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Success Story: कॉलेज में बैक लाने वाले लड़के ने जब किया UPSC टॉप, दिलचस्प है फेलियर से IAS बनने का सफर
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ये हैं UPSC टॉपर कुमार अनुराग (IAS Topper Kumar Anurag) जो बिहार के कटिहार के रहने वाले हैं। अनुराग का अगर एजुकेशनल बैकग्राउंड उठाकर देखें तो पाएंगे कि वे कभी अच्छे स्टूडेंट नहीं रहे, लेकिन उनकी इच्छाशक्ति हमेशा मजबूत रही है जिसके दम पर उन्होंने जो सोचा वह करके भी दिखाया। वो आज IAS अफसर हैं जिसका हजारों बच्चे ख्वाब देखते हैं।
अनुराग की प्रारंभिक पढ़ाई हिंदी मीडियम स्कूल (Hindi Medium School) से हुई। फिर आगे की पढ़ाई के लिए बिहार से दूसरे शहर में गयें। इनका एडमिशन अब इंग्लिश मीडियम (English Medium) स्कूल में कराव दिया गया। इस दौरान इन्हें पढ़ाई करने में काफी परेशानियां सामने आई। अनुराग ने बताया कि वह एवरेज स्टूडेंट थे लेकिन अगर एक बार वह मन में कुछ करने का निश्चय कर लेते तो उसे हासिल करके ही दम लेते थे।
इन्होंने अपनी दसवीं की पढ़ाई के लिए खूब मेहनत किया और उसमें 90% अंक लाया। वहीं 12वी कक्षा में यह मैथ्स प्री बोर्ड के एग्जाम में असफल हुयें। इन्होंने फिर एक अलग उत्साह से तैयारी की और 90 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल किये।
क्लास 12 के बाद उन्होंने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से मास्टर्स। यह वो समय था जब अनुराग पढ़ाई को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं थे। कभी उनकी बैक आती थी, तो कभी परीक्षा के एक दिन पहले पढ़ने बैठते थे। दोस्तों से नोट्स मांगकर जैसे-तैसे क्लास पार हो रही थी। (फोटो सोर्स: अनुराग ट्विटर अकाउंट से)
अनुराग जब बैक ला रहे थे तब भी जानते थे कि यह उनकी लापरवाही है। आखिरकार ये सब मौज-मस्ती छोड़ उन्होंने सिविल सेवा में जाने की ठान ली। अनुराग ने फिर एक दिन पढ़ाई को गंभीरता से लिया उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। विडंबना देखिए जो स्टूडेंट सिंपल क्लास पास नहीं कर पा रहा था वह देश की सबसे कठिन परीक्षा मैं बैठने का सपना देखने लगा। पर कहते हैं न यूपीएससी को आपके बैकग्राउंड से कोई मतलब नहीं होता, यहां यूपीएससी और अनुराग किसी को बैकग्राउंड से मतलब नहीं था। यह एक नया सफर था और अनुराग मंजिल पाने के लिए एकदम तैयार थे। (फोटो सोर्स: अनुराग ट्विटर अकाउंट से)
अनुराग का अनुभव -
अनुराग कहते हैं कि उन्हें पता था कि उनमें कमी है और सफल वही होता है जो अपनी कमियों को स्वीकार करके खुद को सुधारने की कोशिश करता है। अनुराग ने भी यही किया। खूब मेहनत से पढ़ाई की, नोट्स बनाएं, जमकर टेस्ट दिए। परीक्षा के हर पहलू को ठीक से समझा और नतीजा यह हुआ कि अपने पहले ही प्रयास में अनुराग साल 2017 में सेलेक्ट हो गए। लेकिन इस समय अनुराग की रैंक 677 थी तो उन्होंने IAS बनने की जिद नहीं छोड़ी।
(फोटो सोर्स: अनुराग ट्विटर अकाउंट से)
अनुराग का जुनून था वो IAS ही बनेंगे इसलिए पहली बार में सफल होकर भी संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने फिर परीक्षा दी। इन्होंने अपनी गलतियों से बहुत कुछ सीखा और मेहनत कर दोबारा यूपीएससी परीक्षा दी। दूसरी बार में इन्होंने टॉप कर लिया और उसमें 48वीं रैंक हासिल करके IAS का पद पाया।
इस बारे में अनुराग यही सलाह देते हैं कि यह परीक्षा बाकी कांपटीटिव एग्जाम्स से अलग है, क्योंकि इसे देने वाले हर कैंडिडेट के पास यहां आने का खास कारण होता है, पैशन होता है जो इस क्षेत्र में उसे लाता है। आपका कांपटीशन ऐसे ही लोगों से हैं इसलिए जरूरी है कि आपके अंदर भी एक पैशन हो जो पूरी जर्नी के दौरान आपको मोटिवेटेड रखे। (फोटो सोर्स: अनुराग ट्विटर अकाउंट से)
अनुराग बाकी कैंडिडेट्स को एडवाइस के तौर पर कहते हैं कि परीक्षा की तैयारी शुरू करने में जल्दबाजी न करें। पहले परीक्षा पैटर्न से लेकर स्ट्रेटजी तक सब आराम से प्लान कर लें उसके बाद ही आगे बढ़ें। यह याद रखें कि तैयारी में समय लगाना अनिवार्य है ताकि मंजिल तक पहुंचने का रास्ता सही चुन सकें।
अनुराग ने कहा- अगर कोई व्यक्ति आगे बढ़ना चाहता है तो वह अपने असफलता पर ध्यान न देकर उसके कारण पर ध्यान दे कि वह आखिर असफल क्यों हो रहा है? इन्होंने अपनी असफलता के लिए कहा कि पहले ये अपनी गलतियों पर ध्यान नहीं देते थे। इस कारण असफल हो रहे थे। UPSC कैंडिडेट्स अपनी काबिलियत पर ध्यान दें भरोसा रखें और फिर स्मारट स्ट्रेटजी से तैयारी करें। अगर आप जमकर मेहनत करेंगे तो आईएएस भी जरूर बन जाएंगे।
दोस्तों, UPSC की तैयारी कर रहे थे इस कहानी से एक सीख लें। आपने सुना कैसे, कॉलेज में बैक लाने वाले जिस लड़के को पास होने के लाले पड़ते थे आज उसकी UPSC जर्नी सैकड़ों बच्चों के लिए प्रेरणा बन गई हैं। इसलिए सफलता की राह पर कदम बढ़ाते रहना चाहिए, मेहनत करते रहना चाहिए एक दिन आप मंजिल पा ही लेंगे।