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महिला अफसर ने सुनाई दर्दनाक कहानी, बोली- 'उस रात दंगों में एक मुसलमान ने बचाई थी मेरी जान'
| Published : Apr 10 2020, 08:26 PM IST / Updated: Apr 11 2020, 11:11 AM IST
महिला अफसर ने सुनाई दर्दनाक कहानी, बोली- 'उस रात दंगों में एक मुसलमान ने बचाई थी मेरी जान'
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कर्नाटक में नव नियुक्त धारवाड़ सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अनुषा कोरोना आपदा के बीच सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म, फेसबुक, व्हाट्सएप, टिक टॉक के सांप्रदायिक वीडियोज और कंटेट को देख काफी भड़की हुई थीं। वह कोरोना से जंग की तैयारी के लिए अपने कार्यक्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के नेताओं को को संबोधित कर रही थीं।
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उन्होंने कोरोना के बीच नफरती माहौल बनाए जाने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि एक कैसे साल 2002 के गुजरात दंगों में एक मुस्लिम डॉक्टर ने उनकी जान बचाई थी। एसीपी अनुषा ने गुजरात में गोधरा की घटना के बाद 2002 में सांप्रदायिक दंगों के बाद की घटना को याद करते हुए कहा कि पूरे राज्य में दंगे फैल गए थे। उस समय एक छोटी बच्ची अचानक बीमार पड़ गई थी। उसकी हालात गंभीर थी, आस पड़ोस में सब कुछ बंद था डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए थे। तब एक मुस्लिम डॉक्टर आगे आए उस बच्ची का इलाज किया और उसकी जान बचाई। वो छोटी बच्ची मैं हूं।
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एसीपी ने उस डॉक्टर का नाम सईद सादिक बताया और कहा- "मुझे जन्म मेरी मां ने दिया है लेकिन दूसरा जीवन एक मुस्लिम डॉक्टर ने। आज वो इस दुनिया में नहीं हैं भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।"
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एसीपी अनुषा ने नेताओं को संबोधित करते हुए सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज भेजने वालों पर लगाम कसने की बात कही। उन्होंने कहा, ऐसे लोग हैं जो नफरत फैलाते हैं और समुदाय को विभाजित करते हैं और शांति को बाधित करते हैं, लेकिन वह धारवाड़ में ऐसा नहीं होने देंगे।
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अनुषा ने टिक्कॉक वीडियो बनाने वालों, मुस्लिमों को निशाना बनाने वाले व्हाट्सएप संदेश, उन्हें कोरोनवायरस से जोड़कर या उन्हें आतंकवादी के रूप में ब्रांडिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का वादा किया। उन्होंने आश्वासन दिलाया कि देश की एकता को टूटने नहीं देना है बल्कि मिलकर नफरती चिंटुओं से लड़ेंगे।"
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सोशल मीडिया पर यह एसीपी के वीडियो सामने आने के बाद, अधिकारी और लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं। ये वीडियो काफी वायरल हो रहा है। अनुषा साल 2014 बैच की अधिकारी रही हैं। उन्होंने लॉकडाउन लागू होने के बाद प्रदेश में पुलिस को लाठीचार्ज न करने के आदेश दिए थे।