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अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद पहले से कमजोर दिखे गांगुली, जानें किस बीमारी से महीनेभर से जूझ रहे हैं दादा
स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व कप्तान और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। एक महीने में दूसरे दिल के ऑपरेशन से गुजरना उनके लिए भी काफी मुश्किलों से भरा रहा। दादा पहले से काफी कमजोर नजर आ रहे हैं। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि वह जल्द ही पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे। 48 वर्षीय सौरव गांगुली को सीने में दर्द की शिकायत के बाद बुधवार को कोलकाता के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस साल यह दूसरी बार था कि जनवरी के शुरू में भर्ती होने के बाद उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और दूसरी बार उनकी एंजियोप्लास्टी की गई। डॉक्टर्स के मुताबिक गांगुली ‘ट्रिपल वेसल डिजीज’ (Triple Vessels Disease) से पीड़ित हैं। आज हम बताते हैं कि ये बीमारी क्या है और ये किसी इंसान के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है।
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2 जनवरी को अस्पताल में एंजियोप्लास्टी करवाने के बाद बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की तबियत एक बार फिर बिगड़ गई थी। जिसके बाद उन्हें बुधवार को सीने में दर्द के चलते कोलकाता के अपोलो अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां फिर से उनकी एंजियोप्लास्टी की गई।
31 जनवरी रविवार को उन्हें दूसरी एंजियोप्लास्टी के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर है, लेकिन वह पहले की तुलना में काफी कमजोर हो गए हैं।
दादा की 2 बार एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) यानी दिल की सर्जरी की गई है, जिसे बैलून एंजियोप्लास्टी (Ballon Angioplasty) और परक्यूटेनियस ट्रांसल्यूमिनाल एंजियोप्लास्टी (PTA) के नाम से भी जाना जाता है। इसमें धमनियों के जरिए से खून के सप्लाई को ठीक किया जाता है।
डॉक्टर्स के मुताबिक गांगुली ‘ट्रिपल वेसल डिजीज’ (Triple Vessels Disease) से पीड़ित हैं। जिसके कारण उनके हार्ट में खून पूरी तरह नहीं पहुंच रहा था और उन्हें हार्ट अटैक आया था। बता दें कि 2 जनवरी को दादा को घर में एक्सरसाइज करने के दौरान हार्ट अटैक आया था। जिसके बाद उन्हें कोलकाता के वुडलैंड्स हॉस्पिटल (woodlands hospital) में एडमिट करवाया गया था।
चलिए आपको बताते हैं कि कोरोनरी आर्टरी डिजीज क्या होती है। कई बार खून में फैट या कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से यह जमने लगता है और इसके कारण ये कोरोनरी आर्टरी ब्लॉक हो जाती हैं। इसके चलते दिल में खून की सप्लाई कम हो जाती है या नहीं होती। इसे ‘कोरोनरी आर्टरी डिजीज’ (Coronary Artery Disease) कहते हैं।
हार्ट में ब्लड पहुंचाने वाली 3 सबसे अहम वेसल (नलियां) में जब CAD पाया जाता है, यानी जब ये तीनों नलियां ब्लॉक होने लगती हैं, तो इसे ही ट्रिपल वेसल डिजीज कहते हैं। इसके कारण पीड़ित व्यक्ति को सीने में दर्द, सांस लेने में परेशानी, थकान जैसे लक्षण दिखने लगते हैं, जो हार्ट अटैक का कारण बनते हैं।
दादा का इलाज कर रहे भारत के मशहूर हार्ट स्पेशियलिस्ट डॉ. देवी शेट्टी (Dr. Devi Shetty) ने बताया कि पहले गांगुली के हृदय की एंजियोप्लास्टी कर एक वेसल से ब्लॉकेज हटाया और उसमें स्टेंट लगाया। इसके बाद 2 और स्टेंट डाले गए। डॉक्टर्स ने कहा कि उनका दिल बहुत मजबूत है। हमें उम्मीद है कि वह कुछ हफ्तों में अपनी नॉर्मल रूटीन को फिर से शुरू कर सकते हैं।'
अपोलो हॉस्पिटल से जब दादा अपने घर के लिए जा रहे थे, तो हजारों युवाओं ने उनकी कार पर गुलाब की पंखुड़ियां फेंकीं और नारे लगाते हुए कहा कि 'दादा का स्वागत है। हम आपके साथ हैं।'
2019 में बीसीसीआई के अध्यक्ष बने सौरव गांगुली इस पद पर बैठकर बखूबी काम संभाल रहे हैं। 1989 में अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाला गांगुली ने 113 टेस्ट मैच में 7212 रन बनाए थे। वहीं 311 वनडे में 11363 और 59 टी20 मैचों में 1349 रन लिए थे। वे एक बेहतरीन कप्तान रह चुके हैं।