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- पढ़ाई के लिए सही समय क्या है? Pariksha pe charcha के दौरान छात्रों ने पीएम नरेन्द्र मोदी से पूछे ऐसे 7 सवाल
पढ़ाई के लिए सही समय क्या है? Pariksha pe charcha के दौरान छात्रों ने पीएम नरेन्द्र मोदी से पूछे ऐसे 7 सवाल
करियर डेस्क. नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Modi) ने परीक्षा पे चर्चा (Pariksha pe charcha 2022) कार्यक्रम को संबोधित किया। परीक्षा पे चर्चा का ये पांचवां एडिशन थी। कोरोना के कारण चौथा एडिशन वर्चुअल मोड में किया गया था। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने पीएम मोदी (PM narendra modi) से कई तरह के सवाल किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छात्रों के साथ चर्चा में उन्हें बेहतर इंसान बनने के भी टिप्स दिए। यह कार्यक्रम केन्द्रीय शिक्षा मंत्री के द्वारा आयोजित किया गया था। पीएम मोदी ने इसे अपना सबसे पसंदीदा कार्यक्रम बताया। पीएम मोदी ने कहा- बहुत से लोग कहते होंगे की इस कार्यक्रम को करने की क्या जरूरत है लेकिन इस कार्यक्रम के जरिए मुझे बच्चों से मिलने का मौका मिलता है जिस कारण मेरी उम्र 50 साल कम हो जाती है। छात्रों ने पीएम से एग्जाम के साथ-साथ कई ऐसे मुद्दों पर भी सवाल किए जो हर छात्रों के लिए जरूरी है। आइए जानते हैं छात्रों ने पीएम से कैसे सवाल किए।
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पीएम मोदी ने इस सवाल के जवाब में कहा- पहले खुद यह तय करें कि हमने आज जो किया है उसका हमें कितना आउटकम मिला। पीएम मोदी ने कहा कि पढ़ने का टाइम हर छात्र का अलग-अलग हो सकते हैं क्योंकि किसी को दिन में पढ़ना अच्छा लगता है तो किसी को रात में। लेकिन सबसे जरूरी है कि हमने को पढ़ा है उसका हमें कितना आउटकम मिला है।
पीएम मोदी ने कहा- एक साथ दो एग्जाम होने पर छात्र सोचते हैं कि किस एग्जाम के लिए पढ़ाई करूं। लेकिन मैं नहीं मानता हूं इस एग्जाम के लिए पढ़ाई करूं या उस एग्जाम के लिए। उन्होंने कहा कि आप शिक्षा को पूरी तरह से आत्मसात कर लें। एग्जाम का फॉर्मेट मायने नहीं रखता है।
पीएम मोदी ने कहा- इसका मतलब है आपने पढ़ा तो है लेकिन ध्यान नहीं लगाया है। आपका ध्यान कहीं और था। आप जिस विषय को पढ़ रहे हैं उसे बड़े ही ध्यान से पढ़ें। क्योंकि ध्यान से बड़ा कोई साइंस होता ही नहीं है। पढ़ने के लिए ध्याम बहुत जरूरी है।
पीएम ने कहा- अगर आपको लगता है कि मोटिवेशन का कई इंजेक्शन है और उसे लगा देंगे तो सब सही हो जाएगा तो यह गलत है। आप पहले खुद को ऑब्जर्ब करिए कि आप किस चीज से निराश होते हैं और किससे खुश होते हैं। इसके लिए आप पहले खुद का एनालिसिस करिए।
ऐसा नहीं है कि ऑनलाइन पढ़ाई से दिमाग भटकता है। दरअसल, पढ़ाई के फॉर्मेट में कोई नहीं नहीं होती है समस्या होती है हमारे मन में।
पीएम ने कहा कि आज हम डिजिटल गैजेट के माध्यम से चीजें आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इसे एक अवसर मानना चाहिए, समस्या नहीं। ऑनलाइन पाने के लिए है और ऑफलाइन बनने के लिए है। हमें कितना ज्ञान लेना है हम अपने मोबाइल फोन से ले सकते हैं, जबकि ऑफलाइन में मैं उसे पनपने का अवसर दूंगा। इसलिए फॉर्मेट दोनों ही सही हैं।
नई शिक्षा नीति को किसी सरकार ने नहीं बनाया है। इसे बनाया है इस देश के छात्रों ने, टीचर्स ने। इस बनाने के लिए देशभर से करीब 20 लाख इनपुट मिले खेलकूद पहले एक्सट्रा एक्टिविटी होती थी लेकिन नई शिक्षा नीति में इसे पढ़ाई का हिस्सा बना दिया गया है।