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विदेश मंत्रालय में ASO ऑफिसर बन चमक जाती है किस्मत, 2 लाख सैलरी संग मिलती है AC, सोफा-फ्रिज तक की सुविधा
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दोस्तों, SSC युवाओं को केंद्र सरकार के शीर्ष संगठनों में काम करने का एक शानदार मौता देता है। विदेश मंत्रालय और रेलवे में सहायक अनुभाग अधिकारी SSC CGL के तहत आने वाले सर्वोच्च पदों में से एक है। SSC हर साल CGL के माध्यम से स्नातक स्तर की परीक्षा का आयोजन करता है और भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के लिए ग्रुप बी और ग्रुप सी कैडर के लिए उम्मीदवारों का चयन करता है। अब आपको CGL के माध्यम से भारत और विदेश मंत्रालय में नियुक्त होने का मौका मिलता है। इसमें जबरदस्त सैलरी के साथ कई बड़ी सुविधाएं दी जाती है। नाम-शोहरत और हाई-फाई लाइफ जीने के लिए शानदार सुविधाएं शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय में ASO कैसे बनें?
दोस्तों, सबसे पहले कैंडिडेट्स को SSC CGL की परीक्षा पास करनी होती है। SSC इसके लिए हर साल आवेदन मांगता है। शैक्षिक योग्यता के लिए ग्रेजुएशन लेवल पर कैंडिडेट्स अप्लाई कर सकते हैं। फॉर्म भरने के बाद तीन लेवल की परीक्षा देनी होगी। सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा होगी फिर मुख्य तीसरी एक और लिखित परीक्षा। तीनी स्तर पर पास होने पर कैंडिडट्स का चयन हो जाता है।
ट्रेनिंग:
इसमें जॉइनिंग होने पर तत्काल प्रशिक्षण नहीं है। हालांकि, इससे पहले कि आप एक विदेशी पोस्टिंग प्राप्त करें, आपको अनिवार्य रूप से 30 दिनों के प्रशिक्षण (छोटे मॉड्यूल में फैले) के साथ-साथ विदेशी लैंग्वेज टेस्ट से गुजरना होगा।
विदेशी पोस्टिंग प्राप्त करने के लिए विदेशी भाषा प्रवीणता परीक्षा अनिवार्य है।
प्रभावी काम करने के लिए कम अवधि में सीखने के लिए प्रशिक्षण बहुत तेज है।
प्रशिक्षण, विदेशी सेवा संस्थान (एफएसआई), जेएनयू, दिल्ली में होता है।
पोस्टिंग (तैनाती) की जगह-
यह आपकी पसंद पर निर्भर करता है कि आप नई दिल्ली में रहना चाहते हैं या विदेशी कार्यालयों में अपनी पोस्टिंग चाहते हैं। अगर आप प्राधिकरण को समझाने में कामयाब होते हैं तो आप लाइफटाइम अपने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में अपनी पोस्टिंग पा सकते हैं। इसके अलावा अगर आप विदेश मंत्रालय के तहत विदेश में काम करने का विकल्प चुनते हैं, तो वैश्विक स्तर पर आपको अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा।
नौकरी की जिम्मेदारियां:
1. भारतीय कूटनीति के बारे में बहुत कुछ सीखना और देश कैसे मामलों को उठाये, इसका बहुत ही जिम्मेदार काम करना होता है।
2. असिस्टेंट का मुख्य काम आईएफएस (IFS) अधिकारियों को उनके दिन-प्रतिदिन के काम में सहायता करना होता है।
3. असिस्टेंट, भारत में प्रधान कार्यालय के साथ नोटिंग, ड्राफ्टिंग और संचार और फाइल वर्क करते हैं।
राष्ट्रों के बीच हस्ताक्षर किए जाने वाले दस्तावेजों की प्लानिंग और जाँच करना।
4. राजदूतों और मंत्रियों द्वारा हस्ताक्षर किए जाने वाले विभिन्न समझौता ज्ञापनों से संबंधित फाइलिंग और अन्य कार्य।
5. होम नेशन के मुख्यालय से वाणिज्य दूतावासों के विभिन्न कार्यालयों के बीच समन्वय।
NRI / PIO सहित, विदेशी राज्य के साथ-साथ अपने लोगों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देना।
विदेशी देशों को 5 श्रेणियों में बांटा गया है – A+, A, B, C और हार्ड C।
1. सुपर श्रेणी(A+) में – न्यूयॉर्क, टोरंटो, वाशिंगटन डीसी, वेलिंगटन, जिनेवा आदि।
A – लंदन, पेरिस, मैड्रिड, मैक्सिको सिटी, टोक्यो आदि।
B- शिकागो, वार्शॉ, ज्यूरिख, सिडनी आदि।
C- थिम्पू, कुवैत, बैंकॉक आदि।
हार्ड C- काबुल, दमिश्क, कंधार आदि।
SSC CGL से नियुक्त ASO का वेतन:
सातवें वेतन आयोग के अलावा इसमें 37000 / - प्रति माह वेतन औऱ नई दिल्ली मुख्यालय मिलता है।
विदेश मंत्रालय में नियुक्त ASO का वेतन:
अगर आपने आप विदेश मंत्रालय के अधीन काम कर रहे हैं, तो आपकी पोस्टिंग विदेशों में भी की जाएगी। भारत से बाहर पोस्टिंग करते समय, आपका वेतन प्रति माह 2 लाख तक हो सकता है। विदेश में पोस्टिंग में यह 1800 से 2900 अमेरिकी डॉलर में बदल जाता है इसके अलावा एक विदेशी भत्ता + वर्तमान मूल वेतन + विदेशी पोस्टिंग पर 400 से 600 डॉलर अन्य भत्ता भी मिलता है।
SSC CGL के अंतर्गत ऑफिसर की सुविधाएं
आवास: - भारत सरकार बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित 3 BHK आवास रहने के लिए देती है जिसमें एसी, सोडा, रेफ्रिजरेटर, बिस्तर, आदि जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं शामिल रहती हैं। इसके अलावा आपको दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुएं भी खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ती हैं। यदि विदेश में आपको आवास प्रदान नहीं किया गया है तो ऐसी स्थिति में आपको उस देश के 5 सितारा होटल में ठहराया जाता है।
चिकित्सा: - विदेश में आपको और आपके परिवार के सदस्यों के लिए शानदार चिकित्सा सेवाएं मिलती हैं। उदाहरण के लिए यदि आप सिंगापुर में हैं तो आपको शायद माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में चिकित्सा सुविधा मिल जाएगी।
प्रोमोशनल एवेन्यूज: प्रमोशन होने पर क्या मिलेगा?
1. अगर आप विभागीय परीक्षा पास कर लेते हैं तो आप 5 साल में सहायक से प्रशासनिक अधिकारी बन सकते हैं अन्यथा 8 साल लगते हैं।
2. प्रशासनिक अधिकारी से अवर सचिव के पद पर पहुंचने के लिए फिर 8 साल लगते हैं।
3. अगले 8 साल में अवर सचिव से उप सचिव।
4. अगले 6 वर्षों में उप सचिव निदेशक।
5. अगले 4 साल में निदेशक से संयुक्त सचिव।
छोटे देशों में "भारत के महावाणिज्य दूतावास" के रूप में निदेशक को तैनात किया जाता है जो एक राजदूत स्तर का पद है। जब आप अवर सचिव बन जाते हैं तब आपको आईएफएस कैडर मिल जाता है और यूपीएससी आपको एक बैच वर्ष आवंटित करेगा। इसके बाद आप स्वयं को एक आईएफएस अधिकारी कह सकते हैं। एक आईएफएस अधिकारी के रूप में आप एक नौकर रखने के हकदार हो जाते हैं जिसे आप भारत या विदेश कहीं से भी रख सकते हैं और इसका सारा खर्च, हवाई किराया, चिकित्सा व्यय आद का भुगतान भारत सरकार द्वारा दिया जाता है।
पोस्टिंग की अवधि:-
विदेश में आपकी पोस्टिंग 3 वर्ष के लिए तथा हार्ड सी देशों में 1.5-2 साल के लिए की जाती है। उसके बाद आपको मुख्यालय वापस आना पड़ता है और यदि आप अब चाहते हैं तो अन्य विदेशी देशों में आपको पोस्टिंग मिल सकती है। आप विदेश में 1500 किलो तक का सामान ले जा सकते हैं जिसमें मोटरसाइकिल, कार, संगीत वाद्ययंत्र आदि शामिल हैं।