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गरीब किसान के बेटे ने किया UPSC 2019 टॉप, अफसर बनने में बेटियां भी अव्वल, सुनिए टॉपर्स की कहानी
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इस बार कुल 829 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। यूपीएससी मुख्य परीक्षा में कुल 2304 उम्मीदवार सफल हुए थे। इनके लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया 17 फरवरी, 2020 से शुरू हुई थी लेकिन कोरोना लॉकडाउन के चलते मार्च में इंटरव्यू स्थगित कर दिए गए थे। इंटरव्यू 20 जुलाई से 30 जुलाई के बीच आयोजित किए गए।
टॉपर नंबर 1 प्रदीप सिंह
UPSC के इस बार के टॉपर हैं हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले प्रदीप सिंह। प्रदीप का ये चौथा प्रयास था इससे पहले उन्होंने 2018 की सिविल सेवा परीक्षा में 260 वीं रैंक हासिल की थी। प्रदीप सिंह ने जब पहली बार यूपीएससी परीक्षा पास की थी तो उस समय उनकी उम्र मात्र 22 साल थी।
टॉपर प्रदीप सोनीपत तेवड़ी गांव के रहने वाले एक साधारण किसान के बेटे हैं। प्रदीप अपनी सफलता का श्रेय पिता की मेहनत और विश्वास को बताते हैं। प्रदीप बताते हैं ये उनका ये चौथा प्रयास था, इससे पहले 2018 के यूपीएससी एग्जाम में उन्होंने 260 रैंक हासिल की थी। प्रदीप से अधिकारी के तौर पर उनकी प्राथमिकता के बारे में पूछे जाने पर कहा कि एक अधिकारी के तौर पर किसान और गरीबों के लिए काम करना उनकी प्राथमिकता है।
प्रदीप सिंह फिलहाल इंडियन रेवेन्यू सर्विस के अंतर्गत भारत सरकार के अधीन सेवारत हैं। प्रदीप का कहना है कि वह एक साधारण परिवार से हैं और उनके पिता किसान हैं। प्रदीप की इच्छा है कि वह अपना गृह राज्य हरियाणा का कैडर लेना चाहते हैं। फिलहाल सोनीपत के तेवड़ी गांव और प्रदीप के घर पर खुशी और जश्न का माहौल है।
विशाखा यादव को दूसरा स्थान
बता दें कि विशाखा यादव उत्तर प्रदेश की मथुरा की रहने वाली हैं। विशाखा ने बीटेक दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनिरिंग से की है। बेंगलुरु में दो साल की इंजीनियरिंग की नौकरी करने के बाद विशाखा ने यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला किया। पिछले तीन-चार से विशाखा यूपीएससी इग्जाम की तैयारी कर रही थीं। विशाखा ने तीसरे प्रयास में छठी रैंक हासिल की है। इससे पहले दो प्रयास में विशाखा ने यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा भी पास नहीं कर सकी थी। विशाखा ने अपने इंटरव्यू में कहा है कि उनके पिता दिल्ली पुलिस में काम करते हैं। यही वजह है कि मैं यूपीएससी के लिए मन बनाया। मैं फाइनेंशियल स्वतंत्रता हासिल करना चाहती थी।
प्रतिभा वर्मा नंबर तीन
परीक्षा में यूपी के सुल्तानपुर (Sultanpur) की प्रतिभा वर्मा ने लड़कियों में पहला स्थान हासिल किया है। प्रतिभा वर्मा की ओवरऑल रैंकिग 3 है। जबकि परीक्षा में दूसरे स्थान पर जतिन किशोर रहे हैं। प्रतिभा वर्मा सुल्तानपुर के बघराजपुर निवासी प्रधानाध्यापिका ऊषा वर्मा की पुत्री हैं। उनके इस प्रदर्शन से पूरे सुल्तानपुर में खुशी की लहर है।
हिमांशु जैन चौथी रैंक
हिमांशु जैन जिन्होंने यूपीएससी में चौथी रैंक प्राप्त की है। हिमांशु हरियाणा होटल के मूल निवासी हैं लेकिन पिछले 10 सालों से दिल्ली में रह रहे हैं। हिमांशु बिजनेस फैमिली से आते हैं। पिता सचिन जैन और दादा बिजनेस करते हैं। मां ऋतु जैन घर संभालती है। छोटा भाई मुंबई में रहकर लॉ की पढ़ाई कर रहा है। हिमांशु ने बताया कि सिविल सर्विस में आने के पीछे उनके दादा का सबसे बड़ा हाथ है। उनके दादा ओम प्रकाश जैन शुरू से कहते थे कि बिजनेस में कुछ नहीं रखा। मैं अपने बेटे को अफसर बनाऊंगा और आज मेरे दादा जी का सपना पूरा होने जा रहा है।
यूपीएससी परीक्षा में चौथी रैंक पाने वाले हिमांशु जैन ने बताया, कॉलेज खत्म करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी थी लेकिन सफलता नहीं मिली उसके बाद उन्होंने ठाना कि जो चूक हुई है उसको सुधारते हुए इस बार सफलता पानी है। अब उनका सपना पूरा होता नजर आ रहा है हिमांशु ने बताया कि आईएएस अधिकारी बनना चाहते हैं।
यूपीएससी मुख्य परीक्षा में कुल 2304 उम्मीदवार सफल हुए थे। इनके लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया 17 फरवरी, 2020 से शुरू हुई थी लेकिन कोरोना लॉकडाउन के चलते मार्च में इंटरव्यू स्थगित कर दिए गए थे। इंटरव्यू 20 जुलाई से 30 जुलाई के बीच आयोजित किए गए।