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अद्भुत: 13 साल की लड़की को मिला BA में एडमिशन, आंख पर पट्टी बांधकर भी लिख सकती है अपनी कॉपी
करियर डेस्क. 21वीं सदी में देश के बच्चे चार नहीं 10 कदम आगे निकल रहे हैं। इस बात की एक बानगी आप यूं देखिए कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की एक लड़की को 13 साल की उम्र में ग्रेजुएशन में एडमिशन मिल गया है। कुलपति और उच्च शिक्षा विभाग की विशेष अनुमति से इस लड़की के एडमिशन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। आइए आपको बताते हैं अद्भुत छात्र के खिताब से नवाजी जा चुकी इस छात्रा की सफलता की कहानी-
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इस अद्भुत स्टीडेंट का नाम है तनिष्का (Tanishka) जिन्होंने सफलता और काबिलियत के मामले में उम्र को हरा दिया है। इंदौर (Indore) की रहने वाली तनिष्का डीएवीवी में 13 साल की उम्र में बीए में ऐडमिशन लेने वाली वाली छात्रा बन गई हैं।
इतना ही नहीं उनके नाम पर मात्र 11 साल की उम्र में 10वीं पास करने का भी रिकॉर्ड है। 12 साल की उम्र में 12वीं पास कर एशिया बुक ऑफ अवार्ड( Asia Book of Award) का सम्मान भी अपने नाम कर चुकी हैं।
तनिष्का को यूनिवर्सिटी के तक्षशिला परिसर (Takshashila) के स्कूल ऑफ लाइफ लॉन्ग लर्निंग में बीए सायकोलॉजी (Psycology) में एडमिशन मिला है। वह अपनी मां अनुभा (Anubha) के साथ रहती हैं।
कुछ समय पहले ही तनिष्का के पिता का कोरोना से निधन हो गया था। तनिष्का ने अपनी काबिलियत के दम पर ये सम्मान और रिकॉर्ड हासिल किया है। वो अविश्वसनीय टैलेंट से भरी हुई हैं। आपकी उनकी काबिलियत की एक नमूना देखिए कि वो आंखों पर पट्टी बांध कर लिख सकती हैं।
तनिष्का अद्भुत हैं कि आंख पर पट्टी बांधकर लिख और पढ़ सकती हैं। उनके इस गुण को देखते हुए उन्हें असामान्य छात्रा का दर्जा भी मिल चुका है। तनिष्का ढाई साल की उम्र से पढ़ रही हैं। 8 साल तक की उम्र में 5वीं तक पढ़ाई की है, इसके बाद होम स्कूलिंग शुरू की।
11 साल कि उम्र में 10 वीं पास
11 साल की उम्र में विशेष परमिशन लेकर तनिष्का ने मालवा कन्या स्कूल (Malwa Kanya School) में 10वीं में प्राइवेट फॉर्म भरकर फर्स्ट क्लास (1st Class) से पास हुईं। इसके बाद 12वीं भी प्राइवेट फॉर्म भरकर ही फर्स्ट क्लास पास की। उसके बाद स्थानीय सांसद शंकर लालवानी (Shankar Lalwani) की विशेष मदद के बाद शासन की विशेष अनुमति लेकर उसे डीएवीवी में एडमिशन लिया।
कोरोना महामारी में पिता को खो दिया
तनिष्का ने कोरोना महामारी में पिता को खो दिया था। तनिष्का कहती हैं कि उनके पिता का सपना था कि वह कुछ बेहतर करें, खूब पढ़ें और जिंदगी में आगे बढ़ें लेकिन, कुछ दिन पहले ही पिता की कोरोना से मौत हो गई। अब उनके सपने को पूरा करने के लिए वह लगातार काम करती रही हैं। वह बीए एलएलबी करना चाहती थीं, लेकिन, उसकी मंजूरी नहीं मिली। देश इतनी कम उम्र में ग्रेजुएशन करने वाली वह पहली छात्रा हैं।
11 साल के लिवजोत देंगी 10वीं परीक्षा
तनिष्का की तरह ऐसे ही एक मामला छत्तीसगढ़ से भी सामने आया जहां सरकार ने 11 साल के बच्चे को 10वीं बोर्ड परीक्षाएं देने की अनुमति दी है। इस बच्चे को थ्री इडियट्स फिल्म के रैंचो का खिताब मिला है। दुर्ग जिले के लिवजोत सिंह अरोड़ा (Livjot Singh Arora) इस साल 2021 दसवीं बोर्ड एग्जाम (10th board Exam) देंगे। वो अभी कक्षा 5 में पढ़ते हैं लेकिन उनका आईक्यू 16 साल के लड़के के बराबर है। इसी के आधार पर समिति ने यह फैसला लिया दसवीं की परीक्षा देने के काबिल हैं।