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इस देश की यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए इंडियन छात्रों ने सबसे ज्यादा किया अप्लाई, पिछले साल से 30% ज्यादा
करियर डेस्क. ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी में हायर एजुकेशन लेने वाले इंडियन स्टूडेंट्स की संख्या पिछले साल की मुकाबले इस साल बढ़ी है। कोरोना वायरस कारण यूके में यात्रा संबंधी कई तरह की पाबंदियों के बाद भी भी भी छात्रों ने अप्लाई किया है। ब्रिटिश यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के लिए इंडियन स्टूडेंट्स की संख्या में 30 फीसदी की वृद्धि हुई है। यूनिवर्सिटी और कॉलेजों एडमिशन सर्विस (UCAS) के विश्लेषण से पता चला है कि 30 जून तक, नए एकेडमिक सेशन के लिए आवेदन की लास्ट डेट तक 9,930 छात्रों ने अप्लाई किया है। जो पिछले साल के 7,640 आवेदनों से अधिक है।
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एक दशक से बढ़ी संख्या
पिछले एक दशक में इंडियन स्टूडेंट्स के आवेदकों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है, आगामी एकेडमिक सेशन के लिए 2012 के बाद से सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई है। जिस वर्ष से UCAS विश्लेषण उपलब्ध है। ब्रिटिश यूनिवर्सिटी के लिए विदेशों से आवेदनों की संख्या के मामले में भारत केवल चीन से पीछे है।
पिछले साल की तुलना में 4 फीसदी वृद्धि
पिछले वर्ष की तुलना में आवेदकों की संख्या में 4% की वृद्धि हुई है। जिसके परिणामस्वरूप ब्रिटिश यूनिवर्सिटी और कॉलेजों द्वारा दिए गए प्रस्तावों में 3% से अधिक की वृद्धि हुई है। यूसीएएस का अनुमान है कि आवेदनों में वृद्धि और पेशकश करने से इस सेशन में एक रिकॉर्ड संख्या दिखाई देगी।
छात्रों के स्वागत के लिए हम तैयार
यूनिवर्सिटी यूके इंटरनेशनल (यूयूकेआई) के निदेशक विविएन स्टर्न ने कहा- 140 से अधिक ब्रिटिश यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस वर्ष अविश्वसनीय लचीलापन दिखाया है। उन्होंने कहा, "यह देखना वास्तव में उत्साहजनक है कि भारतीय छात्र यूके में पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं और हम छात्रों का सुरक्षित रूप से स्वागत करने के लिए तत्पर हैं।
यूके की रेड लिस्ट में इंडिया
भारत यूके की यात्रा "रेड लिस्ट" में बना हुआ है, जिसके लिए वैध वीजा वाले छात्रों को देश में आगमन पर 10 दिनों के लिए सरकार द्वारा अनुमोदित होटल में क्वारंटीन करने की आवश्यकता होती है। यूके ने हाल ही में यह भी घोषणा की है कि छात्रों के पास ऑनलाइन शुरू करने और यदि आवश्यक हो तो बाद में यात्रा करने, या कार्यकाल की शुरुआत के लिए पहुंचने और किसी भी आवश्यक क्वारंटीन अवधि के माध्यम से समर्थित होने का विकल्प होगा।
इन कोर्स की बढ़ी डिमांड
यूसीएएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्लेयर मर्चेंट ने एक बयान में कहा आज की संख्या बताती है कि स्नातक डिग्री और अप्रेंटिसशिप की मांग बढ़ रही है। महामारी के दौरान काफी बढ़ रही है।