ताकि वो लोगों की सेवा कर सकें।
57
इसके बाद मंगला ने सिविल सर्विस की तैयारी की। लगातार दो साल तैयारी के बाद साल 2018 में ALL इंडिया 147 रैंक पाकर वो सफल रहीं। इसके बाद उन्होंने लोगों की सेवा में खुद को झोंक दिया। फिलहाल मंगला उदयपुर जिले के कोटड़ा में उप जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। कोटड़ा को प्रदेश का ऐसा आदिवासी इलाका माना जाता है जहां पोस्टिंग होने के बाद भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी जाते ही नहीं हैं। यदि उन पर दबाव बनाया जाता है तो वे नौकरी छोड़ देते हैं। कोटड़ा के आदिवासियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति काफी खराब है। महिलाएं और बच्चे कुपोषण का शिकार हैं।
67
यहां काम करने का अवसर मिला तो शुभमंगला ने सबसे पहले तो कुपोषित महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का काम शुरू किया। कोटड़ा की नब्बे फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन बिता रही है, ऐसे इलाके में दो कमरे के क्वार्टर में रहकर शुभ मंगला आदिवासियों विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाने में जुटी हैं।
77
फलासिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को खुले 15 वर्ष से ज्यादा समय हो गया है लेकिन आदिवासी बहुल क्षेत्र के इस केन्द्र पर शुरू से चिकित्सकों की कमी रही। सरकार अब तक विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं कर पाई है। मंगला के प्रयासों से फलासिया सीएचसी पर पहली बार कैम्प के बहाने ही सही परन्तु आरएनटी मेडिकल कॉलेज से रेजीडेन्ट डॉक्टर रोशन दंरागी ने गर्भवतियों की प्रसव पूर्व जांच की थी। आईएएस अफसर होने के साथ-साथ वो अपने डॉक्टरी योग्यता के जरिए भी लोगों की मदद कर रही हैं। उनका सफर और काम करने का जज्बा लोगों के लिए प्रेरणा है।

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved