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IPL का हिस्सा रह चुके हैं लालू यादव के छोटे बेटे, नहीं खेल पाए थे एक भी मैच, मैदान में ढोते दिखते थे बोतल
स्पोर्ट्स डेस्क : लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव यूं तो बिहार की राजनीति का बड़ा नाम हैं। 26 साल की उम्र में ही वह बिहार के उप मुख्यमंत्री बन गए थे और अब विधायक दल के नेता हैं पर राजनीति में एंट्री से पहले तेजस्वी क्रिकेटर थे। वह फर्स्ट क्लास, लिस्ट ए और टी20 मैच खेल चुके हैं। तेजस्वी आईपीएल के चार सीजनों का भी हिस्सा रह चुके हैं। हालांकि, उन्हें एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला। बेटे को मैच ना खिलाने पर लालू प्रसाद यादव सदन में तक भड़क चुके हैं और यह तक कह दिया था कि मेरे बेटे से सिर्फ पानी की बोतलें उठवाते हैं। बड़ा सवाल ये है कि ऐसा क्या हुआ कि क्रिकेट करियर को छोड़कर तेजस्वी को राजनीति में एंट्री लेनी पड़ी?
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लालू प्रसाद यादव के 9 बच्चों में सबसे छोटे तेजस्वी प्रसाद यादव ने शुरुआत में राजनीति से इतर क्रिकेट में अपना करियर देखा था। तेजस्वी ने कक्षा 9 वीं तक पढ़ाई की थी, इसके बाद वह क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहते थे।
तेजस्वी यादव ने विजय हजारे ट्रॉफी में झारखंड को रिप्रेजेंट किया। वह आईपीएल 2008, 2009, 2011 और 2012 के सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स का हिस्सा रहे थे। हालांकि, उन्हें एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला।
तेजस्वी बॉल को स्विंग कराते थे और लोअर ऑर्डर पर बैटिंग भी करते थे। उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में एक मैच में सबसे ज्यादा 19 रन बनाए और बॉलिंग में उन्होंने 10 रन देकर 1 विकेट लिया था। इसके बाद वह क्रिकेट में सफल नहीं हो पाए।
आईपीएल के चार सीजन में होने के बाद भी वह एक भी मैच नहीं खेल पाए थे जिसपर उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने सदन में जमकर हंगामा किया था।
दरअसल, 2012 में आईपीएल घोटाले में शशि थरूर की पुणे वॉरियर्स की टीम में हिस्सेदारी को लेकर संसद में हंगामा हुआ था। तब इस मुद्दे पर बोलते हुए लालू प्रसाद ने कहा था, 'मेरा बेटा तेजस्वी दिल्ली की टीम का हिस्सा है, लेकिन उसने अब तक खिलाड़ियों को मैदान पर पानी की बोतलें ही पहुंचाई हैं। वे उसे खेलने का मौका नहीं देते हैं।'
क्रिकेट में सफल नहीं होने पर तेजस्वी यादव ने राजनीति का रुख किया और 26 साल की उम्र में उन्हें बिहार का उप मुख्यमंत्री बना दिया गया। क्रिकेट के मैदान में भले ही तेजस्वी यादव बहुत सफल नहीं हो पाए हों, लेकिन राजनीति में वह सफल राजनेता जरूर बन गए हैं।
लालू यादव के चारा घोटाला में जेल जाने के बाद उन्होंने अपने पिता की पार्टी राजद की कमान संभाली और फिलहाल वह बिहार के नेता प्रतिपक्ष हैं।