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कलेक्टर को हिंदी में क्या होते हैं? जब IAS इंटरव्यू में पूछे इस सवाल पर हक्के-बक्के रह गए UPSC कैंडिडेट्स
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जवाब. लैपटॉप को डेस्कटॉप कंप्यूटर की तुलना में कम बिजली के परिमाण के उपभोग के लिए जाना जाता है। उदाहरण के लिए, 4.5 वोल्ट 1.5 वोल्ट (एए प्राथमिक बैटरी) अब ऐसे लैपटॉप हैं जो बिल्कुल 19 वोल्ट पर रेटेड बाहरी बिजली की आपूर्ति का उपयोग करते हैं। हालांकि, इन उपकरणों के बीच भी, मॉडल और विशेषताओं के आधार पर, ऊर्जा खपत मूल्यों की सीमा काफी बड़ी है।
जवाब. आप सोच रहे होंगे इसका जवाब 6 होगा लेकिन नहीं ये कार के गियर से जुड़ा सवाल है। इसका जवाब होगा 1 3 5, 2 4 R, R मतलब रिवर्स
जवाब. IAS सौरभ कुमार ने कहा, भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था में आईएस अफसर के पास और कोई दूसरा विकल्प नहीं है। सिविल सेवाओं में आने से पहले यह पता होना चाहिए कि हमें राजनेताओं के साथ काम करना होगा। यह जिम्मेदारी है किसी भी आईएएस ऑफिसर की अगर किसी नेता को किसी विषय के बारे में पूर जानकारी नहीं है तो वह उसे पूरी जानकारी दे। उसे बताए कि क्या सही है और क्या गलत। जो आईएएस अफसर होता है वो रूल्स एंड लॉ के तहत काम करता है किसी राजनेता के निजी नियमों के तहत नहीं। हम जब भी काम करेंगे तो रूल्स व लॉ के हिसाब से काम करेंगे।
कैंडिडेट्स का जवाब. ये सवाल राज्य सिविल सेवा परीक्षा में एक कैंडिडेट से पूछा गया था। उसने पूरी ईमानदारी से कहा था कि वो धर्म और कर्तव्य में से अपने कर्तव्य को निभाना पसंद करेगा। चाहे वो किसी भी धर्म का अनुसरण क्यों न करता हो लेकिन जब आप किसी समाज सेवा के पद पर हों तो कर्तव्य ही आपका सबसे परम धर्म होता है।
जवाब. कलेक्टर को हिंदी में समाहर्ता/जिलाधिकारी/ज़िलाधीश कहते हैं तथा उनके कार्यालय को 'समाहरणालय' कहते हैं। ये सवाल भी सिविल सेवा परीक्षा के एक इंटरव्यू में कैंडिडेट से पूछा गया था।
जवाब. क्रिकेट रूल्स के मुताबिक तीनों विकेट लगातार गेंदों पर मिलनी चाहिए, बीच में एक भी गेंद खाली न हो। अगर बीच में वाइड या नो बॉल फेंकी जाए, तो भी हैट्रिक वैलिट रहती है क्योंकि ये गेंदे काउंट नहीं होती।
जवाब. प्राचीन भारतीय स्मृतिकारों ने विवाह के जो आठ प्रकार मान्य किए थे, गंधर्व विवाह उनमें से एक है। इस विवाह में वर-वधू को अपने अभिभावकों की अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं पड़ती थी। युवक युवती के परस्पर राजी होने पर किसी श्रोत्रिय के घर से लाई अग्नि से हवन करने के बाद हवन कुंड के तीन फेरे परस्पर गठबंधन के साथ कर लेने मात्र से इस प्रकार का विवाह संपन्न मान लिया जाता था। इसे आधुनिक प्रेम विवाह का प्राचीन रूप भी कह सकते हैं।
जवाब- सूरज की किरणें हमारी स्किन पर मौजूद oil को विटामिन D में बदल देती हैं। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं। ये भी सच है कि धूप से किटाणु मर जाते हैं लेकिन शरीर में विटामिन डी की पूर्ति से ही हमें सूर्य की किरणों का लाभ मिलता है।
जवाब. कैशलेस लेनदेनों का मतलब ऐसे सौदों से होता है जहां पर किसी वस्तु या सेवा को खरीदने के लिए भुगतान “कैश” के रूप में न करके ऑनलाइन तरीकों जैसे मोबाइल बैंकिंग, इन्टरनेट बैंकिंग,चेक, ड्राफ्ट या किसी अन्य तरीके से जैसे मोबाइल वॉलेट Paytm इत्यादि से होता है। भारत में नोटबंदी के बाद से कैशलेस सिस्टम बना है। देश का पहला कैशलेस शहर तामिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 150 किमी दूर ऑरोविले शहर है, यहां नोटों का चलन पूरी तरह से बंद है।
जवाब. दरअसल UPSC की परीक्षा 1999 और 2003 में ये सवाल पूछा गया था कि नेत्रदान में दाता की आँख का कौन-सा भाग उपयोग में लाया जाता है? इस सवाल को सुन लोग सोचते हैं कि आंखे दान करने के लिए पूरी आंख ही निकालकर लगा दी जाती है। जबकि ऐसा नहीं है। वैज्ञानिक तौर पर इस सवाल का सही जवाब है नेत्र दान में दाता की आंख के कार्निया भाग का उपयोग किया जाता है। वर्तमान में आई ट्रांसप्लांट करने की कोई सर्जरी उपलब्ध नहीं है उसके अलग-अलग पार्ट्स की सर्जरी की जाती है जैसे रेटिना, कॉर्निया आईडीएफसी प्याली आदि के द्वारा मरीज की जरूरत के हिसाब से सर्जरी की जाती है।
कॉर्निया की बात करें ये एक आंखों का वह पारदर्शी भाग होता है जिस पर बाहर का प्रकाश पड़ता है और उसका प्रत्यावर्तन होता है। यह आंख का लगभग दो-तिहाई भाग होता है, जिसमें बाहरी आंख का रंगीन भाग, पुतली और लेंस का प्रकाश देने वाला हिस्सा होते हैं। इसलिए नेत्रदान में दृष्टिहीन को रोशनी देने के लिए कॉर्निया भाग को ही उपयोग किया जाता है।
जवाब. तिब्बत पृथ्वी के उन विशेष भागों में से एक है जहॉं विमान की सेवा बहुत ही कम है। एयरलाइन के विशेषज्ञ का कहना है कि तिब्बती पठार के उपर हवाई यातायात इसलिए संभव नही है कि क्योंकि इस क्षेत्र में हवा की कमी है इसलिए एक विमान के लिए उड़ पाना वहां संभव नही है।
समुद्र से काफी ऊॅंचाई पर होने और विशालकाय पर्वत शृंखलाएं से घिरा होने के कारण तिब्बत को एक ओर नाम से जाना जाता है और इसलिए इसे दुनिया की छत भी कहा जाता है। ऊॅंचाई पर होने के कारण इसके ऊपर से विमानों का उड़ पाना असंभव सा है। जिस वजह से यहॉं विमानों की आवाजाही ना के बराबर ही है।