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भारत में कोरोना की दवाई कब तक? रिसर्च में रात-दिन एक कर जुटे हैं इन 4 संस्थानों के वैज्ञानिक
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भारत भी दूसरे देशों के वैक्सीन बनने का इंतजार नहीं कर रहा। बल्कि हमारे वैज्ञानिक रात दिन एक कर कोरोना को खत्म करने वाले वैक्सीन की रिसर्च में जुटे हैं। शुक्रवार को हेल्थ मिनिस्टरी की डेली प्रेस ब्रीफिंग में इस बात की जानकारी भी दी गई।
हेल्थ मिनिस्टरी के सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना का वैक्सीन बनाने में भारतीय वैज्ञानिक ज़ोर शोर से रिसर्च कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया, "भारत में चार संस्थान कोरोना के वैक्सीन पर काम कर रहे हैं।"
लव अग्रवाल ने बताया, "डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नॉलजी, डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलजी, काउंसिल फॉर साइंस एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च, डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी में कोरोना वायरस को खत्म करने वाली वैक्सीन पर रिसर्च का काम हो रहा है।" (प्रतीकात्मक फोटो)
लॉकडाउन और पब्लिक आवेयरनेस से भारत ने अब तक कोरोना को रोकने की अच्छी कोशिश की है। अब तक भारत में कोरोना के संक्रमण की रफ्तार दूसरे देशों के मुक़ाबले बेहतर है। (प्रतीकात्मक फोटो)
भारत में शुक्रवार शाम तक कोरोना के 13815 केस सामने आ चुके हैं। अब तक 457 लोगों की मौत हुई है। जबकि 1955 लोग बीमारी से उबर चुके हैं।
भारत में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात की हालत खराब है। महाराष्ट्र में 3202, दिल्ली में 1640, तमिलनाडु में 1323, राजस्थान में 1193, मध्य प्रदेश में 1164 और गुजरात में 1021 मामले सामने आ चुके हैं।
भारत में कोरोना का पहला मामला केरल में सामने आया था। एक वक्त केरल सर्वाधिक प्रभावित राज्य था। पर अब वहां कोरोना के सिर्फ 138 केस एक्टिव हैं। केरल में वायरस की वजह से सिर्फ दो मौतें हुईं। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 194 लोगों को कोरोना की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है। (प्रतीकात्मक फोटो)