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Success Story: 12वीं में फेल होने पर जिसे टीचर ने कहा 'ZERO', कड़ी मेहनत से वो IAS अधिकारी बन लौटा गांव
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नागपुर में जन्मे सैयद साधारण किसान परिवार से हैं। उनके पिता केवल तीसरी क्लास तक पढ़े हैं और सरकारी विभाग के चतुर्थ क्लास कर्मचारी से रिटायर्ड हैं। उनकी मां भी सातवीं क्लास तक ही पढ़ी हैं। सैयद का मन बचपन से पढ़ाई में ज्यादा नहीं लगता था। ऐसे बहुत से बच्चे होते हैं जो स्कूल में पढ़ाई से दूर भागते हैं। जैसे तैसे वे इंटरमीडिएट तो पहुंच गए लेकिन बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए। इसके बाद उन्हें लोगों के खूब ताने सहने पड़े। लोगों ने फेल-फेल कहकर मजाक उड़ाया।
पिता के भरोसा रखने पर सैयद ने अपने अंदर की हिम्मत जगाई। जिस सब्जेक्ट में फेल होने पर टीचर ने उन्हें जीरो कहा वहीं से सैयद पढ़ाई के लिए जी-जान से जुट गए। बड़े होने पर उन्होंने यूपीएससी का सफर पूरा करके IAS अधिकारी बनकर पिता का नाम रोशन कर दिया।
सैयद ने 2013 में यूपीएससी का सफर शुरू किया था लेकिन लगातार फेल ही होते रहे। रियाज ग्रेजुएशन के बाद सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गए। शुरू में उन्हें ये सब काफी मुश्किल लगा लेकिन बार-बार उन्हें पिता का सपना याद आता था। जिससे उनका हौसला बढ़ जाता था। पहली बार उन्होंने UPSC का एग्जाम दिया लेकिन वो प्री में ही फेल हो गए। दूसरी बार फिर से एग्जाम दिया इस बार भी वो प्री परीक्षा पास नहीं कर सके। उन्हें लगने लगा कि क्या मै सच में जीरो तो नहीं लेकिन फिर खुद पर भरोसा किया और तीसरी बार में एग्जाम दिया इस बार वो प्री एग्जाम पास करने में सफल रहे। लेकिन मेंस में फेल हो गए।
सैयद टूट चुके थे लोगों ने ताने मारे कि बुढ़ापे में जाकर अफसर बनेगा। लेकिन उनके पिता ने उन्हें खूब समझाया और आगे तैयारी करने के लिए प्रेरित किया। इतना ही नहीं पैसे की तंगी आने पर उन्होंने अपना घर बेचने तक का फैसला कर लिया था। रियाज के पिता ने कहा- भले ही मेरा घर बेटे की पढ़ाई में बिक जाए लेकिन बेटे को IAS बना कर रहूंगा। ये उसका बचपन का सपना है जो पूरा होना चाहिए।
पिता का यही हौसला रियाज के लिए एनर्जी बूस्टर का काम करता था। आखिरकार उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी और यूपीएससी परीक्षा पास कर ली। रियाज ने चौथी बार फिर से UPSC का एग्जाम दिया। इस बार भी उन्हें सफलता नहीं मिली। फिर उन्होंने स्टेट सर्विसेज का एग्जाम पास किया और वो फारेस्ट आफिसर बन गए।
आखिरकार साल 2018 में उन्होंने फिर से UPSC का एग्जाम दिया। इस बार उन्होंने प्री और मेंस दोनों पास कर लिया। वह इंटरव्यू देकर तो भरोसा नहीं था कि इस बार भी क्लियर कर पाएंगे। और पिता ने कहा कि इस बार तुम्हे IAS बनने से कोई नहीं रोक सकता। किस्मत ने साथ दिया और रियाज 261वीं रैंक के साथ IAS अधिकारी बन गए। उनका सफर लंबा जरूर था लेकिन इसे वो सबक के तौर पर देखते हैं। कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ये बात सैयद के संघर्ष पर बखूबी फिट बैठती हैं।
इस परीक्षा में कैंडिडेट्स को दिल बड़ा रखना होता है। धैर्य के साथ लगातार कड़ी मेहनत करनी होती है तभी सफलता मिलती है। परिवार के सपोर्ट को मोटिवेशन मानकर तैयारी करते रहें। एक दिन सक्सेज आपके कदम जरूर चूमेगी।