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कभी कट्टरपंथियों ने दी थी धमकी, अब 25 की उम्र में बिना हिजाब इतिहास रच रही है ये कश्मीरी लड़की
करियर डेस्क: कहते हैं ना कि अगर जज्बा और लगन हो तो इंसान के लिए कुछ भी कर पाना नामुमकिन नहीं होता। ऐसे ही जज्बे का दूसरा नाम बन चुकी हैं 25 साल की आयशा अज़ीज़ (Ayesha Aziz) आयशा भारत की सबसे युवा महिला पायलट टाइटल अपने नाम कर चुकी हैं। कश्मीरी होने के कारण उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। यहां तक कि कट्टरपंथियों ने बिना हिजाब उनके प्लेन उड़ाने का विरोध भी किया था। लेकिन आयशा ने अपने पेरेंट्स सपोर्ट से हर अड़चन को दूर किया। 25 साल की उम्र में आयशा ने वो कारनामे किये, जिसे कई पुरुष भी नहीं कर पाते हैं। आइये आपको बताते हैं भारत की इस यंगेस्ट महिला पायलट की कामयाबी की कहानी...
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कश्मीर की रहने वाली 25 साल की आयशा देश की सबसे कम उम्र की महिला पायलट हैं। उनकी कहानी कई कश्मीरी महिलाओं के लिए प्रेरणा है। 2011 में आयशा ने मात्र 15 साल की उम्र में प्लेन उड़ाने का लाइसेंस पाकर भी रिकॉर्ड बनाया था।
2012 में आयशा रुस के सोकोल एयरबेस (Sokol airbase) गई थीं। वहां उन्हें MIG-29 जेट उड़ाने का प्रशिक्षण दिया गया था। इसके बाद उन्होंने Bombay Flying Club (BFC) से एविएशन में ग्रेजुएशन किया और 2017 में कमर्शियल पायलट का लाइसेंस पाया।
अपने काम के बारे में आयशा बताती हैं कि उनकी टाइमिंग का कोई भरोसा नहीं है। कभी रात की उड़ान तो कभी तड़के सुबह। लेकिन यही चैलेंज उन्हें पसंद है। डेस्क जॉब उन्हें इंट्रेस्टिंग नहीं लगता।
आयशा को नए लोगों से मिलना और दोस्ती करना काफी पसंद है। उन्होंने आगे बताया कि इस जॉब की वजह से वो नई जगहों पर जाती हैं, नए लोगों से मिलती हैं। उन्हें ये सब काफी पसंद है।
ऐसा नहीं है कि इस जॉब में सिर्फ मौज-मस्ती है। आयशा ने कहा कि ये काफी जिम्मेदारी का काम भी है। आपके कंधे पर 200 से ज्यादा लोगों की लाइफ का भार होता है। उन्हें लेकर उड़ान भरने के लिए मानसिक मजबूती काफी जरुरी है।
आयशा के लिए पायलट का करियर आसान नहीं था। जब उन्होंने शुरुआत की थी जब उन्हें कट्टरपंथियों के विरोध का सामना करना पड़ा था। बिना हिजाब के प्लेन उड़ाने पर उनका काफी विरोध किया गया था। लेकिन आयशा इससे रुकी नहीं।
उन्होंने अपने पेरेंट्स के सपोर्ट का भी जिक्र किया। उन्होने कहा कि ऐसे मां-बाप मिलना मेरे लिए काफी लकी रहा। उन्होने हर मोड़ पर साथ दिया। आज आयशा जिस मुकाम पर है, उसका क्रेडिट अपने पेरेंट्स को देती है।
उन्होंने अपने पिता को अपना रोल मॉडल बताया। बता दें कि आयशा ने नासा में भी ट्रेनिंग ली है। उनकी प्रेरणा सुनीता विलियम्स हैं, जिनसे उन्होंने नासा हेडक्वार्टर में मुलाक़ात की थी। आयशा आज कई कश्मीरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।