जब सचिन तेंदुलकर ने किया था क्रिकेटर होने से इंकार, खुद को माना था एक्टर और मॉडल
स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय क्रिकेट में जब भी हम किसी दिग्गज खिलाड़ी का जिक्र करते हैं, तो सबसे पहले जहन में एक ही नाम आता है, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)। सचिन ने एक महान क्रिकेटर के रूप में सभी के दिलों में छाप छोड़ी है। लेकिन एक बार ऐसा क्या हुआ कि उन्हें खुद को क्रिकेटर छोड़कर एक्टर और कलाकार बताना पड़ा? जी हां, हम बात कर रहे हैं साल 2011 की। उस दौरान टैक्स बचाने के लिए सचिन तेंदुलकर ने खुद को पेशेवर क्रिकेटर नहीं बल्कि एक एक्टर माना। इसपर बकायदा बहस भी छिड़ी लेकिन फैसला सचिन के पक्ष में आया। उन्हें एक कलाकार माना गया। आइए आज आपको बताते हैं कि उस वक्त आखिर क्या हुआ था...
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अक्सर हमने देखा है कि लोग टैक्ट डिडक्शन से बचने के लिए अपनी आय छुपाते हैं या फिर उसे किसी और तरीके से पेश करते है। जिससे की टैक्स में छूट मिल जाए। कुछ ऐसा ही वाक्या हुआ था दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के साथ।
जी हां, साल 2011 में सचिन तेंदुलकर भी टैक्स डिडक्शन मामले में फंस चुके हैं। उस समय सचिन तेंदुलकर को ESPN स्टार स्पोर्ट्स, पेप्सिको और वीजा कंपनियों से 5.92 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी। इसके बाद सचिन ने 1.77 करोड़ रुपए के डिडक्शन का क्लेम किया, क्योंकि उन्हें फॉरेन करेंसी में यह रकम हासिल हुई थी।
दरअसल, सचिन को ये कमाई विज्ञापन और स्पॉन्सरशिप के जरिए हुई थी, ना कि क्रिकेट खेलने के लिए। इसलिए ये छूट 80RR के दायरे में आती है या नहीं इस पर टैक्स अथॉरिटी ने सवाल खड़े किए थे।
अथॉरिटी ने कहा था कि सचिन ने एक्टिंग के बल पर इन विज्ञापनों में काम नहीं किया, बल्कि क्रिकेट में मिली सफलता और शोहरत के बल पर यह काम किया। इसलिए सिर्फ अभिनय के आधार पर टैक्स डिडक्शन का लाभ नहीं दिया जा सकता है और इस आय को क्रिकेट से जुड़ी आय मानी जाए।
बता दें कि 1995 के सेक्शन 80RR के तहत भारतीय निवासी लेखक, प्लेराइट, आर्टिस्टस्ट, संगीतज्ञ, अभिनेता या खिलाड़ी को कुछ स्थितियों में टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है। यह लाभ तब मिलता है, जब दूसरे देश की सरकार या विदेशी व्यक्ति से उन्हें काम के लिए पैसे मिलते है।
सचिन ने इसी के तहत डिडक्शन मांगा था। इसके बाद यह बहस छिड़ गई की सचिन एक क्रिकेटर हैं या एक्टर हैं या एक कलाकार? उस समय सचिन ने खुद ही कहा था कि वह पेशेवर क्रिकेटर नहीं बल्कि एक एक्टर हैं और अगर उन्हें एक्टर नहीं माना जाता है, तो वह एक कलाकार हैं।
सचिन तेंदुलकर ने दावा किया था कि वह एक एक्टर और मॉडल हैं और यही उनका बिजनेस और प्रोफेशन है। उनके मुताबिक वह सिर्फ एक नॉन प्रोफेशनल क्रिकेटर हैं।
सचिन आर तेंदुलकर बनाम असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स मामले में टैक्स अधिकारियों ने सचिन के तर्क को खारिज कर दिया था। इनकम टैक्स एपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) ने इस विवाद का फैसला दिया और कहा कि सचिन तेंदुलकर एक कलाकार भी हैं। अपीलेट ट्रिब्यूनल ने सचिन को टैक्स डिडक्शन का लाभ भी दिया था। इतना ही नहीं 1997 में भी उन्हें एक्टिंग के क्षेत्र में टैक्स डिडक्शन का लाभ दिया गया था।