- Home
- Entertianment
- Other Entertainment News
- तो क्या इसलिए अमिताभ बच्चन को अपने पापा का पापा समझता है शाहरुख खान का 7 साल का बेटा अबराम
तो क्या इसलिए अमिताभ बच्चन को अपने पापा का पापा समझता है शाहरुख खान का 7 साल का बेटा अबराम
- FB
- TW
- Linkdin
आपको बता दें कि अबराम के घर कोई बुजुर्ग नहीं है और वे ऐसे व्यक्ति को घर पर मिस करते हैं। अबराम, बिग बी को अपना दादा समझते है, इस बात का खुलासा खुद शाहरुख ने किया था।
2017 में आराध्या के बर्थडे पर पहुंचे अबराम की एक फोटो के बारे में अमिताभ ने लिखा था- 'अबराम नरम 'बुढ्ढी के बाल' लेना चाहता था। हम उसे स्टाल पर ले गए और उसे एक कोन दिलवाया। अबराम की खुशी बेशकीमती है, जूनियर शाहरुख खान..।' इसके जवाब में शाहरुख ने ट्वीट किया था, 'धन्यवाद सर, इस पल को अबराम कभी भूल नहीं पाएगा। वैसे वह सोचता है कि आप मेरे पिता हैं।'
2018 में जब अबराम फिर आराध्या के बर्थडे पर पहुंचे तो बिग बी ने उनसे हाथ मिलाया था। बिग बी से हाथ मिलाते वक्त अबराम उन्हें सवालों भरी नजरों से देख रहा था। अमिताभ ने इंस्टाग्राम पर फोटो शेयर करते हुए लिखा था- 'शाहरुख खान के छोटे बेटे अबराम को पूरी तरह यकीन है कि मैं शाहरुख खान का पिता और उनका दादा हूं। साथ ही अबराम इस बात से हैरान रहते हैं कि मैं शाहरुख के घर में उनके साथ क्यों नहीं रहता हूं।' इस पर शहारुख ने जवाब दिया था- सर, कभी आकर हमारे साथ भी रहे।
दरअसल, अबराम को कभी अपने दादा का प्यार नहीं मिला। शाहरुख के पिता मीर ताज मोहम्मद खान की मौत 1981 में कैंसर की वजह से हो गई थी। उस वक्त शाहरुख की उम्र महज 16 साल थी। पिता के जाने के बाद उनकी मां यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाईं और वो भी चल बसीं। इसके बाद उनकी बड़ी बहन शहनाज भी डिप्रेशन में चली गई। वैसे, शाहरुख के किसी भी बच्चे को दादा का प्यार नसीब नहीं हुआ, लेकिन अपने दादा को सबसे ज्यादा कोई मिस अबराम करता है।
अबराम के जन्म पर शाहरुख ने इंटरव्यू में कहा था, "मेरा बेटा और बेटी है। लेकिन वो घर से बाहर ज्यादा रहने लगे, स्कूल जाने लगे। पहले वो चिपके रहते थे और मैं उनके साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिता पाता था। लेकिन पिछले कुछ सालों से वातावरण ऐसा है कि बच्चे अपने दोस्तों के साथ अपने कमरों में रहने लगे हैं। हमें कभी-कभी यह भी पता नहीं चलता कि वो घर में हैं या नहीं। हम बच्चों के साथ बिताए वक्त को याद करने लगे। और इसीलिए हमने तीसरे बच्चे की प्लानिंग की।"
कहा जाता है कि अबराम के जन्म के समय गौरी 40 की उम्र पर पार कर चुकी थीं और इस उम्र में बेबी कंसीव करना खतरनाक हो सकता था। इसलिए शाहरुख ने बेटे के जन्म के लिए सरोगेसी का सहारा लिया।
पापा-मम्मी और भाई-बहन के साथ अबराम।