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बचपन में छिन गया था मां का साया, पिता ने दोनों का फर्ज निभाकर बेटे को बनाया क्रिकेटर, अब बेटा कर रहा कमाल
स्पोर्ट्स डेस्क : आईपीएल (IPL 2021) के 14वें सीजन में गुरुवार को दिल्ली कैपिटल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स (Delhi Capitals vs Kolkata Knight Riders) के बीच खेले गए मैच में द पृथ्वी शो देखा गया। दिल्ली के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ और शिखर धवन की जोड़ी ने आतिशी बल्लेबाजी करते हुए दिल्ली को सात विकेट से जीत दिला दी। दूसरी पारी के पहले ओवर में ही पृथ्वी शॉ ने दिखा दिया कि, क्यों उनकी तुलना सचिन और ब्रायन लारा जैसे दिग्गजों से की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं इस खिलाड़ी की जिंदगी काफी संघर्षपूर्ण रही है। उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए अकेले मेहनत नहीं की बल्कि उनके पिता ने भी मां और बार का फर्ज निभाकर उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया। आइए जानते हैं पृथ्वी का यहां तक पहुंचने का सफर..
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6 बॉल पर मारे 6 चौके
गुरुवार को केकेआर के खिलाफ दिल्ली कैपिटल्स के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने 41 गेंद पर 82 रन की धमाकेदार पारी खेली। उनकी पारी का आगाज ही 6 चौकों के साथ हुआ। उन्होंने पहले ओवर में ही कोलकाता के गेंदबाज शिवम मावी के 1 ओवर में 6 चौके लगाए। अपनी पारी में उन्होंने 12 चौके और 3 छक्के भी जड़े। उनकी इस धुआंधार पारी के लिए उन्हें को मैन ऑफ द मैच चुना गया।
4 साल की उम्र में उठ गया था मां का साया
पृथ्वी शॉ का जीवन काफी संघर्षों से भरा रहा। जब वह महज चार साल के थे तो उनके सिर से मां की ममता की छांव उठ चुकी थी। इसके बाद से पिता पंकज को बेटे के लिए मां का भी फर्ज निभाया।
पिता ने नहीं खलने दी मां की कमी
पंकज शॉ ने बेटे के लिए मां और बाप दोनों की ड्यूटी निभाई और पृथ्वी को कभी कमी मां की कमी नहीं खलने दी। कपड़े पहनाने से लेकर खिलाने-पिलाने और क्रिकेट कोचिंग के लिए छोड़ने तक सब कुछ उनके पापा ने ही किया। वह प्रैक्टिस करने के लिए रोजाना 2 घंटे का सफर तय करके मुंबई में विरार से चर्चगेट तक जाते थे।
बेटे की परविश के लिए छोड़ना पड़ा बिजनेस
पत्नी की मौत के बाद बेटे के पालने की चुनौती शॉ के पिता के सामने आई। इस पर पंकज ने अपना बिजनेस भी कुछ समय के लिए ठप कर दिया। घर में बेटे की देखरेख के साथ क्रिकेट प्रैक्टिस में भी पिता साथ देते, जिसकी वजह से वह अपने धंधे पर ध्यान नहीं दे पाए थे।
3 साल की उम्र से खेल रहे हैं क्रिकेट
जब पृथ्वी शॉ महज तीन साल के थे, तभी पिता ने क्रिकेट एकेडमी में उनका दाखिला कराया। वह चाहते थे की उनका बेटा एक सफल क्रिकेटर बने। बेटे ने भी कड़ी मेहनत कर पिता का सपना पूरा किया।
सबसे कम उम्र में किया डेब्यू
पृथ्वी शॉ इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम उम्र में डेब्यू करने वाले खिलाड़ी हैं। इतना ही नहीं सबसे कम उम्र में शतक बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज का रिकार्ड भी उनके नाम है। बता दें कि उन्होंने 18 साल और 329 दिन में अपना डेब्यू किया था।
पिता ने किया बेटे पर भरोसा
अगर आज पृथ्वी शॉ क्रिकेट के सबसे युवा सितारे बनकर उभरे हैं तो इसमें उनके पिता का बड़ा रोल है। खुद पृथ्वी शॉ यह बात सोशल मीडिया पर जाहिर कर चुके हैं। फादर्स डे पर उन्होंने एक फोटो पोस्ट कर लिखा था कि," मेरे पिता ने जो मुझे सबसे बड़ा गिफ्ट दिया, वह है मुझपर भरोसे का।"
IPL में दर्ज हुआ ये खास रिकॉर्ड
गुरुवार को पृथ्वी ने 6 गेंदों पर 6 चौके मारे थे। आईपीएल में ऐसा करने वाले पृथ्वी शॉ दूसरे बल्लेबाज हैं। इससे पहले ये कारनामा 2012 में अजिंक्य रहाणे ने किया था, उन्होंने राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए रहाणे ने आरसीबी के गेंदबाज एस अरविंद के ओवर में लगातार 6 चौके मारे थे।
ऐसा रहा अबतक आईपीएल करियर
पृथ्वी शॉ के अबतक के आईपीएल करियर की बात की जाए, तो उन्होंने 45 मैचों में 1095 रन अपने नाम किए है। इसमें उनका बेस्ट स्कोर 99 रन है। वह आईपीएल में विकेटकीपिंग भी करते हैं।