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Kranti @ 41 : 80 के दशक की सबसे महंगी फिल्म को बनाने में लगे दो साल, इतने महीने में शूट हुआ था क्लाइमैक्स
मुंबई. मनोज कुमार (Manoj Kumar), हेमा मालिनी (Hema Malini) और दिलीप कुमार (Dilip Kumar) की फिल्म क्रांति (Kranti) की रिलीज को 41 साल पूरे हो गए हैं। 1981 को रिलीज हुई इस फिल्म ने बॉक्सऑफिस पर तहलका मचा दिया था। इस फिल्म के डायरेक्टर मनोज कुमार थे और इसे सलीम-जावेद ने लिखा था। कहा जाता है कि ये फिल्म 80 के दशक की सबसे महंगी फिल्म थी। 2 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने इस जमाने में 20 करोड़ रुपए की कमाई थी। फिल्म में शशि कपूर (Shashi Kapoor), परवीन बॉबी (Parveen Babi), शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha), मदन पुरी ( Madan Puri), टॉम अल्टर, प्रेम चोपड़ा (Prem Chopra) जैसे भारी भरकम स्टारकास्ट थी। आपको जानकार हैरानी होगी कि फिल्म को पूरा होने में करीब 2 साल लग गए थे। नीचे पढ़ें आखिर क्यों फिल्म को बनाने में 2 साल लग गए थे और कितने महीनों में शूट हुआ था क्लाइमैक्स...
| Published : Feb 04 2022, 08:23 AM IST
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80 के दशक में आई ये फिल्म देशभक्ति पर बनी थी। रिलीज होते ही फिल्म ने सिनेमाघरों में हंगामा कर दिया था। वैसे, आज भी इस फिल्म का क्रेज कम नहीं हुआ। आज भी जब फिल्म टीवी पर आती है तो दर्शक इसे बढ़े चाव से देखते है।
आपको जानकर हैरानी होगी फिल्म को बनाने में 2 साल लग गए थे। इतना वक्त लगने की एक ही वजह थी फिल्म की भारी-भरकम स्टारकास्ट। इस फिल्म में जिन स्टार्स ने काम किया था वे उस दौर के नामी सेलेब्स थे और डेट की वजह से अक्सर शूटिंग में चेंज करना पड़ता था।
उस जमाने की सबसे महंगी फिल्म क्रांति के स्पेशल प्रिंट भी जापान से बनवाए गए थे। मनोज कुमार ने खुद बताया था कि ये वो दौर था जब 120 से 150 शिफ्ट्स चलती थी और फिल्में 55 से 100 दिनों में खत्म हो जाती थी।
मनोज कुमार ने बताया था कि इस फिल्म को बनाने में 2 साल लग गए थे और इकना ही नहीं सिर्फ क्लाइमैक्स फिल्माने में 2 महीने लगे थे। ये करना आसान नहीं था बल्कि ये बेहद थका देने वाला था, लेकिन फिर भी हिम्मत नहीं हारी।
फिल्म मेकिंग के बारे में एक बहुत ही मजेदार किस्सा वायरल हो रहा है। मनोज कुमार ने बताया था- दरअसल, क्रांति के एक सीन में दिलीप कुमार भारी-भरकम जंजीरों में बंधे होते हैं और उन्हें राज दरबार में पेश किया जाता है। इस सीन को फिल्माते समय बार-बार री-टेक लिया जा रहा, लेकिन सीन शूट ही नहीं हो पा रहा था।
दरअसल, दिलीप साहब को भारी भरकम लोहे की जंजीरों से बांध कर लाया जा रहा था और इससे वे काफी परेशान हो रहे थे। आखिरकार झुंझलाते हुए दिलीप कुमार ने कहा था कि ये जंजीरें जो पहना रखी है पहले इसे हल्का करो। जंजीरों का बोझ सहा नहीं जा रहा।
उन्होंने बताया था- फिर दिलीप साहब की परेशानी को समझा गया गया और शूटिंग रोक दी गई। फिर तरकीब निकाली और लोहे की जगह रबर की जंजीरें बनवाई गई और इसे इस तरह से पेंट किया गया कि ये असली लोहे की जंजीर दिखे। इस तरह से जुगाड़ कर फिर इस सीन को फिल्माया गया।
आपको बता दें कि इस फिल्म में काम करने वाले ज्यादातर स्टार्स अब इस दुनिया में नहीं है। शशि कपूर, परवीन बाबी, मदर पुरी, टॉम अल्टर, दिलीप कुमार जलाल आगा दुनिया छोड़ चुके हैं। वहीं, हेमा मालिनी, शत्रुघ्न सिन्हा, मनोज कुमार अब फिल्मों से दूर है। हेमा मालिनी कभी-कभार फिल्म में नजर आ जाती है।
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