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4 अक्टूबर को है UPSC प्रीलिम्स परीक्षा...याद रखें इस IAS के टेंशन फ्री करने वाले टिप्स, डर के आगे होगी जीत

करियर डेस्क. UPSC Tips In hindi of IAS Topper Yogesh Patil: दोस्तों यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2020 (UPSC Prelims 2020) 4 अक्टूबर को होनी है। इस परीक्षा के लिए आपको पास सिर्फ 1 महीने का कम वक्त बचा है। आखिरी समय में रिवीजन चालू रखें और मन से कुछ डर और भ्रम को पूरी तरह निकाल दें। आप जानते ही होंगे UPSC सिविल सर्विस ( Civil Services Exam) को लेकर लोगों के बीच कई तरह के भ्रम रहते हैं। इस परीक्षा को लेकर कहा जाता है कि, हिंदी और क्षेत्रीय भाषा वाले लोगों के लिए UPSC अग्नि परीक्षा है। अफसर बनने के लिए किताबी कीड़ा बनना पड़ता है। अंग्रेजी नहीं आती मतलब अफसर नहीं बन पाओगे। ऐसे सैकड़ों मिथक लोगों के बीच लोकप्रिय रहते हैं जो पिछड़े इलाकों के बच्चों और कैंडिडेट्स को डराते हैं। पर ये सभी हवा-हवाई बातें हैं। एक IAS अफसर ने यूपीएससी के सारे मिथक (UPSC Myths) तोड़ दिए। साल 2019 के टॉपर, पुणे के योगेश अशोकराव पाटिल ने सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के लिए खरतनाक टिप्स और सुझाव दिए हैं। ये कमाल के आइडिया और विचार हर किसी यूपीएससी इच्छुक  (UPSC Aspirants) के काम आएंगे-  

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Asianet News Hindi
Published : Sep 01 2020, 06:23 PM IST| Updated : Sep 02 2020, 02:52 PM IST
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योगेश अशोकराव पाटिल ने साल 2018 में भी यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाई थी। उनकी रैंक आयी थी 231, जिससे उन्हें इंडियन पुलिस सेवा मिली थी। योगेश ने फिर से कोशिश की और साल 2019 में 63वीं रैंक पाकर उन्होंने टॉप किया। दो प्रयास और दोनों में सफल योगेश ने यूपीएससी परीक्षा को लेकर फैले कुछ मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया। उनके दिए टिप्स कैंडिडेट्स के लिए जादू की छड़ी साबित हो सकते हैं जो एकदम सारे डर भगा दे- 

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मिथक – पहले अटेम्पट में पास नहीं हो सकते –

 

सच – यूपीएससी परीक्षा को लेकर अक्सर स्टूडेंट्स यह मानते हैं कि इसमें पहली बार में सफलता हासिल नहीं की जा सकती, जबकि ऐसा नहीं है। यह आपकी मेहनत और सही स्ट्रेटजी पर निर्भर करता है कि आप पहली बार में परीक्षा पास करते हैं या आपको समय लगता है पर ऐसा कतई नहीं है कि पहली बार में परीक्षा पास नहीं कर सकते। बहुत से कैंडिडेट यह पहले भी साबित कर चुके हैं।
 

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मिथक – क्षेत्रीय भाषा में पढ़ना है परेशानी का सबब –

 

सच - इस बारे में योगेश कहते हैं कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस भाषा में पढ़ें हैं या किस भाषा में परीक्षा देने का चुनाव करते हैं। बस यह देख लें कि जिस भी भाषा को आप चुनते हैं, उसमें स्टडी मैटीरियल उपलब्ध हो। रही इंग्लिश की बात तो इसे सुधारना इतना भी मुश्किल नहीं। योगेश ने खुद इंग्लिश के न्यूजपेपर ग्रेजुएशन के दिनों से पढ़कर और नेट पर वीडियो देख - देखकर अपनी अंग्रेजी सुधारी थी। हालांकि यह आपके ज्ञानवर्धन के लिए है, ऐसा नहीं है कि इसके बिना आप चयनित नहीं हो सकते, लेकिन थोड़ी जानकारी इस भाषा की जरूरी है।

 

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मिथक – पिछड़े या सुदूर इलाके से हैं तो होगी ज्यादा दिक्कत –

 

सच - इस बारे में योगेश का कहना है कि इस बात से भी कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां के रहने वाले हैं। एक बार यह मन बनाने के बाद कि परीक्षा की तैयारी करनी है, हर किसी को एक ही स्तर पर शुरुआत करनी होती है। सभी को मेहनत करनी पड़ती है। योगेश खुद गांव से हैं पर दोनों बार सेलेक्ट हुए।

 

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मिथक – सब विषयों के नोट्स बनाना जरूरी है –

 

सच - अगर सभी विषयों के नोट्स बनाएंगे तो आपका बहुत समय खराब हो जाएगा। बेहतर होगा कुछ विषयों के नोट्स खुद बनाएं और कुछ दूसरों के नोट्स से या बिना नोट्स के काम चलाएं। जैसे योगेश ने अपने नोट्स ऑनलाइन शेयर किए हुए हैं। आप किसी और के नोट्स इस्तेमाल कर सकते हैं।

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मिथक – सफलता के लिए जरूरी है 14 से 15 घंटे पढ़ना –

 

सच - योगेश कहते हैं यह सबकी अपनी क्षमताओं पर निर्भर करता है. जरूरी यह नहीं कि कितने घंटे पढ़े, जरूरी यह है कि वे घंटे कितने प्रोडक्टिव थे। बाकी हर किसी का आईक्यू भी अलग होता है. कोई जल्दी याद कर लेता है कोई समय लेता है। अपनी क्षमताओं के अनुसार स्ट्रेटजी और टाइमटेबल बनाएं पर इसके लिए घंटों पढ़ना होता है यह सही नहीं है।

 

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मिथक – यूपीएससी सिलेबस इज लाइक एवरीथिंग अंडर द सन

 

सच - यूपीएससी सिलेबस के बारे में कई लोग कहते हैं कि यह अथाह सागर के जैसा है जिसमें सबकुछ आता है पर योगेश कहते हैं ऐसा नहीं है। मेन्स का कोर्स थोड़ा ज्यादा है पर आप यूपीएससी की वेबसाइट से सिलेबस उठाएं और उसी के अनुसार तैयारी करें। अपने सिलेबस की एक बाउंड्री नहीं बनाएंगे तो परेशान हो जाएंगे। इसके साथ ही पुराने सालों के प्रश्न-पत्र देखें, इनसे भी आपको सिलेबस शॉर्ट-आउट करने या समझने में मदद मिलेगी।

 

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मिथक – कोचिंग के बिना नहीं चलता काम –

 

सच - ऐसा कतई जरूरी नहीं है कि आप लाखों खर्च करके कोचिंग करें ही। एक अच्छा मेंटोर होना ही कई बार काफी होता है जो आपको ठीक से गाइड कर दे। परीक्षा को समझना, उसका नेचर समझना जरूरी है पर इसके लिए कोचिंग ही एक-मात्र तरीका नहीं। यूपीएससी में तीन चीजें जरूरी हैं – क्या पढ़ना है, क्या नहीं पढ़ना है और कैसे पढ़ना है। इनका ज्ञान होने के बाद सेल्फ स्टडी बेस्ट है।

 

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मिथक – यूपीएससी पास करने के लिए जरूरी है सुपर इंटेलिजेंट होना –

 

सच - योगेश कहते हैं ऐसा भी जरूरी नहीं। अगर आप मेहनती हैं और इस परीक्षा के लिए जरूरी समर्पण करने के लिए तैयार हैं तो आपका पिछला एकेडमिक रिकॉर्ड कैसा था यहा आपने अभी तक कोई सफलता अर्जित की है या नहीं, ये कुछ भी मायने नहीं रखता। जब से सोचेंगे और प्रयास करेंगे, तभी से नया सफर शुरू होता है फिर चाहे दसवीं या बारहवीं में कैसे भी अंक क्यों न हों।
 

 

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मिथक – बहुत सारी किताबें पढ़ना है जरूरी –

 

सच - योगेश कहते हैं किताबें बहुत नहीं सीमित होनी चाहिए वरना आप किसी की भी तैयारी ठीक से नहीं कर सकते। रही न्यूज पेपर की बात तो उसे पढ़ना अच्छा है पर ऐसा नहीं कि बिना उसके सफलता नहीं मिल सकती। करेंट अफेयर्स के जो कंपाइलेशन आते हैं आप उन्हें भी पढ़कर एग्जाम क्लियर कर सकते हैं। हालांकि पेपर पढ़ना किसी भी लिहाज से गलत नहीं यह आपको नया नजरिया देता है।

 

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मिथक – यूपीएससी पास करने के लिए हर विषय में अच्छा होना जरूरी है –

 

सच - ऐसा नहीं है, आपको हर विषय में नहीं केवल अपने ऑप्शनल विषय में अच्छा होना जरूरी होता है। इसके अलावा बाकी विषयों में अगर आप एवरेज भी हैं तो काम चल जाएगा। जो विषय आपकी रैंक बनाते हैं वें हैं, ऑप्शनल, एथिक्स, ऐस्से और साक्षात्कार। इनके लिए जो अतिरिक्त प्रयास कर सकते हैं, वे जरूर करिए पर ऑलराउंडर बनने की कतई जरूरत नहीं। 
 

 

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