- Home
- Entertianment
- Other Entertainment News
- जब खराब एक्टिंग के लिए अभिषेक को सरेआम पड़ा थप्पड़, 20 साल बाद भी नहीं मिल पाया पापा जैसा स्टारडम
जब खराब एक्टिंग के लिए अभिषेक को सरेआम पड़ा थप्पड़, 20 साल बाद भी नहीं मिल पाया पापा जैसा स्टारडम
- FB
- TW
- Linkdin
अभिषेक बच्चन ने खुद एक इंटरव्यू में इस घटना का जिक्र किया था। अभिषेक के मुताबिक, 2012 में उनकी फिल्म 'शरारत' रिलीज हुई थी। अभिषेक दर्शकों का रिस्पॉन्स जानने के लिए एक थिएटर के बाहर खड़े थे। इसी बीच फिल्म देखने आई एक महिला ने इंटरवल के दौरान अभिषेक को थप्पड़ मार दिया था।
उस महिला ने न सिर्फ अभिषेक को थप्पड़ मारा बल्कि जाते-जाते यही भी नसीहत दी कि तुम अपने परिवार का नाम खराब कर रहे हो, उन्हें शर्मिंदा कर रहे हो, इसलिए एक्टिंग करना बंद कर दो। उस महिला की ये हरकत देख अभिषेक भी हैरान रह गए थे।
बता दें कि अभिषेक बच्चन को कभी अपने पिता जैसा स्टारडम नहीं मिला। इसकी एक वजह उनके करियर के शुरुआत की फिल्में हैं। रिफ्यूजी के बाद अभिषेक को जो भी फिल्में ऑफर हुईं वो उन्हें करते गए। इस दौरान उन्होंने न तो स्क्रिप्ट पर ध्यान दिया और ना ही बैनर देखा।
यही वजह रही कि महज 4 सालों में ही एक के बाद कए उनकी 17 फिल्में फ्लॉप हुई थीं। इसके बाद अभिषेक ने फिल्मों के सिलेक्शन पर ध्यान देना शुरू किया और उनकी फिल्में धूम, बंटी और बबली, दोस्ताना, गुरु ब्लफमास्टर, पा हिट हुईं।
अभिषेक बतौर लीड सोलो एक्टर कुछ ही फिल्में में दिखे हैं - उनमें से हिट हैं 'गुरु' और 'बंटी और बबली'। 'बंटी और बबली' में ऐश्वर्या का गाना 'कजरारे' था। 2006 और 2007 मे ऐश्वर्या और अभिषेक 'गुरु', 'धूम-2', और 'उमराव जान' में साथ नजर आए थे।
अभिषेक के करियर की शुरुआती 17 फ्लॉप फिल्मों की बात करें तो इनमें रिफ्यूजी, तेरा जादू चल गया, ढाई अक्षर प्रेम के, बस इतना सा ख्वाब है, हां मैंने भी प्यार किया, ओम जय जगदीश, शरारत, मैं प्रेम की दीवानी हूं, मुंबई से आया मेरा दोस्त, कुछ ना कहो, जमीन, एलओसी कारगिल, रन, युवा और फिर मिलेंगे हैं।
अभिषेक बच्चन ने साल 2000 में भले ही फिल्मों में एंट्री ले ली थी, लेकिन इससे पहले वे क्या करते थे, यह कम ही लोग जानते हैं। फिल्मों में एंट्री लेने से पहले अभिषेक एक LIC एजेंट के रूप में काम कर चुके हैं। हालांकि जल्द ही उन्हें फिल्मों में आने का मौका मिल गया और उन्होंने यह काम छोड़ दिया था।
अभिषेक ने बॉलीवुड में छिड़े नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) को लेकर एक इंटरव्यू में कहा था- 20 साल के फिल्मी करियर में कभी उनके पिता ने उनकी मदद नहीं की। उन्होंने मेरे लिए कभी कोई फिल्म नहीं बनाई। इसके उलट मैंने उनके लिए फिल्म 'पा' प्रोड्यूस की। कहने का मतलब है कि उन्होंने कभी मेरी मदद नहीं की।