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विदेश मे लाखों की नौकरी छोड़ लड़के ने ठानी देशसेवा...IPS बनने के बावजूद भी चौथी बार में पा लिया IAS का पद
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अभिषेक की स्कूलिंग भीलवाड़ा में ही हुई। इसके बाद हायर स्टडीज के लिए उन्होंने दिल्ली आईआईटी का रुख किया और यहां से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। जैसा कि सामान्यतः आईआईटी ग्रेजुएट्स के साथ होता है पढ़ाई पूरी होते ही उन्हें विदेश में एक अच्छी हाईपेइंग जॉब मिल गई। डेढ़ साल नौकरी करने के बाद अभिषेक को लगा कि यह वो क्षेत्र नहीं है जिसमें उनका लंबे समय तक मन लगे। नौकरी छोड़कर उन्होंने दूसरी विदेशी धरती पर बिजनेस डाला जिसकी पूरी फंडिग सरकार द्वारा हुई थी। यह काम भी कुछ साल करने के बाद अभिषेक को लगा कि मंजिल यह नहीं है।
उनमें अपने देश आकर ग्रासरूट लेवल पर कुछ करने की प्रबल इच्छा थी। अभिषेक ने बिजनेस भी छोड़ दिया और सिविल की तैयारी करने का पक्का मन बना लिया। वे कहते हैं इस पूरे सफर में उनकी फैमिली बहुत सपोर्टिव रही जिसने कभी उनके किसी निर्णय पर शंका नहीं की। न कभी अच्छी-खासी नौकरी छोड़ने पर कुछ कहा, अभिषेक लगे रहे पर अपने पुराने जीवन में हर क्षेत्र में सफल अभिषेक को यूपीएससी में सफलता पाने में तुलनात्मक ज्यादा समय लगा।
प्री के लिए टेम्परामेंट है बहुत जरूरी –
अभिषेक कहते हैं कि मैंने चार बार प्री दिया और चारों बार सेलेक्ट हुआ। इन चार सालों के अनुभव से वे कहते हैं कि प्री परीक्षा पास करने में टेम्परामेंट का बहुत जरूरी रोल होता है। कैंडिडेट पेपर देखकर पैनिक कर जाते हैं और गलत आंसर मार्क कर देते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए जरूरी है कि वे परीक्षा के पहले खूब मॉक टेस्ट दें और परीक्षा जैसे वातावरण में दें ताकि उनके मन से किसी भी प्रकार का डर निकल जाए और वे कंफर्टेबल हो जाएं। कम से कम प्री के पहले 15 से 20 मॉक जरूर दें। बाजार से पेपर खरीदें और उसे समय के अंदर ही पूरा करें। अगर आप दो घंटे के पेपर को तीन या साढ़े तीन घंटे में पूरा करेंगे तो दिमाग उसी के लिए प्रोग्राम हो जाएगा।
इसलिए बिल्कुल परीक्षा जैसे माहौल में परीक्षा दें और पेपर देने के बाद उसे एनालाइज जरूर करें वरना सारी मेहनत बेकार चली जाएगी। प्री के लिए एक और जरूरी सलाह अभिषेक देते हैं कि इसके सेकेंड पेपर को क्वालिफाइंग मानकर अक्सर कैंडिडेट्स इसे बहुत लाइकली लेते हैं जोकि गलत है। इसे गंभीरता से लें और जहां तक इसमें सफलता की बात है तो इसमें वही सफल हो सकते हैं जिनके बेसिक्स और छोटी-छोटी चीजें क्लियर हों।
अभिषेक का अनुभव –
अभिषेक कहते हैं कि मेन्स परीक्षा की तैयारी के लिए विस्तार में पढ़ाई की आवश्यकता पड़ती है। लिमिटेड किताबें रखें और उन्हीं से बार-बार पढ़ें। अभिषेक रिवीजन और नोट्स मेकिंग पर भी बहुत जोर देते हैं। वे कहते हैं जो पढ़ें उसे बार-बार रिवाइज करें वरना पढ़ाई का कोई लाभ नहीं। इसी तरह अगर आपको समझ आये तो नोट्स भी बनाएं, यह बहुत हेल्प करते हैं क्योंकि सारा मैटीरियल एक जगह मिल जाता है। नोट्स ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह से बनाए जा सकते हैं। हालांकि इन्हें बनाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि नोट्स ऐसे हों, जिनसे आसानी से रिवाजइज किया जा सके।
इसके अलावा वे एथिक्स के पेपर के लिए क्लास ज्वॉइन करने की सलाह देते हैं क्योंकि हर बिंदु पर हर कोई अपने आप नहीं सोच सकता। जब सारी तैयारी हो जाए तो टेस्ट सीरीज ज्वॉइन करिए और ऐस्से के पेपर के लिए याद रखिए की अलग सा विषय चुनने के फेर में न पड़ें, विषय कैसा भी हो अंदर का मैटीरियल मैटर करता है। इसे लिखते समय बैलेंस्ड व्यू रखें। जहां तक साक्षात्कार का सवाल है तो इसके लिए भी कम से कम चार या पांच मॉक दें और बस एक बात का ख्याल रखें कि बोर्ड के सामने ब्लफ न करें। उनसे झूठ बोलने की कोशिश न करें, तुरंत पकड़ लिए जाएंगे।
अभिषेक इस सलाह के साथ अपनी बात खत्म करते हैं कि उन्होंने कहीं सुना था कि जब जिंदगी बहुत कम उम्र में सैटेल और आरामदायक हो जाए तो समझ लो कहीं कुछ गड़बड़ है। उन्हें अपने साथ भी यही फील हुआ था इसीलिए नौकरी छोड़कर इस क्षेत्र में आने की योजना बनाई। राह में मुश्किलें बहुत आईं पर वे जानते थे कि जो राह उन्होंने चुनी है वहां संघर्ष जरूर है पर आत्म-संतुष्टि भी वहीं है।
(Demo Pic)