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46 साल बाद भी शत्रुघ्न सिन्हा को 'शोले' ठुकराने का है मलाल, बताया किस मजबूरी के चलते नहीं की थी फिल्म
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शो में उन्होंने बताया कि 46 साल पहले उन्हें फिल्म शोले में काम करने के लिए ऑफर मिला था लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था। अपने इस फैसले का मलाल आज भी है।
शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया- उस समय मैं दो फिल्मों की शूटिंग कर रहा था, जो डबल हीरो वाली फिल्म थी। इसे मेरी मानवीय भूल कहे या डेट्स की समस्या, मैं शोले नहीं कर पाया। डेट्स की वजह से ही ज्यादातर फिल्में ठुकरानी पड़ती हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे कहा- लेकिन मैं इससे उदास होने की बजाय खुश हूं क्योंकि शोले की वजह से मेरे अच्छे दोस्त अमिताभ बच्चन को बहुत बड़ा ब्रेक मिला था। बता दें कि शोले 15 अगस्त, 1975 को रिलीज हुई थी।
वैसे, आपको बता दें कि अमिताभ-शत्रुघ्न ने जहां कई हिट फिल्मों में साथ काम किया वहीं, दोनों की दुश्मनी के किस्से भी इंडस्ट्री में कम नहीं रहे। लंबे समय तक दोनों के रिश्तों में खटास रही। हालांकि, अब दोनों के बीच रिश्ते सुधर गए हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा ने कुछ दिनों पहले दिए एक इंटरव्यू में अमिताभ के साथ हुई अनबन पर कई खुलासे किए थे। उन्होंने बताया था कि शुरुआत में कई बड़ी फिल्में उन्हें ऑफर हुई थी। हालांकि, उनके ना कहने के बाद वही फिल्में अमिताभ के हिस्से में चली गई और इन्हीं फिल्मों से उनको सुपरस्टार बना दिया।
शत्रुघ्न सिन्हा ने इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उन्हें दीवार, शोले और सत्ते पे सत्ता जैसी चार फिल्में ऑफर हुई थी। लेकिन बाद में ये सभी फिल्में अमिताभ के हिस्से चली गई। जब उनसे पूछा गया कि इन फिल्मों को लेकर अमिताभ के साथ कभी आपका विवाद हुआ। तो उन्होंने इस बात को नकार दिया।
उन्होंने बताया था- मुझे लगता है कि जय के किरदार के लिए एक्टर को सबसे लास्ट में कास्ट किया गया था। रमेश सिप्पी बहुत उत्सुक थे कि मैं इसे करूं, लेकिन मैं फिल्म को नहीं कर सका। ऐसी चीजें संबंधों को खराब नहीं करती हैं, आज भी रमेश सिप्पी और मैं अच्छे दोस्त हैं।
उन्होंने कहा था- मेरे अंदर अमिताभ के खिलाफ कुछ भी नहीं है। मैंने हमेशा उनका सम्मान किया है और उनके लिए मेरे अंदर केवल प्यार, स्नेह और आदर है। फिर भी अगर कोई पूछता है, तो मैं कहता हूं छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी नए दौर में लिखेंगे मिलकर नई कहानी।
बता दें कि 70 का दशक वो दौर था जब बॉक्स ऑफिस पर अमिताभ बच्चन का जादू चलता था। इसी हंगामे के बीच शत्रुघ्न सिन्हा भी तब तक कालीचरण, विश्वनाथ, जानी दुश्मन और हीरा मोती जैसी फिल्मों से सुपरस्टार बन चुके थे।
शत्रुघ्न मानते हैं कि 70 के दशक में बॉलीवुड में उनका कद अमिताभ बच्चन से बड़ा था। इस कारण ही दोस्ती में दरार पड़ी। अपनी किताब में शत्रु लिखते हैं- तब लोग कहते थे कि अमिताभ और मेरी ऑनस्क्रीन जोड़ी सुपरहिट है, पर वो मेरे साथ काम नहीं करना चाहते थे। उनको लगता था कि 'नसीब', 'काला पत्थर', 'शान' और 'दोस्ताना' में मैं उनपर भारी पड़ गया, लेकिन इससे मुझे कभी फर्क नहीं पड़ा।