- Home
- Entertianment
- Other Entertainment News
- जब चौथी पढ़ रहे सलमान के स्कूल में पापा सलीम को भुगतनी पड़ी सजा, आखिर क्या थी वजह?
जब चौथी पढ़ रहे सलमान के स्कूल में पापा सलीम को भुगतनी पड़ी सजा, आखिर क्या थी वजह?
मुंबई। सलमान खान (Salman Khan) के पापा और हिंदी फिल्मों के मशहूर स्क्रिप्ट राइटर सलीम खान (Salim Khan) 85 साल के हो गए हैं। सलीम खान का जन्म 24 नवंबर 1935 को इंदौर में हुआ था। उनके पिता पुलिस में थे। कच्ची उम्र में ही सलीम खान के सिर से मां का साया उठ गया था। 1964 में सलीम खान ने महाराष्ट्र की ब्राह्मण लड़की सुशीला चरक से शादी की। शादी के बाद सुशीला ने नाम बदलकर सलमा रख लिया था। यूं तो सलीम खान की जिंदगी से जुड़े कई किस्से मशहूर हैं। लेकिन उनके बर्थडे पर हम बता रहे हैं एक ऐसे ही इंटरेस्टिंग किस्से के बारे में।
- FB
- TW
- Linkdin
सलीम खान की जिंदगी से जुड़ा ये किस्सा उनके बेटे सलमान खान के स्कूल के दिनों का है। कुछ महीने पहले जब सलीम और सलमान कपिल शर्मा के शो में पहुंचे थे तो उन्होंने अपनी कहानी बताई थी। सलमान ने बताया था कि कैसे उनके पिता को उनकी जगह सजा मिली थी।
सलमान ने बताया था कि वो बचपन में बहुत शरारती थे। इसलिए उनको अक्सर मार पड़ती रहती थी। जब वे चौथी क्लास में थे तो एक बार टीचर ने उन्हें क्लास के बाहर खड़ा कर दिया था।
कुछ देर बाद पापा सलीम जब किसी काम की वजह से स्कूल के पास से गुजरे तो उन्होंने सलमान को बाहर खड़ा हुआ देखा। उन्हें लगा कि सलमान ने फिर कोई शैतानी की होगी। इस पर सलीम ने जाकर सलमान से पूछा कि वो यहां क्यों खड़े हैं?
इस पर सलमान ने कहा कि उन्हें इस बारे में नहीं पता। फिर सलीम खान स्कूल के प्रिंसिपल के पास गए और पूछा कि सलमान को क्यों सजा दी गई है? प्रिंसिपल ने जवाब दिया उनकी स्कूल फीस समय पर जमा नहीं हुई है, इसलिए उन्हें सजा दी गई है।
सलीम ने प्रिंसिपल से कहा कि फीस न भर पाना उनकी गलती है न कि बेटे की। सलमान को क्लास में बैठना चाहिए और उनकी जगह सजा मुझे मिलनी चाहिए।
सलमान के मुताबिक, लंच से लेकर स्कूल बंद होने तक पापा फ्लैग पोस्ट के पास खड़े रहे। हालांकि इसके अगले दिन ही उन्होंने फीस दी और टीचर ने माफी भी मांगी थी।
सलमान कई बार ये बता चुके हैं कि वो जिंदगी के हर मोड़ पर सलाह अपने पापा से ही लेते हैं। सलमान को उनके पिता, मुश्किल समय पर राह दिखा चुके हैं और करियर की सलाह भी सलमान अपने पिता सलीम खान से ही लेते हैं।
बता दें कि सलीम खान पहले स्क्रिप्ट राइटर नहीं बल्कि एक्टर बनना चाहते थे। इसीलिए वो इंदौर से मुंबई आए थे। शुरुआत में उन्हें छोटे-मोटे रोल भी मिले। उन्होंने करीब 14 फिल्मों में कैमियो रोल किए, लेकिन बतौर एक्टर कुछ खास नहीं कर पाए। बतौर एक्टर वो 'तीसरी मंजिल' (1966) और 'सरहदी लुटेरा', 'दीवाना' (1967) और 'वफादार' (1977) जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं।