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- 4 साल मां को तड़पते देखा पर इस मजबूरी के चलते करीब नहीं जा पाए सलीम खान, इमोशनल हुए सलमान के पापा
4 साल मां को तड़पते देखा पर इस मजबूरी के चलते करीब नहीं जा पाए सलीम खान, इमोशनल हुए सलमान के पापा
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सलीम खान ने अपनी लाइफ में काफी उतार-चढ़ाव देखे। बचपन में मां को खोने के गम ने उनके व्यक्तित्व में बदलाव किया और उन्हें उनके बच्चों, सलमान खान, अरबाज खान, सोहेल खान, अलवीरा खान और अर्पिता खान के बेहद करीब ला दिया।
कुछ महीने पहले दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी शुरुआती जिंदगी के राज खोले थे। सलीम ने इंदौर में बिताए अपने बचपन के दिनों के बारे में बताया था। उन्होंने बताया था कि उनका बचपन का अनुभव काफी शानदार था लेकिन यह इमोशन से भरा रहा। उनकी जिंदगी अच्छी थी लेकिन ट्रैजिक भी थी। वह अपने परिवार में सबसे छोटे थे और जब वह नौ साल के थे तब उन्होंने अपनी मां को हमेशा के लिए खो दिया था।
उन्होंने बताया था कि मां को टीबी थी इसलिए मां की मौत से चार साल पहले से ही उन्हें उनकी मां से नहीं मिलने दिया जाता था। उस समय इस बीमारी का कोई इलाज नहीं था और यह संक्रामक बीमारी थी। डॉक्टर भी काफी सावधानी बरतते थे। मां टीबी की बीमारी की वजह कम्पाउंड में बनी एक अलग झोपड़ी में रहती थीं। उन्हें वहां खाना पहुंचा दिया जाता था। उनके बर्तन भी अलग रखे जाते थे।
सलीम खान ने बताया था कि उन्हें अपनी मां को टीबी की बीमारी की वजह से काफी तकलीफ झेलते हुए देखकर काफी दुख होता था। उनकी मां चार साल तक बिस्तर पर ही रहीं।
एक घटना के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने बताया- एक दिन मां बगीचे में बैठी थीं। मैं उनके पास ही खेल रहा था। उन्होंने घर के नौकर से मेरे बारे में पूछा कि यह कौन हैं। जब उन्हें बताया गया कि मैं उनका छोटा बेटा हूं तो उन्होंने मुझे बुलाया। मैं उनके पास जाना चाहता था, लेकिन उन्होंने मुझे मना कर दिया। वह रो रहीं थीं।
सलीम खान ने यह भी खुलासा किया था कि वह अपनी लाइफ के शुरुआती सालों के दौरान अपने पिता के क्लोज नहीं रहे, लेकिन मां की मौत के बाद पिता के साथ बॉन्डिंग हुई। उन्होंने बताया था कि उनके पिता उन्हें सब कुछ लाकर देते थे। वे क्रिकेट के शौकिन थे। जब वह अपने पिता से बॉल या बैट की डिमांड करते तो वह उन्हें एक स्टोर में ले जाते थे। लेकिन मां की मौत के एक साल बाद उनकी मौत भी हो गई।
सलीम ने बताया था- जब मेरी मां जिंदा थी तब मैं अपने पिता के करीब नहीं था क्योंकि मैं उनसे डरता था, लेकिन मां की मौत के बाद उनके स्वभाव में काफी बदलाव आया और वे काफी सॉफ्ट नेचर के हो गए।
सलीम ने बताया था कि बचपन के इस अनुभव के बाद उन्होंने फैसला किया था कि वे अपने बच्चों के साथ काफी दोस्ती भरा व्यवहार करेंगे। उन्होंने कहा था कि उनके बच्चे उनसे खौफ नहीं खाते हैं। वे अपने इश्यू उनके साथ शेयर करते हैं।
सलीम खान कहते हैं कि वह अपने बच्चों को सलाह देते हैं और अच्छी बात यह है कि बच्चे भी जानते हैं कि एक अनुभवी व्यक्ति उनसे एक कदम आगे हैं। वे मुझसे ज्यादा ज्ञानी हो सकते हैं और इंटेलिजेंट भी हो सकते हैं, लेकिन वे जानते हैं कि मैं एक अनुभवी इंसान हूं।