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UPSC प्रीलिम्स 2020 क्रैक करने IAS टॉपर ने उम्मीदवारों को दी ये बेजोड़ सलाह, सभी कैंडिडेट्स के आएगी काम
करियर डेस्क. UPSC prelims 2020: अगले महीने 4 अक्टूबर को यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2020 (UPSC prelims 2020) आयेजित हो रही है। इस परीक्षा को लेकर 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। बहरहाल, कैंडिडेट्स के लिए हम कुछ टिप्स लेकर हाजिर है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 (UPSC civil services exam 2020) में हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले प्रदीप सिंह (Pradeep Singh) ने पहला पायदान झटका था। यूपीएससी 2019 सिविल सेवा परीक्षा के टॉपर्स की सूची में एक और प्रदीप सिंह शामिल हैं, जो 26वें स्थान पर हैं और आईआरएस अफसर के रूप में सेवा दे रहे हैं। यूपीएससी टॉपर ने प्रदीप सिंह ने यूपीएससी प्रीलिम्स 2020 की परीक्षा के लिए कैंडिडेट्स को बेजोड़ टिप्स दिए।
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UPSC CSE Prelims में कुछ दिन शेष रह गए हैं। प्रदीप ने उम्मीदवारों को सैंपल पेपर हल करने का सुझाव दिया और पैटर्न से परिचित होने के लिए मॉक टेस्ट देते रहने के लिए कहा।
प्रदीप के अनुसार, “अंतिम समय में, अतिरिक्त विषयों पर मत जाओ। आपने जो भी अध्ययन किया है उसे अच्छी तरह से रिवाइज करें, करेंट अफेयर्स या अन्य विषयों के प्रश्न पिछले एक वर्ष से होंगे न कि हाल के विषयों पर क्योंकि पेपर पहले से ही तैयार किए जाते हैं।
कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी या हाल ही में चीन-भारत सीमा (डोकलाम) स्टैंड-ऑफ से पूछे जाने वाले प्रश्नों पर संभावना नहीं है।
दरअसल, बिहार के गोपालगंज में जन्म लेने वाले और इंदौर के रहने वाले प्रदीप, इससे पहले साल 2018 में अपने पहले अटेम्प में ही ऑल इंडिया 93वां रैंक हासिल कर लिया था। इसके बाद साल 2019 में उन्होंने 26वां रैंक लेकर अपने घर वालों का नाम रौशन किया है।
पेट्रोल पंप पर काम करते हैं पिता
प्रदीप सिंह के घर में उनके माता-पिता और एक भाई है. पिता पेट्रोल पंप पर काम करते हैं और भाई प्राइवेट जॉब करता है। प्रदीप का कहना है कि उनके पिता ने उनसे कहीं ज्यादा संघर्ष किया है और वह बेहद महत्वकांक्षी हैं। प्रदीप ने कहा कि आर्थिक समस्याओं को कभी हमारी पढ़ाई के बीच नहीं आने दिया।
घर बेच दिया
प्रदीप आईएएस परीक्षा की तैयारी के लिये इंदौर से दिल्ली आना चाहते थे। उनके पिता को जब यह बात पता चली, वह झट से मान गए। उन्होंने आर्थिक परेशानियों के बारे में बिना सोचे ही प्रदीप को दिल्ली भेजने की तैयारी शुरू कर दी। एक वक्त आया जब दिल्ली भेजने के लिये प्रदीप के पिता के पास पैसे कम पड़ने लगे। उन्होंने अपना मकान बेच दिया। इसके बाद बिहार की अपनी जमीन भी बेच दी। प्रदीप का कहना है कि उनके पिता ने उनसे ज्यादा संघर्ष किया है, लेकिन अपने जजबे को कभी कम नहीं होने दिया है।
मां की बीमारी से रखा दूर
प्रदीप के अनुसार, उनकी मां की तबियत बहुत ज्यादा खराब हो गई और उन्हें हॉस्पिटलाइज करना पड़ा। तब प्रदीप दिल्ली में थे। घर वालों ने प्रदीप को इस बात की भनक भी नहीं लगने दी। प्रदीप के पिता और भाई नहीं चाहते थे कि प्रदीप का पढ़ाई से ध्यान भटके। इसलिये उन्होंने प्रदीप को ये बताई ही नहीं। वास्तविकता में आईएएस बनने कि पीछे किसी एक व्यक्ति का संघर्ष नहीं होता। बल्कि, उसके माता-पिता, दोस्त, शिक्षक और भी कई लोगों का संघर्ष शामिल होता है। बता दें कि साल 2019 में की टॉपर्स लिस्ट में दूसरे स्थान पर जतिन किशोर, तीसरे स्थान पर प्रतिभा वर्मा हैं।