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आधे पैसे में आधा काम ही करते थे किशोर कुमार, पढ़ें उनकी लाइफ के 9 इंटरेस्टिंग किस्से

4 अगस्त, 1929 को खंडवा में जन्में किशोर कुमार का असली नाम आभास कुमार गांगुली था, लेकिन प्यार से उन्हें गंगोपाध्याय बुलाया जाता था। किशोर कुमार ने अलग-अलग भाषा में करीब 1500 से ज्यादा गाने गाए हैं।

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Asianet News Hindi
Published : Aug 04 2019, 12:19 PM IST| Updated : Aug 04 2019, 12:27 PM IST
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एंटरटेनमेंट डेस्क। बॉलीवुड में एक अलग सिंगिंग स्टाइल से लिए पहचाने जाने वाले किशोर कुमार की आज 90वीं बर्थ एनिवर्सरी है। 4 अगस्त, 1929 को खंडवा में जन्में किशोर कुमार का असली नाम आभास कुमार गांगुली था, लेकिन प्यार से उन्हें गंगोपाध्याय बुलाया जाता था। किशोर कुमार ने अलग-अलग भाषा में करीब 1500 से ज्यादा गाने गाए हैं। उन्होंने फिल्मों में गाने के साथ ही एक्टिंग, डायरेक्शन और स्क्रिप्ट राइटिंग भी की। किशोर कुमार जितना अपने टैलेंट के लिए जाने जाते हैं, उनकी पर्सनल लाइफ के किस्से भी उतने ही रोचक हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आजकल के कलाकारों के विपरीत किशोर पहले पैसा लेकर ही काम करते थे। और अगर पैसा नहीं मिलता था तो काम अधूरा भी छोड़ देते थे। किशोर की पैसे के लिए काम करने वाली शैली खूब मशहूर रही है। उन्हें जब तक पैसा नहीं मिल जाता था, तब तक वो गाने की रिकॉर्डिंग ही नहीं करते थे।
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जब घर के बाहर टंगवा दिया बोर्ड 'किशोर से सावधान...' इसके अलावा उन्होंने अपने ही घर के सामने एक बोर्ड टंगवा दिया था जिस पर लिखा था 'किशोर से सावधान'। वैसे पुरानी कहावत है कि 'बड़े लोगों के ऐब नहीं देखे जाते'। कुल मिला कर आज भी किशोर को ना सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में प्रत्येक कलाप्रेमी द्वारा खूब सम्मान दिया जाता है। आजकल के नए कलाकार तो उन्हें फॉलो करने का भी प्रयास करते हैं।
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आधे पैसे दिए तो आधे मेकअप में ही पहुंच गए... किशोर कुमार एक बार किसी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे, जिसके लिए प्रोड्यूसर ने उन्हें आधे पैसे ही दिए थे। इससे नाराज होकर किशोर आधा मेक-अप करके ही शूटिंग सेट पर पहुंच गए। जब डायरेक्टर ने उनसे पूरा मेक-अप करने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि 'आधा पैसा, आधा काम। पूरा पैसा, पूरा काम'।
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जब तलवार लेकर प्रोड्यूसर के घर पहुंचे किशोर... पैसे के मामले में किशोर से जुड़ा एक और मजेदार किस्सा है। दरअसल, एक बार वो फिल्म निर्माता आर.सी. तलवार के साथ काम कर रहे थे। लेकिन उनके साथ काम करते हुए भी वही बात आ गई कि तलवार ने उन्हें आधे पैसे दिए थे। ऐसे में किशोर रोज सुबह तलवार के घर के सामने खड़े हो जाते थे और चिल्लाने लगते थे- 'हे तलवार, दे दे मेरे आठ हजार... हे तलवार, दे दे मेरे आठ हजार...'।
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इमरजेंसी में किशोर के गानों पर लगा दिया था बैन... इमरजेंसी के दौरान एक बार किशोर के गाने सुनने पर रोक लगा दी गई थी। दरअसल उस समय आपातकाल चल रहा था जो कांग्रेस के लिए बहुत ही समस्या वाली स्थिति थी। उन्हीं दिनों किशोर कुमार से कांग्रेस के लिए एक गीत गाने की गुजारिश की गई थी, जिसके लिए किशोर ने मना कर दिया था। इससे कांग्रेस पार्टी के नेता इतना नाराज हो गए थे कि उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो पर किशोर कुमार के गाने बैन कर दिए थे। किशोर पर बैन लगाने वाले नेता विद्याचरण शुक्ल थे, जो छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले में मार दिए गए थे।
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हॉरर फिल्मों से बहुत डरते थे... किशोर ने एक बार खुद एक सच स्वीकारा था कि वो हॉरर फिल्में देखने से बहुत डरते हैं। किशोर ने कहा था कि 'हां मैं मानता हूं कि मैं थोड़ा पागल हूं लेकिन सच में मुझे हॉरर फिल्में देखने से बहुत डर लगता है। मैं इनसे कभी फ्रेंडली नहीं हो पाया हूं।'
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पेड़ों से बात किया करते थे किशोर... किशोर कुमार की चार शादी हुई थी। उनकी पहली बीवी बंगाली सिंगर रुमा गुहा थीं। दूसरी बीवी मधुबाला थीं। तीसरी पत्नी योगिता बाली थीं और उनकी चौथी शादी लीना चंदारवरकर से हुई थी। चार शादियां होने के बाद भी किशोर अपनी जिंदगी में काफी अकेले थे। 1985 में प्रीतीश नंदी को दिए एक इंटरव्यू में किशोर ने साफ कहा था कि उनका कोई दोस्त नहीं है। और दोस्त बनाने की बजाय वो पेड़ों से बात करना ज्यादा बेहतर समझते हैं। वैसे किशोर के बारे में ये बात कही भी जाती है कि वो पेड़ों से बातें किया करते थे।
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पूरी नहीं हो पाई आखिरी ख्वाहिश... किशोर कुमार की अंतिम इच्छा भी उन्हीं की तरह स्पेशल थी। मुंबई में रहते हुए भी वो अपने घर खंडवा की खूब चर्चा किया करते थे। फिल्म इंडस्ट्री से संन्यास लेने के बाद किशोर खंडवा में ही बस जाना चाहते थे। हालांकि उनकी ये इच्छा पूरी नहीं हो पाई थी। वैसे जब उनकी मौत हुई थी तो उन्हें उन्हीं की अंतिम इच्छा के अनुसार खंडवा में ही दफनाया गया था। मुंबई के बारे में वो कहा करते थे कि 'इस बदसूरत शहर में कौन मरना चाहेगा?'
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10 से ज्यादा भाषाओं में गाने गाए... वैसे अगर किशोर के टैलेंट की बात की जाए तो वो सिर्फ हिन्दी में ही नहीं बल्कि कई दूसरी भारतीय भाषाओं में भी गा सकते थे। उन्होंने बंगाली, हिन्दी, मराठी, असमिया, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम और उड़िया भाषाओं में कई गाने गाए हैं। इसके अलावा किशोर को 8 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स मिल चुके हैं। ये अवॉर्ड्स उन्हें बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर के लिए दिए गए थे।

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