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UPSC प्रीलिम्स एग्जाम 2020 के आखिरी वक्त के सबसे जरूरी टिप्स, भरपूर नींद और रिवीजन के अलावा न भूलें ये बातें

करियर डेस्क. यूपीएससी सिविल सेवा प्रारम्भिक परीक्षा (UPSC Civil Services Preliminary Exam 2020) कल यानि 4 अक्टूबर को है। इसके लिए कैंडिडेट्स दिन-रात तैयारी में जुटे रहे होंगे। जब भी कोई किसी भी बड़ी चीज़ को पाने की कोशिश के परीक्षण के क्षणों से गुजरता है, तब ऐसा होता ही होता है। इसलिए इसे आप केवल अपने साथ होने वाली कोई विशेष नकारात्‍मक घटना न मानकर भावनाओं का एक सामान्‍य-सा ही उतार-चढ़ाव समझें। यहां आपको कुछ ऐसे यूपीएससी सक्सेज टिप्स (UPSC Success Tips) बता रहे हैं  जिन्‍हें अपनाकर आप अपने इस द्वंद्व और बैचेनी को काफी कुछ कम कर सकते हैं- 

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Asianet News Hindi
Published : Oct 03 2020, 04:41 PM IST| Updated : Oct 03 2020, 04:48 PM IST
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प्रारम्भिक परीक्षा मनोवैज्ञानिक परीक्षण है

 

पहली बात तो यह कि आपको यह बात गांठ बांध लेनी चाहिए कि सिविल सेवा परीक्षा; विशेषकर प्रारम्भिक परीक्षा केवल ज्ञान और समझ की परीक्षा नहीं है, बल्कि इससे कहीं अधिक यह आपका एक मनोवैज्ञानिक परीक्षण है। 

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इस मनोवैज्ञानिक परीक्षण के अन्‍तर्गत आपके धैर्य, भावनाओं पर नियंत्रण, सोचने की गति तथा आंतरित संतुलन बनाये रखने की क्षमता आदि का भी उतना ही मूल्‍यांकन किया जाता है, जितना कि आपके ज्ञान एवं तर्क क्षमता का।
 

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मनोवैज्ञानिक स्‍तर पर जरा भी कमजोर न पड़ें

 

सच बात तो यह है कि यदि आप मनोवैज्ञानिक स्‍तर पर जरा भी कमजोर पड़ते हैं, तो अपनी मेहनत का पूरा लाभ उठाने से वंचित रह जायेंगे। अंतत: निराशा ही हाथ लगेगी। इसलिए इन दोनों में पर्याप्‍त सांमजस्‍य का होना एक अनिवार्य शर्त है। 

 

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पढ़े हुए विषयों को बार-बार दोहराएं

 

इसके लिए सबसे पहले जरूरी उपाय के रूप में मैं मुख्‍यत: तीन बातें कहना चाहूंगा। पहला तो यह कि अब आप परीक्षा की तैयारी करना बिल्‍कुल बंद कर दें। जो तैयारी होनी थी, वह हो चुकी है।

 

  (Demo Pic)
 

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हाँ, आपको अपने इस समय का भरपूर उपयोग अपने पढ़े हुए विषयों को बार-बार दोहराने के लिए जरूर करना चाहिए, ताकि आप मुख्‍य तथ्‍यों को अच्‍छी तरह से याद रख सकें और उनमें स्‍पष्‍टता बनी रह सके। इससे प्रश्‍नों को हल करते समय आपके भ्रम की स्थिति में बहुत अधिक कमी आयेगी।

 

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आखिर तक यही लगता रहेगा, तैयारी पूरी नहीं हुई

 

इस परीक्षा की आप कितनी भी तैयारी कर लें, आखिर तक यही लगता रहेगा कि तैयारी पूरी नहीं हुई है। अभी बहुत कुछ और पढ़ना था। काश, कि कुछ दिन और मिल जाते। सच पूछिये तो इस तरह की इच्‍छाओं का अपने-आप कभी अंत नहीं होता है। हमें ही इनका अंत करना होता है, और आपको भी करना चाहिए।

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तैयारी के बारे में सोचने से आत्‍मविश्‍वास में कमी आएगी

 

अतः दूसरी बात यह कि अब आप अपनी तैयारी के बारे में सोचना बिल्‍कुल बंद कर दें। सोचने से आत्‍मविश्‍वास में कमी आएगी और इसका खामियाजा आपको परीक्षा हॉल में उठाना पड़ेगा। अब तो आप यह मानकर चलें कि ''मेरे पास तैयारी की जितनी पूंजी इकट्ठी हो गई है, मैं उसी का सर्वोत्तम इस्‍तेमाल करके अधिकतम लाभ कमाऊंगा।'' यहाँ तक कि आप अपने साथियों तक से अपनी तैयारी के बारे में बात न करें और न ही उनकी तैयारियों के बारे में पूछें। जो होना था, वह हो गया।

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अपने स्‍वास्‍थ्‍य पर पूरा-पूरा ध्‍यान दें

 

तीसरी बात यह कि अपने स्‍वास्‍थ्‍य पर पूरा-पूरा ध्‍यान दें। फिलहाल आप अत्‍यंत संवेदनशील दौर में प्रवेश कर चुके हैं। तबीयत का थोड़ा-सा भी खराब होना आपकी परीक्षा को बहुत अधिक खराब कर सकता है। इसलिए आपको अपने खान-पान पर विशेष ध्‍यान देना चाहिए। तली, गली, बासी और भारी चीजें न खाकर हल्‍का, ताजा और सादा भोजन करें।

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परीक्षा से पहले की रात में भरपूर नींद लें

 

ज्‍यादातर परीक्षार्थियों की आदत होती है कि वे परीक्षा की पूरी रात पढ़ने में लगा देते हैं। शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक दोनों ही दृष्टियों से यह पूरी तरह अतार्किक एवं अनुपयोगी है। आपको भरपूर नींद लेनी चाहिए। बल्कि यहाँ तक कि दूसरे दिनों की अपेक्षा ज्‍यादा नींद ली जानी चाहिए।

 

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नींद की कमी आपके मस्तिष्‍क में न केवल भ्रम ही पैदा करती है, बल्कि उसकी रफ्तार को भी धीमा कर देती है। खासकर सामान्‍य अध्‍ययन के व्दितीय पेपर में इसका साफ-साफ बहुत अधिक नकारात्‍मक प्रभाव दिखाई पड़ने लगता है।जबकि यह पेपर आपसे अपेक्षाकृत अधिक तार्किकता की मांग करता है। 

 

नए कैंडिडेट्स को शुभकामनाएं!

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