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पहली बार में UPSC पार करने इस अधिकारी ने बताई गजब स्ट्रेटजी, नोट्स, बुक्स और याद करने के शानदार टिप्स
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आईआईटिएन हैं लविश –
लविश की शुरुआती शिक्षा उदयपुर से ही हुई। इसके बाद उन्होंने कोटा जाकर जेईई परीक्षा की तैयारी की और परीक्षा पास करके आईआईटी बॉम्बे में एडमिशन लिया। यहां से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के बाद करीब तीन साल तक लविश ने नौकरी की।
इसके बाद उन्होंने कुछ कारणों से यूपीएससी के क्षेत्र में आने का मन बनाया। साल 2015 में ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने तीन साल नौकरी की और 2018 से परीक्षा की तैयारी की जो उन्होंने अपने पहले प्रयास में यानी साल 2019 में ही पास कर ली।
(Demo Pic)
सोर्स रखे लिमिटेड –
अपनी तैयारी के विषय में दिल्ली नॉलेज ट्रैक से बात करते हुए लविश कहते हैं कि चूंकि उनके पास समय कम था इसलिए उन्होंने अपने सोर्स सीमित रखे और उन्हीं से बार-बार पढ़ाई की। सिलेबस देखने के अलावा उन्होंने पिछले साल के प्रश्न-पत्र भी खूब देखे और यह जाना कि किस एरिया से बहुत प्रश्न आते हैं और किस गहराई तक किसी विषय से पूछा जाता है। इसके साथ ही यह भी चेक किया कि कौन से विषय बहुत महत्वपूर्ण की श्रेणी में नहीं आते। उन्होंने उन विषयों को छोड़ा।
हालांकि लविश बाकी कैंडिडेट्स को यही सलाह देते हैं कि समय हो तो सारे हिस्से कवर करें या गैरजरूरी लगने वाले हिस्सों पर कम से कम एक नजर जरूर डालें। वे मानते हैं कि कड़ी मेहनत के साथ ही यह उनका लक था जो वे पहली बार में चुनिंदा स्टडीज से सेलेक्ट हो गए।
पढ़े हुए को लिख पाना जरूरी है –
लविश कहते हैं कि पढ़ते तो सब हैं लेकिन जो पढ़ा है उसे कितने अच्छे से लिख पा रहे हैं, यह आवश्यक है। इसके लिए जरूरी है आंसर राइटिंग प्रैक्टिस। पढ़ाई करने के बाद जमकर आंसर्स लिखें और खूब मॉक टेस्ट दें। हालांकि ऐसा प्री की तैयारी हो जाने के बाद ही करें। वरना जब तक फैक्ट्स याद नहीं होंगे तब तक मेन्स के आंसर्स में लिखेंगे क्या और उन्हें चेक किससे कराएंगे। इसलिए प्री की तैयारी के बाद मेन्स के आंसर लिखें।
पहले केवल आंसर लिखें और जब थोड़ी प्रैक्टिस हो जाए तो पूरे-पूरे पेपर सॉल्व करें। लविश कहते हैं कि उन्होंने मेन्स परीक्षा के पहले कम से कम 15 या 20 पूरे-पूरे टेस्ट दिए थे। इससे अच्छा अभ्यास हो जाता है और आप परीक्षा वाले दिन के लिए मेंटली प्रिपयेर हो जाते हैं।
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इसे केवल एक परीक्षा मानें –
अंत में लविश यही सलाह देते हैं कि यूपीएससी को केवल एक परीक्षा मानें, यह दूसरी जॉब्स जैसी ही है। हालांकि इसमें कुछ खास भी है जो लोग इस तरफ आकर्षित होते हैं पर इसका मतलब यह कतई नहीं कि अगर आप सेलेक्ट नहीं हुए तो बाकी सब बेकार है। यहां सफल नहीं होंगे तो कहीं और सफल होंगे इसलिए बहुत मानसिक दबाव न लें। यह परीक्षा आपके जीवन से बढ़कर नहीं है।
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जहां तक तैयारी की बात है तो वे कहते हैं कि इन सालों में कैंडिडेट का जीवन औरों से अलग हो जाता है। उसके जीवन में न तो वीकेंड्स रह जाते हैं, न हॉलिडेज और न कोई फंक्शन या गैदरिंग। कम से कम डेढ़-दो साल (कई केसेस में इससे भी ज्यादा) आपको रोज आठ से दस घंटे पढ़ना होता है। इसलिए इस क्षेत्र में सही मोटिवेशन के साथ आएं जो लंबे समय तक बना रहे। बाकी धैर्य के साथ रोज पढ़ेंगे तो सफल जरूर होंगे।
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