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ब्वॉयफ्रेंड को खोने के बाद टूट गई थी संजय दत्त की बेटी, बताया कैसे बीता था एक साल
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त्रिशाला ने पोस्ट में लिखा कि 'आज उस दिन को एक साल हो गया जब मेरे पैरों के नीचे की जमीन फट गई थी और मेरी जिंदगी बदल गई थी। मैंने दुख को कम करने के लिए बहुत कुछ किया, टॉक थेरपी से लेकर, सपोर्टिव ग्रुप ज्वॉइन करने तक, किसके साथ और कैसे वक्त बिताना है, यह भी ध्यान रखा। बीते साल में सोशल मीडिया से भी गायब रही।'
'मां को 8 साल की उम्र में खोने और इस पर 2 दशक तक इससे जूझने के बाद, हैरानी की बात है कि मैं इस ब्यूटिफुल सोल को खोने के लिए तैयार नहीं हो पाई। एक साल या 20 साल गुजरने से फर्क नहीं पड़ता। आपको उस डार्क मोमेंट को फेस करना पड़ता है और पूरी जिंदगी इमोशंस के उतार-चढ़ाव को झेलना पड़ता है।'
त्रिशाला ने आगे लिखा कि 'वो इस घटना पर इतना रो चुकी हैं कि उनके आंसू सूख गए थे। उन्होंने यह छोड़कर नौकरी (वह सायकोथेरपिस्ट हैं) छोड़ दी कि वह किसी और की मेंटल हेल्थ का ध्यान कैसे रख पाएंगी जब उनकी खुद ही तबाह हो रखी है। त्रिशाला ने बताया कि वो कई बार पब्लिक प्लेस पर रो पड़ी हैं और लोग उनसे मदद के लिए पूछने तक आ गए। उन्होंने बताया कि उनकी नजर में जो पड़ता वह उसे खाने लगतीं, जिसके चलते उनका वजन 13 किलो बढ़ गया था।'
इसके साथ ही त्रिशाला ने अपने 3 दोस्तों, थेरेपिस्ट और सपोर्ट ग्रुप का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उन्हें संभाला था। उन्होंने लिखा कि सबके संभलने का प्रॉसेस अलग होता है और वह उन चीजों के आसपास होकर अच्छा महसूस करती हैं, जो त्रिशाला को उनके बॉयफ्रेंड की याद दिलाते हैं। उनके हाथ से लिखे और टेक्स्ट मेसेज, उनका टूथब्रश, उनकी टी-शर्ट जिससे बिल्कुल उनके जैसी स्मेल आती है और वो अपने ब्वॉफ्रेंड के फेवरिट गाने सुनकर भी सुकून पाती हैं।
इतना ही नहीं त्रिशाला ने अपने गुजरे ब्वॉयफ्रेंड की तारीफ भी की है। उन्होंने लिखा कि वो बहुत जेंटलमैन थे, जिसने हमेशा उन्हें सेफ फील करवाया। त्रिशाला को हंसाया और उन्हें मजाक करना पसंद था। वह दयालु, नम्र, विचारील और हमेशा उन्हें प्राथमिकता में रखने वाले थे। वह मदद करने वाले, सपोर्टिव और ग्रेट लिसनर थे।
त्रिशाला कहती हैं कि उन्होंने उन पर भरोसा किया, उनकी केयर की और उनके दिल की भी बहुत अच्छी केयर की। उन्हें आदर दिया, कभी जज नहीं किया, अपने परिवार में शामिल किया और कभी उनका साथ नहीं छोड़ा, कभी गुस्सा होकर सोने नहीं जाने दिया और कभी सोचने का मौका नहीं दिया कि उनके जीवन में उनकी क्या अहमियत है। त्रिशाला अपनी बात खत्म करते हुए लिखती हैं कि वो उन्हें कभी भुला नहीं पाएंगी। उनके बिना वो अधूरी हैं फिर भी वह खुद को हमेशा सबसे लकी लड़की मानती हैं, क्योंकि वो उनकी थीं और वो उनके।