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रक्षाबंधन स्पेशल: चार भाई-बहन और सभी IAS-IPS, इस तरह सेलीब्रेट करते हैं राखी फेस्टिवल
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प्रतापगढ़ का छोटा सा कस्बा है लालगंज और यहीं का छोटा सा गांव है इटौरी। यहीं से आते हैं अनिल प्रकाश मिश्रा, जो कि ग्रामीण बैंक में प्रबंधक हैं। दो कमरे के छोटे से मकान में उनकी फैमिली रहती थी, जिसमें कुल 6 सदस्य थे। पत्नी और दो बेटे-दो बेटियां। मिश्रा परिवार गांव की प्रेरणा हैं क्योंकि अनिल मिश्रा के सभी बेटे-बेटियां IAS और IPS है।
मिडिल क्लास फैमिली, छोटा सा गांव और दो कमरे का मकान। लेकिन घर में शुरू से ही एजुकेशन का माहौल रहा। चारों भाई-बहनों की पढ़ाई लालगंज लीलावती और राम अजोर इंटर कॉलेज से हुई। 2013 यूपीएससी का रिजल्ट जब आया तो सबसे पहले अनिल मिश्रा के बेटे योगेश ने सिविल परीक्षा पास कर ली। वे आईएस अफसर बने। इसके दो साल बाद घर में एक और खुशी आई और 2015 में बेटी माधवी मिश्रा भी सबसे कठिन परीक्षा क्रैक कर IAS बन गई।
इधर, घर में खुशियां तब और भी ज्यादा हो गईं जब एक साल बाद 2016 में बेटी क्षमा मिश्रा ने भी यूपीएससी पास करते हुए आईपीएस बन बता दिया कि काबिलियत तो उनमें भी हैं। इसके बाद सबसे छोटे बेटे लोकेश का भी चयन बतौर IAS हुआ। आज चारों भाई बहन अफसर हैं।
चारों भाई-बहन में सबसे बड़ी बहन क्षमा मिश्रा बेंगलुरू में कमांडेंट स्टेट पुलिस लाइन में पोस्टेड हैं। उनसे छोटे भाई योगेश की पोस्टिंग ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में है। छोटी बहन माधवी मिश्रा झारखंड के रामगढ़ में डिप्टी कमिश्नर हैं और सबसे छोटे भाई लोकेश मिश्रा झारखंड के ही कोडरमा में डीसीसी के पद पर तैनात है।
चारों भाई बहन की पोस्टिंग अलग-अलग राज्यों में हैं लेकिन कोई भी फेस्टिवल होता है या कोई भी अवसर, सभी एक साथ सेलीब्रेट करते हैं। फैमिली के साथ समय बिताते हैं और एक-दूसरे से खुशियां बांटते हैं। बेटे-बेटियों की खुशी देख पिता अनिल मिश्र और मां का उत्साह भी बढ़ जाता है और मन प्रसन्न।
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