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आसान नहीं अफसर बनना: बिन बाप की बेटी कड़ी मेहनत से बनीं IAS, बीमार मां की देखभाल करते की UPSC की पढ़ाई

करियर डेस्क. Success Story: दोस्तों, हाल में UPSC  सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी हो गया है। 27 जून को प्रीलिम्स की परीक्षा होने वाली है ऐसे में कैंडिडेट्स को तैयारी के लिए खुद को मोटिवेट रखना होगा। यहां हम आपको जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले की पहली महिला अफसर की प्रेरणात्मक कहानी सुनाने जा रहे हैं। ये हैं रेहाना बशीर जिनका बचपन काफी संघर्षों में बीता, जब उनकी उम्र कुछ साल थी, तब उनके पिता इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। ऐसे में उनकी जिंदगी काफी मुश्किल हो गई थी। हालांकि इन मुश्किलों के बावजूद रेहाना बशीर (IAS Rehana Bashir) IAS अफसर बनीं और जिले का नाम रोशन कर दिया। बीमार मां की सेवा करते हुए रेहाना ने UPSC की पढ़ाई की। उनका संघर्ष लोगों के लिए प्रेरणा है। सक्सेज स्टोरी में आइए जानते हैं रेहाना के UPSC क्रैक करने और अफसर बनने की कहानी-

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Asianet News Hindi
Published : Mar 05 2021, 11:51 AM IST| Updated : Mar 05 2021, 12:18 PM IST
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रेहाना बशीर मेडिकल फील्ड से सिविल सेवा में आई हैं।  यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस बनना उनका सपना था जिसे उन्होंने काफी मेहनत से साकार किया। खास बात यह रही कि वे अपने जिले से आईएएस बनने वाली पहली महिला बनीं। आज वे लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।

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अकेली मां ने बढ़े कष्टों से पाला  

 

बचपन में ही रिहाना के पिता की मौत हो गई थी। उनकी मां ने अपने बच्चों को पाला और एक बेहतर जिंदगी दी। इसके लिए गरीबी झेली और मुश्किलें भी। लेकिन रेहाना और उनके भाई को पढ़ाने के लिए मां ने हर संभव कोशिश की। रेहाना को भी अपने परिवार की आर्थिक स्थिति का अंदाजा था इसलिए वह पढ़ने में काफी गंभीर रहीं। शुरुआत से ही उन्होंने मन लगाकर पढ़ाई की। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने मेडिकल की परीक्षा दी और उनका सिलेक्शन हो गया। इसके बाद उन्होंने मेडिकल साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर ली।

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ऐसे आया यूपीएससी का खयाल

 

रेहाना जब मेडिकल साइंस से ग्रेजुएशन कर रही थी, तब उन्होंने अपने आसपास समाज की परेशानियों को देखा। ऐसे में उन्होंने सोचा कि अगर वह सिविल सर्विस में जाएंगी, तो उनकी परेशानियों को दूर कर सकती हैं। इसी को सोचकर उन्होंने यूपीएससी में जाने का मन बनाया। हालांकि यह फैसला उनके लिए काफी कठिन था क्योंकि वह ग्रेजुएशन के बाद मेडिकल साइंस के पीजी का एंट्रेंस एग्जाम पास कर चुकी थीं। अब उनके सामने दो विकल्प थे।  या तो पोस्ट ग्रेजुएशन कर लें या यूपीएससी की तैयारी। काफी सोच-विचार के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया।

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पहले प्रयास में मिली असफलता

 

रेहाना ने यूपीएससी की तैयारी शुरू करने के बाद पहला प्रयास किया, जिसमें होने पर असफलता मिली। काफी प्रेशर की वजह से उनका प्री एग्जाम भी पास नहीं हो पाया। हालांकि वे निराश नहीं हुईं और दूसरी बार और मेहनत करके परीक्षा दी। दूसरी बार वे प्री परीक्षा पास कर गईं।

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रेहाना बताती हैं कि, जब मैं UPSC की तैयारी कर रही थी उस वक्त उनकी मां की सर्जरी हुई थी। मुझे दिन-रात उनकी सेवा करनी थी और उनका खयाल रखना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी और आखिरकार सफलता प्राप्त कर ली।

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साल 2018 में रेहाना ने सिविल सर्विसेज परीक्षा में 187 रैंक हासिल करके इतिहास रच दिया और जिले की पहली महिला अफसर का खिताब पाया। उनका यूपीएससी तक का सफर काफी कठिनाइयों भरा रहा लेकिन उस समय उनके पास न कोई कोचिंग संस्थान था, न स्कूल और न ही इंटरनेट की सुविधा थी। बावजूद इसके रेहाना दुकान से किताबें लाकर खुद नोट्स बनाती थीं और पढ़ाई करती थी। उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर सफलता प्राप्त करके IAS बनने का सपना पूरा करके ही दम लिया।

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साल 2017 में ही रेहाना के भाई आमिर बशीर ने भी UPSC के रेवेन्यू विभाग में IRS अफसर बन सफलता हासिल की थी। दोनों भाई-बहन को अफसर बनता देख उनकी मां खुशी से झूम उठी थीं।

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दूसरे कैंडिडेट्स को रेहाना की सलाह

 

यूपीएससी की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स को रेहाना लगातार मेहनत करने की सलाह देती हैं। वे कहती हैं कि जिंदगी में कितनी भी मुश्किलें आएं, लेकिन हमें निराश नहीं होना चाहिए और अपनी सफलता के लिए कोशिश करते रहना चाहिए। जब आप पूरा मन लगाकर किसी की तैयारी में जुट जाते हैं तो आपको सफलता निश्चित रूप से मिलती है।

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