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बचपन में माता-पिता को खो दिया...रूखी सूखी रोटी खिला चाचा ने पाला, अफसर बन बेटी ने किया नाम रोशन
| Published : Apr 13 2020, 07:51 PM IST / Updated: Apr 13 2020, 08:21 PM IST
बचपन में माता-पिता को खो दिया...रूखी सूखी रोटी खिला चाचा ने पाला, अफसर बन बेटी ने किया नाम रोशन
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44 सदस्यीय महिला कमांडो टीम में इस युवा लड़की के साहस और धैर्य की लोग दाद देते हैं। केटी अजिता नाम की इस लड़की ने जब मुख्यमंत्री के हाथों सर्वश्रेष्ठ कैडेट ट्रॉफी का सम्मान प्राप्त किया, तब वह मीडिया की सुर्खियों में आ गईं। पर अजिता का संघर्ष बहुत ज्यादा है।
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माता-पिता की इकलौती बेटी अजिता की जिंदगी उस समय ही बिखर गई, जब वह छोटी सी थी और उन्होंने अपने माता पिता को खो दिया। उन्हें अपने माता-पिता का प्यार भी नहीं मिल सका।
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अजिता अपने माता-पिता, परमेस्वरन और राजम्मा की इकलौती बेटी हैं। बहुत छोटी उम्र में ही अजिता ने अपने माता-पिता को खो दिया था। जिसके बाद अजिता को उनके चाचा, महीन्द्रन ने पाला, जो मदवाना में एक मजदूर हैं। (Demo Pic)
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उनके चाचा ने उन्हें किसी तरह पाला। घर की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी, लेकिन फिर भी उनके चाचा ने उन्हें कभी माता-पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। बचपन से ही तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए बड़ी हुई अजिता ने काफी कम उम्र में ही जिंदगी जीने के मायनों को सीख लिया था। (Demo Pic)
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31 जुलाई 2019 को पास हुई केरल की पहली अखिल महिला बटालियन बैच में से पानांगद निवासी केटी अजिता को बेस्ट कैडेट का ख़िताब मिला। 578 अन्य कैडेटों में से अजिता को मुख्यमंत्री की सर्वश्रेष्ठ कैडेट ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। इसके अलावा अजिता 44 सदस्यीय महिला कमांडो बल का भी हिस्सा हैं, जो कि राज्य में ऐसी पहली टीम है। (Demo Pic)
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अजिता जिस टीम का हिस्सा थीं उसे नौ महीने का कठोर प्रशिक्षण दिया गया था। प्रशिक्षण में साइबर अपराधों पर विशेष प्रशिक्षण और इनसे प्रभावी ढंग से निपटने के तरीके के साथ-साथ स्वीमिंग आदि भी शामिल थे। (Demo Pic)
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आपकी जानकारी के लिए बताना चाहते हैं कि बटालियन में 348 महिलाएं 25 से 30 वर्ष के बीच हैं, जबकि 100, 30 से 35 साल के बीच हैं। 25 साल से कम उम्र के कुल 130 सदस्य हैं। (Demo Pic)
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महिला कमांडो को आधुनिक हथियार में प्रशिक्षित किया जाता है जिसमें एके-47 भी शामिल है। इतना ही नहीं उन्हें अंधेरे में भी महज 45 सेकंड में बंदूक तैयार करने के लिए तैयार किया गया है। (Demo Pic)
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सच में महिलाओं ने अपनी भागीदारी से यह सुनिश्चित कर दिया है कि वह सिर्फ परिवार की ही नहीं बल्कि देश की सेवा करने में भी अपना पूरा सहयोग देंगी। हम उनके साहस और जज़्बे को सलाम करते हैं। (Demo Pic)