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खुशखबरी: इंसानों पर पहले टेस्ट में पास हुआ कोरोना का टीका, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी रेस में बरकरार
लंदन. कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकारें और वैज्ञानिक तमाम कोशिशें कर रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर्स और वैज्ञानिक कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन और टीका का लगातार प्रशिक्षण कर रहे हैं। कई देशों से खुशखबरी आने का अंदेशा लगाया जा रहा है। इस बीच ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से कोरोना वैक्सीन को लेकर खबर आ रही है कि इंसानों पर इसका पहला टेस्ट सफल हुआ है। ऑक्सफोर्ड की दवा में भी वॉलंटिअर्स में वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती पाई गई है। ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिक न सिर्फ वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 (अब AZD1222) के पूरी तरह सफल होने को लेकर आश्वस्त हैं बल्कि उन्हें 80% तक भरोसा है कि सितंबर तक वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। ऑक्सफर्ड की वैक्सीन का उत्पादन AstraZeneca करेगी।
| Published : Jul 16 2020, 08:54 AM IST
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हालांकि, ऑक्सफोर्ड के ट्रायल के नतीजों की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है और इनके गुरुवार को 'द लैंसेट' में छपने की उम्मीद है। इसका ट्रायल 15 वॉलंटिअर्स पर किया गया था और आने वाले हफ्तों में करीब 200-300 और वॉलंटिअर्स पर इसका ट्रायल किया जाएगा।
रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ऑक्सफोर्ड के ट्रायल में जिन लोगों को वैक्सीन दी गई थी उनमें ऐंटीबॉडी और वाइट ब्लड सेल्स (T-Cells) विकसित होते पाए गए हैं, जिनकी मदद से वायरस से इन्फेक्शन होने पर उनके शरीर प्रतिरोधक क्षमता के साथ तैयार हो सकते हैं।
खास बात यह बताई जा रही है कि अमूमन वैक्सीन के जरिए ऐंटीबॉडी पैदा होने पर गौर किया जाता है, लेकिन ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन में ऐंटीबॉडी के साथ-साथ वाइट ब्लड सेल (किलर T-cell) भी पैदा हो रहे हैं। शुरुआती ट्रायल्स में बिना किसी नुकसान के सफल रहने पर हजारों की संख्या में लोगों पर इसका टेस्ट करने की ओर बढ़ा जा सकेगा। इस वैक्सीन के ट्रायल में ब्रिटेन में 8 हजार और ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में 6 हजार लोग शामिल हैं। ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का ब्रिटेन में सबसे पहले इंसानों पर ट्रायल किया गया था।
इससे पहले अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की कोरोना वायरस वैक्सीन (Moderna Coronavirus Vaccine) अपने पहले ट्रायल में पूरी तरह से सफल रही थी। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपे अध्ययन के मुताबिक बताया जाता है कि 45 स्वस्थ लोगों पर इस वैक्सीन के पहले टेस्ट के परिणाम बहुत अच्छे रहे हैं।
इस वैक्सीन ने प्रत्येक व्यक्ति के अंदर कोरोना से जंग के लिए ऐंटीबॉडी विकसित किया। इस पहले टेस्ट में 45 ऐसे लोगों को शामिल किया गया था जो स्वस्थ थे और उनकी उम्र 18 से 55 साल के बीच थी।
मेडिसिन प्रोडक्शन कंपनी मॉडर्ना अब कोरोना वायरस वैक्सीन के लेट स्टेज ट्रायल की तैयारी कर रही है। कंपनी के अनुसार, 27 जुलाई के आसपास इस ट्रायल को शुरू किया जा सकता है। इसका इतना कोई खास साइड इफेक्ट नहीं रहा जिसकी वजह से वैक्सीन के ट्रायल को रोक दिया जाए। ट्रायल के दौरान वैक्सीन के तीन डोज देने के बाद आधे लोगों को हल्की थकान, शरीर में दर्द और सिर दर्द हुआ। करीब 40 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन देने के बाद हल्का बुखार महसूस किया।